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Gumla Naxalite News: गुमला पुलिस को बड़ी सफलता, भाकपा माओवादी के मुख्य सहयोगी रामकेश्वर गिरफ्तार - भाकपा माओवादी के मुख्य सहयोगी

नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के मुख्य सहयोगी रामकेश्वर उरांव को पुलिस ने धर दबोचा है. रामकेश्वर पिछले पांच वर्षों से पुलिस की पकड़ से फरार चल रहा था.

Gumla Crime News
भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के मुख्य सहयोगी रामकेश्वर उरांव गिरफ्तार
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Published : May 8, 2023, 2:48 PM IST

गुमला: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के मुख्य सहयोगी रामकेश्वर उरांव को पुलिस ने सोमवार (8 मई) को गिरफ्तार कर लिया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. रामकेश्वर के ऊपर गुमला जिला अंतर्गत कुरुमगढ़ थाना में पिछले 5 वर्षों से नक्सली गतिविधि में सहयोग करने के खिलाफ थाना में कांड संख्या 03/21 में मामला दर्ज था. इसके अलावा वह तीन अन्य नक्सली कांड के में शामिल था. भाकपा माओवादियों के मुख्य समर्थक के रूप में काम करता था साथी पुलिस के हर गतिविधियों की सूचना उन तक पहुंचाने वह पुलिस की रेकी का काम किया करता था.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand News: 10 लाख का इनामी अमरजीत यादव सहित पांच माओवादियों ने किया सरेंडर, आईजी अभियान ने कहा- मुख्य धारा में लौटें नक्सली

रामकेश्वर के विरुद्ध कुरूम गढ़ थाना में भी 5/21 व 9/20 कांड संख्या दर्ज है. वहीं हाल ही में गुरदरी थाना क्षेत्र में हुए आगजनी की घटना में भी रामकेश्वर की संलिप्तता थी. जिस मामले को लेकर इसके घर में कुर्की भी की गई थी. इसके अलावा हेठजोड़ी के 1 पारा शिक्षक की नक्सलियों द्वारा हत्या में भी इसका नाम सामने आया था. रामकेश्वर पिछले पांच वर्षों से पुलिस की गिरफ्त से फरार था. सोमवार को वह पुलिस के हत्थे चढ़ा. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की.

कुरूमकर जंगल पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है, जहां एक समय में इसे भाकपा माओवादियों का मांद कहा जाता था. यहां खुलेआम दिन दहाड़े नक्सली द्वारा कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. लेकिन पुलिस दबिश और थाना बनाने के बाद अब माओवादी इस क्षेत्र से बैकफुट पर चले गए हैं. बचे हुए नक्सलियों को गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की बात कही है.

गुमला: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के मुख्य सहयोगी रामकेश्वर उरांव को पुलिस ने सोमवार (8 मई) को गिरफ्तार कर लिया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. रामकेश्वर के ऊपर गुमला जिला अंतर्गत कुरुमगढ़ थाना में पिछले 5 वर्षों से नक्सली गतिविधि में सहयोग करने के खिलाफ थाना में कांड संख्या 03/21 में मामला दर्ज था. इसके अलावा वह तीन अन्य नक्सली कांड के में शामिल था. भाकपा माओवादियों के मुख्य समर्थक के रूप में काम करता था साथी पुलिस के हर गतिविधियों की सूचना उन तक पहुंचाने वह पुलिस की रेकी का काम किया करता था.

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रामकेश्वर के विरुद्ध कुरूम गढ़ थाना में भी 5/21 व 9/20 कांड संख्या दर्ज है. वहीं हाल ही में गुरदरी थाना क्षेत्र में हुए आगजनी की घटना में भी रामकेश्वर की संलिप्तता थी. जिस मामले को लेकर इसके घर में कुर्की भी की गई थी. इसके अलावा हेठजोड़ी के 1 पारा शिक्षक की नक्सलियों द्वारा हत्या में भी इसका नाम सामने आया था. रामकेश्वर पिछले पांच वर्षों से पुलिस की गिरफ्त से फरार था. सोमवार को वह पुलिस के हत्थे चढ़ा. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की.

कुरूमकर जंगल पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है, जहां एक समय में इसे भाकपा माओवादियों का मांद कहा जाता था. यहां खुलेआम दिन दहाड़े नक्सली द्वारा कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. लेकिन पुलिस दबिश और थाना बनाने के बाद अब माओवादी इस क्षेत्र से बैकफुट पर चले गए हैं. बचे हुए नक्सलियों को गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की बात कही है.

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