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दुल्हन ने दिखाया दम, दूल्हे ने मांगा दहेज तो शादी से किया इनकार, गांव के दूसरे लड़के ने थामा हाथ

सिसई प्रखंड क्षेत्र के बघनी गांव में शादी के मंडप में दूल्हे की ओर से दहेज में बाइक मांगने पर दुल्हन ने शादी से इंकार कर मिसाल पेश किया है. बता दें कि दूल्हा दहेज में बाइक मांगने लगा तो दुल्हन ने यह कह कर शादी से इनकार कर दिया की देहज लोभियों के घर उसे नहीं जाना.

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परिजनों के साथ दुल्हन
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Published : Jul 8, 2020, 8:07 PM IST

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड क्षेत्र के बघनी गांव में शादी के मंडप में दूल्हे की ओर से दहेज में बाइक मांगने पर दुल्हन ने शादी से इंकार कर मिसाल पेश किया है. दुल्हन की इस कदम का हर कोई प्रशंसा कर रहा है. दरअसल, 7 जुलाई को लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र डाड़ू अंबाटोली से सैयद अंसारी नाम का दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचा. मगर निकाह से ठीक पहले दूल्हे ने दुल्हन के पिता से दहेज पर बाइक की मांग कर दी. जब इस बात की जानकारी दुल्हन को हुई तो उसने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए शादी से इनकार कर दिया.

देखें पूरी खबर
दुल्हन ने शादी से किया इनकार

शादी से इनकार करने के बाद एक बार तो उसके परिवार वाले भी सकते में आ गए थे. मगर अपनी बेटी की इस बहादुरी की उसके परिवारवालों ने भी सराहना की और फिर अपनी बेटी की खुशी की खातिर बारात को वापस कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से यह तय किया गया कि जितना खर्च इस पूरे कार्यक्रम में हुआ है उसका हर्जाना दूल्हे के पक्ष को देना होगा. मगर दूसरी ओर अब दुल्हन की शादी की चिंता लोगों को सताने लगी. इसी बीच गांव में सामाजिक बैठक हुई और फिर इसी बैठक में गांव के ही शमशेर अंसारी नाम के एक युवक ने लड़की का हाथ थामने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद सभी उसी रात उसी मंडप में दोनों का निकाह करा दिया गया.

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'एक बहादुर बेटी दुल्हन बनकर आई है'
दुल्हन का कहना है कि शादी के मंडप में दूल्हा जब पिता से बाइक मांगने लगा तो उसने शादी से इनकार कर दिया. दुल्हन ने कहा कि वह ऐसे लालची लड़के के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिताना चाहती थी. वहीं, जिस शमशेर अंसारी नाम के युवक ने दुल्हन का हाथ थामा उसके बड़े भाई ने कहा कि गांव में शादी थी, मगर दहेज मांगने की वजह से लड़की ने शादी से इनकार कर दिया, यह काफी साहसिक कदम था. जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है. मगर दूसरी ओर लड़की की शादी के लिए फिर से रिश्ता ढूंढना एक बड़ी चुनौती थी. ऐसे में गांव में समाज ने बैठक कर नए रिश्ते के लिए चर्चा की. इसी बीच उसके छोटे भाई ने शाहीन का हाथ थामने के लिए प्रस्ताव रखा. जिसके बाद रिश्ता मंजूर कर लिया गया. उन्होंने कहा कि खुशी है कि उनके घर पर एक बहादुर बेटी दुल्हन बनकर आई है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में सही समय पर मानसून आने से अच्छी फसल की उम्मीद, रोपाई के लिए बिचड़ा है तैयार



'लड़की की इस पहल ने समाज में एक नई दिशा दी'
वहीं, दुल्हन के पिता इसहाक अंसारी ने बताया कि निकाह से ठीक पहले दूल्हे की ओर से दहेज पर बाइक की मांग की गई. जब इस बात की जानकारी बेटी को हुई तो उसने ऐसे लालची दूल्हे से शादी करने से इनकार कर दिया. ऐसे में बेटी के फैसले पर सहमति देते हुए बारात को वापस कर दिया. उन्होंने बताया कि शादी से पहले लड़केवालों की मांग पर लड़के की पसंद से उन्हें दहेज में पहले ही एक बाइक दिया था. मगर जिस तरह से उन्होंने शादी से पहले अपना रंग दिखाया, वह कहीं से भी अच्छा नहीं था. रिश्तेदारों ने बताया कि जिस तरह दहेज के लालच में निकाह से पहले दूल्हे ने मोटरसाइकिल की मांग की वह कहीं से भी जायज नहीं था. ऐसे में दुल्हन का शादी से इनकार करना दहेज लोभियों को एक अच्छा सबक है. लड़की की इस पहल ने समाज में एक नई दिशा दी है.

