गुमला: लोकसभा चुनाव प्रचार में सभी दल रेस हैं. जमकर बयानबाजी हो रही है. आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में नेताओं के जुबान भी खूब फिसल रहे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ गुमला में जहां सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास अभद्र टिप्पणी कर गए.
लोकसभा चुनाव को लेकर जिले के सदर थाना क्षेत्र में भाजपा की एक चुनावी सभा आयोजित की गई. इस चुनावी सभा में गुमला विधायक शिवशंकर उरांव, स्थानीय सांसद सह भाजपा के उम्मीदवार सुदर्शन भगत और सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल हुए. मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे. सभा में महिलाओं एवं बच्चों की उपस्थिति अधिक थी.
वहीं चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में विस्तार से ग्रामीणों को बताया. अपनी उपलब्धियां गिनाईं. इसके साथ ही भाजपा उम्मीदवार को विजय दिलाने का आह्वान किया.
उन्होंने सभा में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कांग्रेस का उम्मीदवार सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण विधेयक का विरोध कर रहा है. उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी आती है तो यह विधेयक समाप्त कर दिया जाएगा. जबकि भाजपा सरकार ने शोषित, दलित, आदिवासियों के साथ-साथ कई लोगों का जबरन विदेशी ताकतों के द्वारा धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए ही विधेयक लाया है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस में उम्मीद्वार ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया है. इसको लेकर आप उन्हें भाजपा के उम्मीदवार को जीत दिलाकर सही जवाब दें. उन्होंने जबरन धर्मांतरण कराने वाले लोगों को होटवार जेल भेजने की बात कही.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 1948 से लेकर 50 सालों तक गांधी परिवार ने देश को लूटा. देश में जातिवाद, धर्मवाद, वंशवाद को बढ़ावा दिया. आज जब एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना है, तो यह बात कांग्रेस के गले के नीचे नहीं उतर रही है. कांग्रेस एक पिछड़े वर्ग के प्रधानमंत्री को सहन नहीं कर पा रही है.
मुख्यमंत्री ने महागठबंधन को लेकर कहा कि यह चोरों का गठबंधन है. क्योंकि वहां कोई नेता कोयला चोर है, तो कोई बालू चोर, कोई गाय का चारा चोर, जो अभी जेल में बंद है. इन सभी ने मिलकर महागठबंधन बनाया है, और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने से रोकना चाहते हैं. क्योंकि यह जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से बनते हैं, तो जो बाहर बचे हैं वह भी जेल के अंदर चले जाएंगे.
उन्होंने झारखंड के विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हेमंत सोरेन आदिवासी मूलवासी की बात करते हैं. लेकिन जब यहां से राज्यसभा सांसद बनाए जाते हैं, तो हेमंत सोरेन को स्थानीय आदिवासी मूलवासी नहीं दिखते हैं. उस समय ये सब बाहरी हो जाते हैं. जो पूंजीपति और पैसे वाले होते हैं उन्हें राज्यसभा भेजने का काम किया जाता है. मुख्यमंत्री ने कई राज्यसभा सांसदों का नाम लिया, जिन्हें झारखंड से जेएमएम और कांग्रेस ने मिलकर राज्यसभा सांसद बनाया है. इस दौरान चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कई बार मुख्यमंत्री का जुबान भी फिसला और उन्होंने अभद्र शब्दों का प्रयोग किया.