गुमला: जिले में इस वर्ष मानसून की बेरुखी से धान के बिचड़े लगे खेतों में दरारें पड़ गए हैं. अगर जल्द ही जिले में बारिश नहीं होती है तो धान की खेती करने वाले किसानों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. किसान अपने सूखे खेतों को देखकर मायूस है उन्हें इस बात की चिंता है कि आने वाले समय में परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे.
किसानों का कहना है वे सिर्फ धान की ही खेती करते हैं, जिसके लिए बारिश के मौसम का उन्हें इंतजार रहता है. जैसे ही बारिश शुरू होती है और खेतों में पानी जमा होता है उसके बाद में धान की खेती में वे लग जाते हैं. सबसे पहले धान के बिचड़े तैयार करते हैं जिसके बाद उसे खेतों में रोपकर धान की खेती करते हैं.
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पानी की कमी से सूख रहे खेत
किसानों ने कहा बारिश के मौसम में अब तक आधे बिचड़े को खेतों मे लगा दिया जाता था, लेकिन इस बार बारिश नहीं होने की वजह से जो धान के बिचड़े खेतों में लगाए थे वह भी पानी की कमी के कारण सूख रहे हैं. अगर बारिश नहीं होती है तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. परिवार चलाने के लिए वे धान की खेती करते हैं.
सूख गए हैं बिचड़े
किसान भी यह मानते हैं कि बारिश की इस मौसम में जहां धान के बिचड़े लगे खेत सूख गए हैं, वहीं नदियों में भी पानी नहीं है इससे स्पष्ट होता है गुमला जिला सूखे की चपेट की ओर बढ़ रहा है. वहीं इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि गुमला जिले में जून महीने में अच्छी बारिश हुई थी, जो अब तक जारी है.