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गुमलाः रात के अंधेरे में आने वाले प्रवासियों पर प्रशासन की नजर, डीसी ने दिए ये निर्देश - गुमला में कोरोना मरीज

गुमला जिला प्रशासन ने मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में एक अस्थाई जांच शिविर लगाया है. यहां मजदूरों की परिस्थिति के अनुसार क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. हालांकि अभी भी सैकड़ों मजदूर ऐसे हैं जो रात के अंधेरे में अपने गांव घर वापस लौट रहे हैं.

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प्रवासी मजदूर
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Published : May 25, 2020, 1:28 PM IST

गुमला: वैश्विक महामारी के कारण पिछले दो महीनों से पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों के समक्ष काफी कठिनाइयां उत्पन्न हो गईं थीं, जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों ने अपने घर-गांव के लिए लौटना शुरू कर दिया है. इनमें कुछ मजदूर पैदल लौटे तो कुछ साइकिल से, लेकिव कई लोग मोटरसाइकिल किराये पर लेकर अपने गांव वापस लौटे हैं, जबकि कुछ मजदूरों को राज्य सरकार ट्रेन से और जिला प्रशासन बसों से वापस लाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

अब ऐसे में गुमला जिला प्रशासन ने मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में एक अस्थाई जांच शिविर लगाया है, जहां मजदूरों की परिस्थिति के अनुसार क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. हालांकि अभी भी सैकड़ों मजदूर ऐसे हैं, जो रात के अंधेरे में अपने गांव घर वापस लौट रहे हैं. इसको लेकर जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि प्रवासी मजदूर अन्य साधनों से सीधे गांव पहुंच रहे हैं. ऐसे लोगों पर प्रशासन की नजर है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना पर लगाम लगाना सरकार के लिए चुनौती, जल्द कोरोना फ्री होगा राज्य: बन्ना गुप्ता

ऐसे में जिला प्रशासन पंचायत जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों से अपील करता है कि इसकी सूचना तुरंत प्रखंड या जिला प्रशासन को दें, ताकि उन मजदूरों की जांच करायी जा सके, क्योंकि ऐसे मजदूरों का स्वास्थ जांच कराना बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने बस और राज्य सरकार ने ट्रेन उपलब्ध कराई हैं, जिससे प्रवासी श्रमिक लौट रहे हैं. ऐसे में सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग टेस्ट की जा रही है, लेकिन जो अपने साधन से रात के अंधेरे में गांव में लौट रहे हैं उनकी पहचान करना बहुत जरूरी है.

गुमला: वैश्विक महामारी के कारण पिछले दो महीनों से पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों के समक्ष काफी कठिनाइयां उत्पन्न हो गईं थीं, जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों ने अपने घर-गांव के लिए लौटना शुरू कर दिया है. इनमें कुछ मजदूर पैदल लौटे तो कुछ साइकिल से, लेकिव कई लोग मोटरसाइकिल किराये पर लेकर अपने गांव वापस लौटे हैं, जबकि कुछ मजदूरों को राज्य सरकार ट्रेन से और जिला प्रशासन बसों से वापस लाया जा रहा है.

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अब ऐसे में गुमला जिला प्रशासन ने मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में एक अस्थाई जांच शिविर लगाया है, जहां मजदूरों की परिस्थिति के अनुसार क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. हालांकि अभी भी सैकड़ों मजदूर ऐसे हैं, जो रात के अंधेरे में अपने गांव घर वापस लौट रहे हैं. इसको लेकर जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि प्रवासी मजदूर अन्य साधनों से सीधे गांव पहुंच रहे हैं. ऐसे लोगों पर प्रशासन की नजर है.

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ऐसे में जिला प्रशासन पंचायत जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों से अपील करता है कि इसकी सूचना तुरंत प्रखंड या जिला प्रशासन को दें, ताकि उन मजदूरों की जांच करायी जा सके, क्योंकि ऐसे मजदूरों का स्वास्थ जांच कराना बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने बस और राज्य सरकार ने ट्रेन उपलब्ध कराई हैं, जिससे प्रवासी श्रमिक लौट रहे हैं. ऐसे में सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग टेस्ट की जा रही है, लेकिन जो अपने साधन से रात के अंधेरे में गांव में लौट रहे हैं उनकी पहचान करना बहुत जरूरी है.

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