ETV Bharat / state

पूर्व मंत्री बंदी उरांव का निधन, सीएम हेमंत ने दी श्रद्धांजलि

सिसई विधानसभा के पूर्व विधायक बंदी उरांव का निधन हो गया. उनके निधन से झारखंड को बड़ी क्षति हुई है. वो काफी दिनों से बीमार थे. सीएम हेमंत ने भी उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

former-minister-bandi-oraon-died-in-ranchi
बंदी उरांव का निधन
author img

By

Published : Apr 6, 2021, 4:44 PM IST

गुमला: सिसई विधानसभा के पूर्व विधायक बंदी उरांव का रांची स्थित आवास पर निधन हो गया. वो काफी दिनों से बीमार थे. उनके निधन से झारखंड में एक राजनैतिक युग का अंत हो गया. सीएम हेमंत ने भी उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

former-minister-bandi-oraon-died-in-ranchi
सीएम हेमंत का ट्वीट

इसे भी पढे़ं: गुमला: कार की चपेट में आने से छात्रा घायल, स्कूल के समीप हुआ हादसा

बंदी उरांव ने पुलिस की सेवा से त्यागपत्र देकर साल 1980 में सिसई से राजनीति की शुरुआत की थी. चुनाव में जीत के साथ उन्होंने बिहार सरकार में मंत्री पद का दायित्व भी संभाला था. उन्होंने जल, जंगल, जमीन आंदोलन, पत्थलगड़ी आंदोलन और ग्राम सभा आंदोलन में अविस्मरणीय नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया. जनजातीय आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पेसा कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. झारखंड की अस्मिता सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया. उन्होंने सिसई क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व किया. बाद में उनके प्रभाव के कारण उनकी पुत्रवधू गीताश्री उरांव ने भी इस क्षेत्र से जीत दर्ज की.

पूरे इलाके में शोक की लहर
लगभग 90 साल के बंदी उरांव ने अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए. उनके बेटे डॉ अरुण उरांव और पुत्रवधू गीताश्री उरांव आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनके निधन पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव, सांसद समीर उरांव, सांसद सुदर्शन भगत, वरिष्ठ नेता शशिकांत भगत सहित कई लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है.

गुमला: सिसई विधानसभा के पूर्व विधायक बंदी उरांव का रांची स्थित आवास पर निधन हो गया. वो काफी दिनों से बीमार थे. उनके निधन से झारखंड में एक राजनैतिक युग का अंत हो गया. सीएम हेमंत ने भी उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

former-minister-bandi-oraon-died-in-ranchi
सीएम हेमंत का ट्वीट

इसे भी पढे़ं: गुमला: कार की चपेट में आने से छात्रा घायल, स्कूल के समीप हुआ हादसा

बंदी उरांव ने पुलिस की सेवा से त्यागपत्र देकर साल 1980 में सिसई से राजनीति की शुरुआत की थी. चुनाव में जीत के साथ उन्होंने बिहार सरकार में मंत्री पद का दायित्व भी संभाला था. उन्होंने जल, जंगल, जमीन आंदोलन, पत्थलगड़ी आंदोलन और ग्राम सभा आंदोलन में अविस्मरणीय नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया. जनजातीय आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पेसा कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. झारखंड की अस्मिता सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया. उन्होंने सिसई क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व किया. बाद में उनके प्रभाव के कारण उनकी पुत्रवधू गीताश्री उरांव ने भी इस क्षेत्र से जीत दर्ज की.

पूरे इलाके में शोक की लहर
लगभग 90 साल के बंदी उरांव ने अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए. उनके बेटे डॉ अरुण उरांव और पुत्रवधू गीताश्री उरांव आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनके निधन पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव, सांसद समीर उरांव, सांसद सुदर्शन भगत, वरिष्ठ नेता शशिकांत भगत सहित कई लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.