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गुमला में पूर्व मुखिया की मनमानी, कहा- मैं अपने पंचायत में कुछ भी करूं, मेरी मर्जी

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Published : Jun 16, 2023, 1:40 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 2:56 PM IST

गुमला में पूर्व मुखिया की दबंगई का मामला सामने आया है. पूर्व मुखिया पर अपनी मर्जी से पंचायत भवन तुड़वाने का आरोप लगा है. हालांकि पूर्व मुखिया ने कहा कि यह उनके विरोधियों की साजिश है. मामला बेलागड़ा पंचायत का है.

former mukhiya demolished panchayat building in gumla
former mukhiya demolished panchayat building in gumla
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गुमलाः जिले के घाघरा प्रखंड के बेलागड़ा पंचायत में पूर्व मुखिया की दबंगई देखने को मिली. पूर्व मुखिया ने बिना सरकारी अनुमति के पंचायत भवन तुड़वा दिया. पंचायत भवन तोड़े जाने की घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है, वहीं बीडीओ ने कहा है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः Godda News: 'अवैध वसूली के धंधे में हिस्सेदार बनो नहीं तो गोली मार देंगे', गोड्डा में मुखिया पति की दबंगई

दरअसल बेलागड़ा पंचायत भवन को पूर्व मुखिया संजय उरांव ने ध्वस्त करा दिया. हालांकि उस स्थान पर महिला मंडल के लिए नया भवन निर्माण कराने की बात कही है. इधर इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन सही सलामत था, केवल छत पर लगा दो चदरा क्षतिग्रस्त हो गया था. ग्रामीणों ने बताया कि संजय उरांव पूर्व में मुखिया था और वर्तमान में उसकी पत्नी मुखिया है, जिसकी वजह से उसने दबंगई दिखाते हुए बिना अनुमति पंचायत भवन को ध्वस्त करा दिया.

ग्रामीणों ने कहा कि संजय उरांव कहता है कि मैं पूर्व मुखिया हूं, मेरी पत्नी वर्तमान मुखिया है. मैं अपने पंचायत में जो चाहूं सो कर सकता हूं, मुझे कोई नहीं रोक सकता है. आक्रोशित ग्रामीणों ने इसकी सूचना घाघरा के सीओ प्रणव ऋतुराज को दी और फिर घाघरा पुलिस ने स्थल पर जाकर किसी भी प्रकार का कार्य करने से संजय उरांव को मना किया.

ग्रामीणों का आरोप है कि बगैर गंव वालों से सलाह और ग्रामसभा किए ही संजय ने पंचायत भवन को ध्वस्त करवा दिया. जब संजय उरांव से पूछा गया तो उसने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि गांव में ग्रामसभा करने के बाद भवन तुड़वाए हैं. उसने यह भी बताया कि महिला मंडल दूसरे के बरामदे में बैठक करती थी. इसी दृष्टिकोण से उनकी सहूलियत को लेकर कमरा बनाने को लेकर भवन तुड़वाया गया. मेरे विपक्षियों की साजिश है मुझे फंसाने की. पूर्व में एनओसी मिला था पर मेरे पास उसका प्रमाण नहीं है. जर्जर भवन था इसलिए बिना कार्यादेश मिले तुड़वा दिया.

वहीं घाघरा प्रखंड विकास पदाधिकारी बिष्णुदेव कच्छप से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बगैर एनओसी के किसी भी सरकारी भवन को तोड़ना गलत है. प्रक्रिया के तहत कंडम घोषित होने के बाद ही सरकारी भवन को तोड़ा जाता है. अगर किसी ने उसे तोड़ा है तो वह कानून के दायरे में आ गया है. जांच करने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.

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गुमलाः जिले के घाघरा प्रखंड के बेलागड़ा पंचायत में पूर्व मुखिया की दबंगई देखने को मिली. पूर्व मुखिया ने बिना सरकारी अनुमति के पंचायत भवन तुड़वा दिया. पंचायत भवन तोड़े जाने की घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है, वहीं बीडीओ ने कहा है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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दरअसल बेलागड़ा पंचायत भवन को पूर्व मुखिया संजय उरांव ने ध्वस्त करा दिया. हालांकि उस स्थान पर महिला मंडल के लिए नया भवन निर्माण कराने की बात कही है. इधर इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन सही सलामत था, केवल छत पर लगा दो चदरा क्षतिग्रस्त हो गया था. ग्रामीणों ने बताया कि संजय उरांव पूर्व में मुखिया था और वर्तमान में उसकी पत्नी मुखिया है, जिसकी वजह से उसने दबंगई दिखाते हुए बिना अनुमति पंचायत भवन को ध्वस्त करा दिया.

ग्रामीणों ने कहा कि संजय उरांव कहता है कि मैं पूर्व मुखिया हूं, मेरी पत्नी वर्तमान मुखिया है. मैं अपने पंचायत में जो चाहूं सो कर सकता हूं, मुझे कोई नहीं रोक सकता है. आक्रोशित ग्रामीणों ने इसकी सूचना घाघरा के सीओ प्रणव ऋतुराज को दी और फिर घाघरा पुलिस ने स्थल पर जाकर किसी भी प्रकार का कार्य करने से संजय उरांव को मना किया.

ग्रामीणों का आरोप है कि बगैर गंव वालों से सलाह और ग्रामसभा किए ही संजय ने पंचायत भवन को ध्वस्त करवा दिया. जब संजय उरांव से पूछा गया तो उसने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि गांव में ग्रामसभा करने के बाद भवन तुड़वाए हैं. उसने यह भी बताया कि महिला मंडल दूसरे के बरामदे में बैठक करती थी. इसी दृष्टिकोण से उनकी सहूलियत को लेकर कमरा बनाने को लेकर भवन तुड़वाया गया. मेरे विपक्षियों की साजिश है मुझे फंसाने की. पूर्व में एनओसी मिला था पर मेरे पास उसका प्रमाण नहीं है. जर्जर भवन था इसलिए बिना कार्यादेश मिले तुड़वा दिया.

वहीं घाघरा प्रखंड विकास पदाधिकारी बिष्णुदेव कच्छप से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बगैर एनओसी के किसी भी सरकारी भवन को तोड़ना गलत है. प्रक्रिया के तहत कंडम घोषित होने के बाद ही सरकारी भवन को तोड़ा जाता है. अगर किसी ने उसे तोड़ा है तो वह कानून के दायरे में आ गया है. जांच करने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 16, 2023, 2:56 PM IST
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