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कमजोर मानसून से किसान परेशान, ताक रहे आसमान - झारखंड समाचार

गुमला में अच्छी बारिश न होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है. उनका कहना है कि धान के बिचड़े अब सूखने लगे हैं और इससे अच्छी फसल की उम्मीद करना बेमानी होगी.

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Published : Jul 17, 2019, 1:09 PM IST

गुमला: जिले में इस वर्ष मानसून की बेरुखी से धान के बिचड़े लगे खेतों में दरारें पड़ गए हैं. अगर जल्द ही जिले में बारिश नहीं होती है तो धान की खेती करने वाले किसानों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. किसान अपने सूखे खेतों को देखकर मायूस है उन्हें इस बात की चिंता है कि आने वाले समय में परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे.

देखें स्पेशल स्टोरी

किसानों का कहना है वे सिर्फ धान की ही खेती करते हैं, जिसके लिए बारिश के मौसम का उन्हें इंतजार रहता है. जैसे ही बारिश शुरू होती है और खेतों में पानी जमा होता है उसके बाद में धान की खेती में वे लग जाते हैं. सबसे पहले धान के बिचड़े तैयार करते हैं जिसके बाद उसे खेतों में रोपकर धान की खेती करते हैं.

ये भी पढ़ें- विधवा गांव के नाम से जानते हैं इस गांव को लोग, अब बदल रही है तस्वीर

पानी की कमी से सूख रहे खेत

किसानों ने कहा बारिश के मौसम में अब तक आधे बिचड़े को खेतों मे लगा दिया जाता था, लेकिन इस बार बारिश नहीं होने की वजह से जो धान के बिचड़े खेतों में लगाए थे वह भी पानी की कमी के कारण सूख रहे हैं. अगर बारिश नहीं होती है तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. परिवार चलाने के लिए वे धान की खेती करते हैं.

सूख गए हैं बिचड़े

किसान भी यह मानते हैं कि बारिश की इस मौसम में जहां धान के बिचड़े लगे खेत सूख गए हैं, वहीं नदियों में भी पानी नहीं है इससे स्पष्ट होता है गुमला जिला सूखे की चपेट की ओर बढ़ रहा है. वहीं इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि गुमला जिले में जून महीने में अच्छी बारिश हुई थी, जो अब तक जारी है.

गुमला: जिले में इस वर्ष मानसून की बेरुखी से धान के बिचड़े लगे खेतों में दरारें पड़ गए हैं. अगर जल्द ही जिले में बारिश नहीं होती है तो धान की खेती करने वाले किसानों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. किसान अपने सूखे खेतों को देखकर मायूस है उन्हें इस बात की चिंता है कि आने वाले समय में परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे.

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किसानों का कहना है वे सिर्फ धान की ही खेती करते हैं, जिसके लिए बारिश के मौसम का उन्हें इंतजार रहता है. जैसे ही बारिश शुरू होती है और खेतों में पानी जमा होता है उसके बाद में धान की खेती में वे लग जाते हैं. सबसे पहले धान के बिचड़े तैयार करते हैं जिसके बाद उसे खेतों में रोपकर धान की खेती करते हैं.

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पानी की कमी से सूख रहे खेत

किसानों ने कहा बारिश के मौसम में अब तक आधे बिचड़े को खेतों मे लगा दिया जाता था, लेकिन इस बार बारिश नहीं होने की वजह से जो धान के बिचड़े खेतों में लगाए थे वह भी पानी की कमी के कारण सूख रहे हैं. अगर बारिश नहीं होती है तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. परिवार चलाने के लिए वे धान की खेती करते हैं.

सूख गए हैं बिचड़े

किसान भी यह मानते हैं कि बारिश की इस मौसम में जहां धान के बिचड़े लगे खेत सूख गए हैं, वहीं नदियों में भी पानी नहीं है इससे स्पष्ट होता है गुमला जिला सूखे की चपेट की ओर बढ़ रहा है. वहीं इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि गुमला जिले में जून महीने में अच्छी बारिश हुई थी, जो अब तक जारी है.

Intro:Day plan_special story

गुमला: जिले में इस वर्ष मानसून की बेरुखी से धान के बिचड़े लगे खेतों में दरारें पड़ गई है । अगर जल्द ही जिले में बारिश नहीं होती है तो धान की खेती करने वाले किसानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी । किसान अपने सूखे खेतों को देखकर मायूस है उन्हें इस बात की चिंता है कि आने वाले समय में परिवार वालों का भरण पोषण कैसे होगा ,जो पालतू पशु है वह क्या खाएंगे।


Body:धान की खेती करने वाले किसानों का कहना है साल भर में सिर्फ धान की ही खेती करते हैं। जिसके लिए बारिश के मौसम का उन्हें इंतजार रहता है ,जैसे ही बारिश शुरू होती है और खेतों में पानी जमा होता है उसके बाद में धान की खेती के लग जाते हैं । सबसे पहले धान के बिचड़े तैयार करते हैं जिसके बाद उसे खेतों में रोपकर धान की खेती करते हैं ।
किसानों ने कहा बारिश कि मौसम में अब तक खेतों में आधे बिचड़े को खेतों मे लगा दिया जाता था । लेकिन इस बार बारिश नहीं होने की वजह से जो धान के बिचड़े खेतों में लगाए थे वह बीच में भी पानी की कमी के कारण सूख रहे हैं ।
किसानों का कहना है अगर बारिश नहीं होती है तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा । परिवार चलाने के लिए वे धान की खेती करते हैं। जब धान की खेती तैयार हो जाती है फिर उसके बाद उससे जो धान की पैदावार होती है उसे बाजार में बेचते हैं । और फिर उन पैसों से घर के खर्च बच्चों की पढ़ाई लिखाई एवं सुख दुख में पैसों का उपयोग किया जाता है । लेकिन जिस तरह से मानसून ने अबतक धोखा दिया है उससे यही लगता है की आने वाला दिन शुभ नहीं होगा।


Conclusion:जिले में मौसम की बेरुखी इस बात से भी समझी जा सकती है कि जिस नदी में बारिश के मौसम में उस का जल स्तर काफी ऊंचा रहता है । वहां अभी गर्मियों में बहने वाली नदी की धार दिखाई दे रही है । किसान भी यह मानते हैं कि बारिश की इस मौसम में जहां धान के बिचड़े लगे खेत सूख गए हैं वही नदियों में भी पानी नहीं है । इससे स्पष्ट होता है गुमला जिला सूखे की चपेट की ओर बढ़ रहा है ।
वही इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि गुमला जिले में जून महीने में अच्छी बारिश हुई थी । इसी के साथ जुलाई महीने में भी अभी तक बारिश अच्छी हुई है ।
बहरहाल धान के बिचड़े लगे खेतों में दरार, सुने खेत और कम वेग में बह रही नदियों को देख कर यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि गुमला जिला में मानसून की बेरुखी है ।
लेकिन जो सरकारी अधिकारी हैं आखिर में वे किस पैमाने से बारिश को माप रहे हैं जिससे उन्हें यह लगता है गुमला जिले में बारिश की स्थिति अच्छी है । ।
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