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गुमलाः BJP कार्यकर्ताओं ने मनाई जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती, किया शत-शत नमन - गुमला में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई गई

सोमवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पूरे देश में धूम-धाम से मनाई गई. इस दौरान गुमला में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की.

जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती.
जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती.
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Published : Jul 6, 2020, 7:40 PM IST

गुमला: सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती भाजपा कार्यकर्ताओं ने धूम-धाम से मनाई. कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम सामूहिक वंदे मातरम के गान के साथ की गई. साथ ही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई.


नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद सुदर्शन भगत ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन सभी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए ऐतेहासिक दिन है, ऐसे युग पुरुष को शत-शत नमन है, जिनकी सोच ने भारत को अखंड बना दिया. उनके सपनों को साकार करना हर भाजपा कार्यकर्ताओं का पहला कर्तव्य बनता है.

भारत माता के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवनियुक्त जिला अध्यक्ष अनुपचंद्र अधिकारी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक युग पुरूष थे, जिनका बलिदान भाजपा कार्यकर्ताओं को भारत माता के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है. कार्यक्रम को विनोद कुमार, किरण माला बड़ा, शिवशंकर उराव, कमलेश उराव, विजय मिश्रा, सविंद्र सिंह, मुनेश्वर साहू के द्वारा भी संबोधित किया गया. सभी वक्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रेरणा लेकर देश और समाज के लिए काम करने पर बल दिया.

इसे भी पढ़ें- श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती आज, अर्जुन मुंडा ने वृक्षारोपण कर दी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर से हटाए गए धारा 370 के मुख्य विरोधी
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था. पिछले साल जम्मू-कश्मीर से हटाए गए धारा 370 के ये मुख्य विरोधी थे. वह चाहते थे कि कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा बने और वहां अन्य राज्यों की तरह समान कानून लागू हो. इसके लिए उन्होंने संसद में अपने भाषण में धारा 370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी. अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा. संकल्प को पूरा करने के लिए वे 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े. वहां पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु हो गयी.

पीएम मोदी ने किया ट्वीट
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं, वह एक सच्चे देशभक्त थे. उन्होंने देश की एकता को मजबूत करने के लिए साहसिक प्रयास किये, उनके विचारों और आदर्शों से देश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिलती है.'

गुमला: सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती भाजपा कार्यकर्ताओं ने धूम-धाम से मनाई. कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम सामूहिक वंदे मातरम के गान के साथ की गई. साथ ही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई.


नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद सुदर्शन भगत ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन सभी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए ऐतेहासिक दिन है, ऐसे युग पुरुष को शत-शत नमन है, जिनकी सोच ने भारत को अखंड बना दिया. उनके सपनों को साकार करना हर भाजपा कार्यकर्ताओं का पहला कर्तव्य बनता है.

भारत माता के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवनियुक्त जिला अध्यक्ष अनुपचंद्र अधिकारी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक युग पुरूष थे, जिनका बलिदान भाजपा कार्यकर्ताओं को भारत माता के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है. कार्यक्रम को विनोद कुमार, किरण माला बड़ा, शिवशंकर उराव, कमलेश उराव, विजय मिश्रा, सविंद्र सिंह, मुनेश्वर साहू के द्वारा भी संबोधित किया गया. सभी वक्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रेरणा लेकर देश और समाज के लिए काम करने पर बल दिया.

इसे भी पढ़ें- श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती आज, अर्जुन मुंडा ने वृक्षारोपण कर दी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर से हटाए गए धारा 370 के मुख्य विरोधी
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था. पिछले साल जम्मू-कश्मीर से हटाए गए धारा 370 के ये मुख्य विरोधी थे. वह चाहते थे कि कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा बने और वहां अन्य राज्यों की तरह समान कानून लागू हो. इसके लिए उन्होंने संसद में अपने भाषण में धारा 370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी. अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा. संकल्प को पूरा करने के लिए वे 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े. वहां पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु हो गयी.

पीएम मोदी ने किया ट्वीट
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं, वह एक सच्चे देशभक्त थे. उन्होंने देश की एकता को मजबूत करने के लिए साहसिक प्रयास किये, उनके विचारों और आदर्शों से देश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिलती है.'

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