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड क्षेत्र के बघनी गांव में शादी के मंडप में दूल्हे की ओर से दहेज में बाइक मांगने पर दुल्हन ने शादी से इंकार कर मिसाल पेश किया है. दुल्हन की इस कदम का हर कोई प्रशंसा कर रहा है. दरअसल, 7 जुलाई को लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र डाड़ू अंबाटोली से सैयद अंसारी नाम का दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचा. मगर निकाह से ठीक पहले दूल्हे ने दुल्हन के पिता से दहेज पर बाइक की मांग कर दी. जब इस बात की जानकारी दुल्हन को हुई तो उसने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए शादी से इनकार कर दिया.

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दुल्हन ने शादी से किया इनकार

शादी से इनकार करने के बाद एक बार तो उसके परिवार वाले भी सकते में आ गए थे. मगर अपनी बेटी की इस बहादुरी की उसके परिवारवालों ने भी सराहना की और फिर अपनी बेटी की खुशी की खातिर बारात को वापस कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से यह तय किया गया कि जितना खर्च इस पूरे कार्यक्रम में हुआ है उसका हर्जाना दूल्हे के पक्ष को देना होगा. मगर दूसरी ओर अब दुल्हन की शादी की चिंता लोगों को सताने लगी. इसी बीच गांव में सामाजिक बैठक हुई और फिर इसी बैठक में गांव के ही शमशेर अंसारी नाम के एक युवक ने लड़की का हाथ थामने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद सभी उसी रात उसी मंडप में दोनों का निकाह करा दिया गया.

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'एक बहादुर बेटी दुल्हन बनकर आई है'
दुल्हन का कहना है कि शादी के मंडप में दूल्हा जब पिता से बाइक मांगने लगा तो उसने शादी से इनकार कर दिया. दुल्हन ने कहा कि वह ऐसे लालची लड़के के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिताना चाहती थी. वहीं, जिस शमशेर अंसारी नाम के युवक ने दुल्हन का हाथ थामा उसके बड़े भाई ने कहा कि गांव में शादी थी, मगर दहेज मांगने की वजह से लड़की ने शादी से इनकार कर दिया, यह काफी साहसिक कदम था. जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है. मगर दूसरी ओर लड़की की शादी के लिए फिर से रिश्ता ढूंढना एक बड़ी चुनौती थी. ऐसे में गांव में समाज ने बैठक कर नए रिश्ते के लिए चर्चा की. इसी बीच उसके छोटे भाई ने शाहीन का हाथ थामने के लिए प्रस्ताव रखा. जिसके बाद रिश्ता मंजूर कर लिया गया. उन्होंने कहा कि खुशी है कि उनके घर पर एक बहादुर बेटी दुल्हन बनकर आई है.

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'लड़की की इस पहल ने समाज में एक नई दिशा दी'
वहीं, दुल्हन के पिता इसहाक अंसारी ने बताया कि निकाह से ठीक पहले दूल्हे की ओर से दहेज पर बाइक की मांग की गई. जब इस बात की जानकारी बेटी को हुई तो उसने ऐसे लालची दूल्हे से शादी करने से इनकार कर दिया. ऐसे में बेटी के फैसले पर सहमति देते हुए बारात को वापस कर दिया. उन्होंने बताया कि शादी से पहले लड़केवालों की मांग पर लड़के की पसंद से उन्हें दहेज में पहले ही एक बाइक दिया था. मगर जिस तरह से उन्होंने शादी से पहले अपना रंग दिखाया, वह कहीं से भी अच्छा नहीं था. रिश्तेदारों ने बताया कि जिस तरह दहेज के लालच में निकाह से पहले दूल्हे ने मोटरसाइकिल की मांग की वह कहीं से भी जायज नहीं था. ऐसे में दुल्हन का शादी से इनकार करना दहेज लोभियों को एक अच्छा सबक है. लड़की की इस पहल ने समाज में एक नई दिशा दी है.

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