गोड्डाः भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे और कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह व प्रदीप यादव के बीच सोशल मीडिया पर जंग चल रही है. कांग्रेस विधायकों और भाजपा सांसद के बीच खूब सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर वार पलटवार हो रहा है. जहां शब्दों की मर्यादा भी खूब तार तार हो रही है और संवाद में तू तड़ाक भी हो रहा है.
भाजपा के गोड्डा लोकसभा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर तल्ख तेवर अपनाते हुए उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग उठाई है. इसको लेकर विशेषाधिकार समिति से राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि वो भी सांसद हैं और राहुल गांधी भी एक सांसद हैं वो ना नेता प्रतिपक्ष हैं ना ही कांग्रेस अध्यक्ष हैं. ये सब कुछ राहुल गांधी के एक बयान को लेकर सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में लोकतंत्र कमजोर हुआ है.
राहुल गांधी के बयान के बाद गोड्डा के दो कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव ने डॉ निशिकांत दुबे को सोशल मीडिया पर 'फर्जीकांत दुबे' बताते हुए उनके डिग्री को लेकर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने निशिकांत दुबे को नसीहत देते हुए कहा है, पहले अपनी फर्जी डिग्री के बारे में बताओ, जिसमें तुम्हारी सदस्यता जाने वाली है. इसके साथ ही निशिकांत दुबे के कुछ प्रमाण पत्र भी उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट कर दिया है. दूसरी ओर प्रदीप यादव ने भी निशिकांत दुबे को 'फर्जीकांत दुबे' बताते हुए प्रमाण पत्रों और कुछ साक्ष्यों के साथ पोस्ट सोशल मीडिया पर डाले हैं.
वहीं निशिकांत दुबे ने भी बचाव में पोस्ट कई किए हैं और साथ ही विधायक दीपिका पांडेय सिंह द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने की बात ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया है. निशिकांत दुबे के पोस्ट के बाद जब जवाबी ट्वीट दीपिका पांडेय सिंह ने किया तो सांसद ने विधायक को ब्लॉक कर दिया. इस पर विधायक ने पोस्ट कर कहा कि सांसद जवाब देने की जगह ब्लॉक कर भाग खड़े हुए.
वहीं कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह को राहुल गांधी ने फॉलो किया, जिससे दीपिका पांडेय ने खुश होकर आभार जताया. बता दें कि राहुल ब्रिगेड की दीपिका पांडेय सिंह सक्रिय सदस्य हैं. ऐसे संसद की गूंज का असर गोड्डा में भी दिख रहा है. जहां मोर्चे पर एक तरफ गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस के दो विधायक दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव हैं. इनकी जुबानी जंग में एक दूसरे के समर्थक भी कूद पड़ते हैं और फिर एक दूसरे को न केवल ट्रोल करते हैं बल्कि भाषाई मर्यादा भी खूब टूटती है और लोक सभा चुनाव तक ये जुबानी जंग और तेज होने की संभावना है.