गोड्डाः जिले में एक आदिवासी महिला को 11 साल बाद न्याय मिला है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद महिला को यह न्याय मिला है. कोर्ट की फटकार के बाद पूर्व विधायक ने महिला को 11लाख 76 हजार का चेक सौंपा. मामला 2011 का है.
बता दें कि अदालत के सख्त आदेश और गिरफ्तारी वारंट निकलने के बाद भाजपा नेता और पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत ने कोर्ट में सशरीर उपस्थित होकर 11 लाख 76 हजार का चेक पीड़ित महिला को सौंपा. गौरतलब है कि 2011 में पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत की बोलेरो से एक आदिवासी की मौत हो गयी थी. इसके बाद डेथ क्लेम के तहत 7 लाख की देनदारी तय हुई, लेकिन मामला टलता रहा.
बाद में 2017 के एक फैसले में मृतक की पत्नी प्यारी मुर्मू को 7 लाख के अलावा 3.5 लाख सूद समेत कुल 10.5 लाख देने का निर्देश दिया. लेकिन जब पीड़िता को मुआवजे की राशि नहीं मिली तो एक्सीक्यूशन केस दायर किया गया. जिसकी सुनवाई एडीजे शिवपाल सिंह की अदालत में हुई. जिसमें पूर्व विधायक के वकील ने उच्च न्यायालय में अपील की बात कही, तो फिर उनसे पूछा गया इतने दिन क्यों नहीं गए और एक सप्ताह के अंदर अशोक कुमार भगत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने को कहा गया था.
इसकी मियाद पूरी होने से पूर्व ही अशोक कुमार भगत ने न्यायालय के समक्ष पीड़िता प्यारी मुर्मू को 11लाख 76 हजार का चेक सौंप दिया. इस तरह अदालती हस्तक्षेप के बाद 11 साल बाद आखिर एक आदिवासी महिला को न्याय मिला. पीड़ित महिला के वकील गौरी प्रिया ने बताया कि उनके मुवक्किल को आखिर उनका डेथ क्लेम मिल गया.
बता दें कि यह घटना 2011 की महगामा के केचुआ चौक की है. अधिवक्ता गौरी प्रिया ने बताया कि अशोक कुमार के भगत के वकील उच्च न्यायालय भी गए थे. लेकिन वहां उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया. अशोक कुमार भगत भाजपा के बड़े नेता हैं और महगामा से तीन बार विधायक भी रहे हैं साथ ही संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं.