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केंद्र सरकार झारखंड के साथ कर रही है सौतेला व्यवहारः कांंग्रेस - गुमला में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित

गुमला में गुरुवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आदिवासी और मूलवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया के कारण झारखंड के समक्ष बहुत बड़ी मुश्किल उत्पन्न हो गई है.

press conference organized in gumla
प्रेस कांफ्रेंस आयोजित
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Published : Oct 22, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 4:39 PM IST

गुमला: जिले के परिसदन के सभागार में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर केंद्र सरकार पर झारखंड सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और गैर भाजपा शासित राज्य के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया के खिलाफ आवाज उठाने और चरणबद्ध आंदोलन के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है. प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सूबे 14 में से 12 एनडीए के सांसद हैं, लेकिन वे सभी राशि कटौती के मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव
केंद्र का नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र और केंद्रीय उपक्रमों के पास झारखंड का करीब 75 हजार करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट कि इस घड़ी में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों से ही गलत और अलोकतांत्रिक तरीके से अचानक 1417 करोड़ रुपये आरबीआई के माध्यम से डीवीसी के बकाया राशि के रूप में वसूल ली है. इतनी बड़ी राशि से कोरोना काल में संक्रमितों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई कीट और अन्य जांच की व्यवस्था हो सकती थी. लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता था, अधूरी विकास योजनाओं को गति दी जा सकती थी, लेकिन आदिवासी और मूलवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया के कारण झारखंड के समक्ष बहुत बड़ी मुश्किल उत्पन्न हो गई है.

इसे भी पढ़ें- प्रदेश में दुर्गा पूजा के लिए जारी गाइडलाइन में संशोधन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

केंद्र सरकार के पास जीएसटी कंपनसेशन बकाया
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि डीवीसी की ओर से जिस 5,417.50 करोड़ रुपये बकाये की बात की जा रही है. वह सारा बकाया पूर्ववर्ती सरकार रघुवर दास के समय का है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि एक और केंद्र सरकार खुद कोरोना संकट की बात कह कर गैर भाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाया भुगतान देने से इंकार कर रही है. केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2,982 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है. वहीं 38,600 करोड़ रुपये कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है. इसके अलावा 33 हजार करोड़ रुपये कोल कंपनियों पर लगान का बकाया है.

गुमला: जिले के परिसदन के सभागार में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर केंद्र सरकार पर झारखंड सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और गैर भाजपा शासित राज्य के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया के खिलाफ आवाज उठाने और चरणबद्ध आंदोलन के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है. प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सूबे 14 में से 12 एनडीए के सांसद हैं, लेकिन वे सभी राशि कटौती के मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव
केंद्र का नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र और केंद्रीय उपक्रमों के पास झारखंड का करीब 75 हजार करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट कि इस घड़ी में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों से ही गलत और अलोकतांत्रिक तरीके से अचानक 1417 करोड़ रुपये आरबीआई के माध्यम से डीवीसी के बकाया राशि के रूप में वसूल ली है. इतनी बड़ी राशि से कोरोना काल में संक्रमितों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई कीट और अन्य जांच की व्यवस्था हो सकती थी. लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता था, अधूरी विकास योजनाओं को गति दी जा सकती थी, लेकिन आदिवासी और मूलवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया के कारण झारखंड के समक्ष बहुत बड़ी मुश्किल उत्पन्न हो गई है.

इसे भी पढ़ें- प्रदेश में दुर्गा पूजा के लिए जारी गाइडलाइन में संशोधन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

केंद्र सरकार के पास जीएसटी कंपनसेशन बकाया
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि डीवीसी की ओर से जिस 5,417.50 करोड़ रुपये बकाये की बात की जा रही है. वह सारा बकाया पूर्ववर्ती सरकार रघुवर दास के समय का है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि एक और केंद्र सरकार खुद कोरोना संकट की बात कह कर गैर भाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाया भुगतान देने से इंकार कर रही है. केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2,982 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है. वहीं 38,600 करोड़ रुपये कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है. इसके अलावा 33 हजार करोड़ रुपये कोल कंपनियों पर लगान का बकाया है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 4:39 PM IST
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