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मानव तस्करों के चंगुल से छूटी बच्चियां, चेहरे पर लौटी मुस्कान - गुमला न्यूज

ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हुई 9 बच्चियों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां बच्चियों से सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने पूछताछ की. सभी बच्चियां गुमला की रहने वाली हैं, जिन्हें मानव तस्करी के दलालों ने कुछ साल पहले महानगरों में बेच दिया था.

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Published : Mar 5, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Mar 5, 2019, 6:09 PM IST


गुमला : ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हुई 9 बच्चियों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां बच्चियों से सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने पूछताछ की. सभी बच्चियां गुमला की रहने वाली हैं, जिन्हें मानव तस्करी के दलालों ने कुछ साल पहले महानगरों में बेच दिया था.

बरसों बाद आज जब ये वापस अपने घर जाने के लिए बच्चियां तैयार हैं तो उनके चेहरे में खुशी है. इसके साथ ही उन्हें दुख भी है कि उन्हें उनके जानने वाले महानगरों में ले जाकर बेच दिया था. जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ा था. सभी बच्चियों को चाइल्ड लाइन प्रेमाश्रय रांची से शनिवार को गुमला स्थित ज्ञान आश्रय बालगृह लाया गया था.

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दो दिनों तक सभी बच्चियों को ज्ञानाश्रय बालगृह में रखा गया था, जिसके बाद आज जब कार्यालय खुला तो सभी बच्चियों को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया गया. बातचीत के दौरान एक बच्ची ने बताया कि उनके जानने वाले ही उसे दिल्ली में ले जाकर में बेच दिया था. जिस घर में उसे रखा गया था, वहां उसे काफी प्रताड़ित किया जाता था.

इधर, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन शंभूनाथ सिंह ने कहा कि ज्ञान आश्रय बालगृह के द्वारा 9 बच्चियों को आज प्रस्तुत किया गया है. सभी बच्चियां 18 वर्ष से कम की हैं, सभी से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही जो बच्चियां घर जाना चाहती हैं, उन्हें घर भेज दिया जाएगा.


गुमला : ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हुई 9 बच्चियों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां बच्चियों से सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने पूछताछ की. सभी बच्चियां गुमला की रहने वाली हैं, जिन्हें मानव तस्करी के दलालों ने कुछ साल पहले महानगरों में बेच दिया था.

बरसों बाद आज जब ये वापस अपने घर जाने के लिए बच्चियां तैयार हैं तो उनके चेहरे में खुशी है. इसके साथ ही उन्हें दुख भी है कि उन्हें उनके जानने वाले महानगरों में ले जाकर बेच दिया था. जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ा था. सभी बच्चियों को चाइल्ड लाइन प्रेमाश्रय रांची से शनिवार को गुमला स्थित ज्ञान आश्रय बालगृह लाया गया था.

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दो दिनों तक सभी बच्चियों को ज्ञानाश्रय बालगृह में रखा गया था, जिसके बाद आज जब कार्यालय खुला तो सभी बच्चियों को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया गया. बातचीत के दौरान एक बच्ची ने बताया कि उनके जानने वाले ही उसे दिल्ली में ले जाकर में बेच दिया था. जिस घर में उसे रखा गया था, वहां उसे काफी प्रताड़ित किया जाता था.

इधर, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन शंभूनाथ सिंह ने कहा कि ज्ञान आश्रय बालगृह के द्वारा 9 बच्चियों को आज प्रस्तुत किया गया है. सभी बच्चियां 18 वर्ष से कम की हैं, सभी से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही जो बच्चियां घर जाना चाहती हैं, उन्हें घर भेज दिया जाएगा.

Intro:गुमला : ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हुई 9 बच्चियों को आज सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया । जहां बच्चियों से सीडब्ल्यूसी के सदस्य पूछताछ कर रहे हैं । सभी बच्चियां गुमला जिला के विभिन्न प्रखंडों की रहने वाली हैं, जिन्हें मानव तस्करी करने वाले दलाल कुछ साल पहले इन्हें ले जाकर महानगरों में बेच दिया था ।
बरसों बाद आज जब वापस अपने घर जाने के लिए बच्चियां तैयार हैं तो उनके चेहरे में काफी खुशी है। इसके साथ ही उन्हें दुख भी है की उन्हें उनके जानने वाले महानगरों में ले जाकर बेच दिया था । जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ा था ।


Body:सभी बच्चियों को चाइल्ड लाइन प्रेमाश्रय रांची से शनिवार को गुमला स्थित ज्ञान आश्रय बालगृह लाया गया था । 2 दिनों तक सभी बच्चियों को ज्ञानाश्रय बाल गृह में रखा गया था। जिसके बाद आज जब कार्यालय खुला तो सभी बच्चियों को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया गया । बातचीत के दौरान एक बच्ची ने बताया कि उनके जानने वाले ही उसे दिल्ली में ले जाकर ₹40000 में बेच दिया था । जिसके बाद जिस घर में उसे रखा गया था उस घर में उसके साथ काफी प्रताड़ना की जाती थी । किसी प्रकार मौका देखकर वह भाग गई जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ कर बालगृह के हवाले कर दिया था । बच्चियों को लेने आए उनके परिवार वालों को सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन ने काफी समझाया और उनसे कहा की बच्चियों को किसी भी हालत में बाहर ना भेजें। अक्सर कई बार होता यह है कि मां बाप के सहमति से ही बच्चियों को बाहर काम करने भेज दिया जाता है । जहां उनके साथ कई तरह की प्रताड़ना होती है ।


Conclusion:सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन शंभू नाथ सिंह ने कहा कि ज्ञान आश्रय बालगृह के द्वारा 9 बच्चियों को आज प्रस्तुत किया गया है । सभी बच्चियां 18 वर्ष से कम है । सभी से पूछताछ की जा रही है इसके साथ ही जो बच्चियां घर जाना चाहती हैं उन्हें घर भेज दिया जाएगा । और जो बच्चियां पढ़ना चाहती हैं उनको किसी विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा।

बाईट : शम्भु नाथ सिंह ( चेयरमैन, सीडब्ल्यूसी गुमला )
Last Updated : Mar 5, 2019, 6:09 PM IST
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