गुमलाः जिले में स्थित महाबली हनुमान की जन्मभूमि आंजन धाम में बुधवार को कोरोना संक्रमण का असर दिखा, जहां रामनवमी के दिन भी काफी कम संख्य में श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए मंदिर समिति ने सादगी के साथ रामनवमी पर्व मनाया.
यह भी पढ़ेंःरामनवमी में महावीरी झंडा का होता है विशेष महत्व, आप भी जानें क्यों फहराया जाता है ध्वज
रामनवमी के दिन आंजन धाम में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती थी. भक्ति गीतों से पूरा परिसर राममय हो जाता था. चाराें ओर उत्सव और उमंग का माहौल बना रहता था लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरा को देखते हुए श्रद्धालु कम पहुंचे. आंजन में इक्का-दुक्का श्रद्धालु पहुंचे थे. इससे मंदिर परिसर में सन्नटा दिखा.
लंगर का किया गया आयोजन
आंजन में आंजन धाम विकास समिति के सदस्याें और स्थानीय लोगों ने अंजनी माता की गोद में बाल हनुमान का दर्शन और पूजन किया. अंजनी माता के मंदिर में महावीरी झंडा लगाए. आंजन में मुख्य मंदिर के पुरोहित केदार नाथ मिश्र ने रामनवमी की विशेष पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही विकास समिति की ओर से मंदिर परिसर में लंगर का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विकास समिति के अध्यक्ष सरोज सिंह, मुकेश सोनी, श्रीदेव सिंह, मुखदेव सिंह आदि उपस्थित थे.
नवकन्या का हुआ पूजन
चैत्र नवरात्र के अवसर पर आंजन धाम के मुख्य मंदिर में कलश स्थापन किया गया था. आचार्य केदार नाथ मिश्र ने पूरे विधि-विधान के साथ शक्ति की सभी नौ स्वरूपों की पूजा की और बुधवार को हवन के बाद नव कन्या का पूजन किया. इसके साथ ही नव कन्याओं को भोजन भी कराया गया.