गोड्डा: बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों ने घर वापस लौटते ही आपबीती सुनाई. बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में करीब 288 लोगों की जान गई है. वहीं इस हादसे में घायलों की संख्या भी काफी ज्यादा है. इन्ही में गोड्डा पहुंचे कुछ लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई है.
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उन्होंने बताया कि शाम का वक्त था, हम चार लोग आपस में बात करते जा रहे थे. जनरल बोगी में सवार होकर हम सभी चेन्नई मजदूरी करने निकले थे. भीड़ ऐसी थी कि पैर रखने की भी जगह नहीं थी. सब एक दूसरे पर लदे थे. फिर अचानक से ये हादसा हो गया. गाड़ी अचानक से पटरी से नीचे उतर गई और फिर पलक झपकते ही अंधेरा छा गया.
अचानक सब गायब: उन्होंने बताया कि उनमें से एक लड़के ने फोन पर अपनी मां से बात करना शुरू ही किया था कि दुर्घटना हो गयी. सबके मोबाइल और सामान सब इधर उधर हो गए. इनमें से एक बेहोश भी हो गया, कई के सिर फट गए. घायलों ने कहा कि हादसे के पहले ट्रेन में बहुत भीड़ थी, गाड़ी में छोटे छोटे बच्चे भी थे. लेकिन आखिर हादसे के 5 से 10 मिनट में सब कहां लापता हो गए, ये उनके लिए एक बड़ा सवाल था. जबकि बोगी पिचक गई थी, गेट बंद हो गए थे. वे बच्चे भी गायब थे जिनसे वे बात कर थे.
घायलों के साथ था ताबूत: बता दें कि इन घायलों के वापस लौटने के साथ दो ताबूत भी उनके साथ आए थे. जो जिंदा लौटे उनके घर मे खुशियां लौटीं हैं, लेकिन जो जिंदा नहीं लौट पाए, उनके घर मातम है, मरने वालों में एक हनवारा के परसा और एक ठाकुर गंगटी के गौरीचक का व्यक्ति है.