गोड्डा: जिले के पांडुबथान गांव निवासी शहीद बीरेंद्र महतो ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी का लोहा मनवाते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे किये थे. राष्ट्रीय राइफल के जवान बीरेंद्र महतो को कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर याद किया गया.
सदर अस्पताल परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें कारगिल युद्ध के शहीद जवानों को याद किया गया. इस मौके पर गोड्डा के शहीद जवान बीरेंद्र महतो की वीरगाथा को याद किया गया.
इस मौके पर शहीद बीरेंद्र की मां को सम्मानित भी किया गया. उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बीरेंद्र गांव एक होनहार युवक था. उसे सेना में जाने की चाहत बचपन से ही थी. राष्ट्रीय राइफल में बतौर जवान उसने कारगिल युद्ध में अपने हुनर और बहादुरी का लोहा मनवाया.
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शहीद बीरेंद्र की मां उन दिनों को याद करते हुए नम आखों से बोली कि वह छुट्टी बिताकर लौटा ही था कि आठवें दिन उसकी शहादत की खबर आ गई. उस समय पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई.