गोड्डा: रूपा तिर्की मामले में वायरल ऑडियो पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बड़ा बयान दिया है. दीपक प्रकाश ने कहा कि साहिबगंज डीएसपी के खिलाफ राज्यसभा में प्रिविलेज लाएंगे. आरोप है कि वायरल ऑडियो में डीएसपी ने दीपक प्रकाश को अल्प बुद्धि वाला व्यक्ति बताया था. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पदाधिकारी राजनीति दल के लिए काम नहीं करें. सत्ता तो आनी जानी है.
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साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के बाद लगातार बड़हरवा एसडीपीओ पीके मिश्रा और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित इनके समर्थकों का नाम सुर्खियों में आता रहा है. रूपा तिर्की कई महत्वपूर्ण केस को खुद डील कर रही थी. इसमें समझौता नहीं करने को लेकर उन्हें बराबर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. इसमें उसके बैचमेट दरोगा मनीषा और ज्योत्सना का भी नाम आया है. चूंकि अब हाईकोर्ट के द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है तो इस केस में नया मोड़ आने की संभावना है.
बरहरवा डीएसपी पीके मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि यह ऑडियो फर्जी है. मेरी आवाज को मिमिक्री कर पेश किया गया है. रूपा तिर्की से जोड़कर मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उस समय ऑडियो वायरल होता है जब विधानसभा सत्र चल रहा है. कहीं न कहीं मुझे फंसाने की साजिश चल रही है. मैं इसकी शिकायत बरहरवा थाना में करने जा रहा हूं. पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार अगर जांच कराए तो सच्चाई सामने आ जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
पिछले दिनों साहिबगंज के डीएसपी प्रमोद मिश्रा का एक ऑडियो वायरल हुआ था. वायरल ऑडियो में रूपा तिर्की मामले पर बात हो रही है. इसमें डीएसपी ने रूपा तिर्की के खिलाफ अभद्र शब्द का प्रयोग किया है. साथ ही इस मामले में जिस तरह भाजपा ने सड़क से लेकर सदन तक सरकार को घेरा, इसको लेकर भी बात हो रही है. आरोप है कि ऑडियो में डीएसपी कह रहे हैं कि दीपक प्रकाश जैसे लोगों को अपना झोला भी न ढोने दें. साथ ही यह भी कहा कि उनकी (दीपक प्रकाश) हैसियत क्या है. वे अल्प बुद्धि वाले हैं.
3 मई को फंदे से झूलता मिला था रूपा तिर्की का शव
3 मई को सरकारी आवास में साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की पंखे से झूलते हुए लाश मिली थी. बताया गया उसने खुदकुशी कर ली है. लेकिन इस मामले की राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा होने लगी. कहा जाने लगा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. इसको लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया था और सड़क पर प्रदर्शन भी किया था.
भाजपा के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. पिछले दिनों हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.