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गोड्डा में बनना था देश का दूसरा इत्र प्रसार संस्थान, दो साल बाद भी शिलापट्ट से आगे नहीं बढ़ी बात - perfume promotion center did not progress beyond foundation stone

गोड्डा के महगामा विधानसभा के मेहरमा के किसानों को दो साल पहले सपने दिखाए गए कि उन्हें फूलों की खेती कराई जाएगी. जिससे उनकी आय के गुना बढ़ जाएगी और लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन बात शिलापट्ट से आगे बढ़ी ही नहीं है.

देश के दूसरा इत्र प्रसार संस्थान
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Published : Nov 7, 2019, 8:58 AM IST

गोड्डा: जिले के महगामा विधानसभा क्षेत्र के मेहरमा में दो साल पहले बड़े ही तामझाम के साथ देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास किया गया था. कहा गया था क्षेत्र की किसानों को फूल के खेती से बड़ी आमदनी होगी, बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं, दो साल बीत जाने के बाद भी बात शिलापट्ट से आगे नहीं बढ़ी.

देखें पूरी खबर


जानकारी के अनुसार, मेहरमा के धमडी गांव के पास 7 नवंबर 2017 को तत्कालीन लघु और मंझोले उद्योग राज्य मंत्री भारत सरकार ने इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ. बता दें कि देश के एक मात्र इत्र उत्पादन संस्थान कन्नौज में है. ऐसे में गोड्डा में देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ. इसके उद्घाटन के मौके पर कृषि मंत्री के अलावा, स्थानीय सांसद और विधायक भी मौजूद थे.

ये भी देखं- एसिड अटैक पीड़िता मामले में जारी समन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, अदालत ने सरकार और रिम्स से मांगा जवाब

वहीं, किसानों को उम्मीद जगी की उन्हें बेहतर खेती का विकल्प मिलेगा, अब वे फूल उगाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर सुगंधित इत्र का उत्पादन होगा और उनकी आय में भारी इजाफा होगा. किसानों को उम्मीद थी कि इस उद्योग में लोगों को बड़ी मात्रा में रोजगार भी मिलेगा लेकिन खेतों के बीच खड़ा शिलापट्ट लोगों को चिढ़ा रहा है. कहां लोग खुशबू की उम्मीद संजोए बैठे थे और शिलापट्ट से बात आगे बढ़ने का नाम ही नहीं ले रहा है.

गोड्डा: जिले के महगामा विधानसभा क्षेत्र के मेहरमा में दो साल पहले बड़े ही तामझाम के साथ देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास किया गया था. कहा गया था क्षेत्र की किसानों को फूल के खेती से बड़ी आमदनी होगी, बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं, दो साल बीत जाने के बाद भी बात शिलापट्ट से आगे नहीं बढ़ी.

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जानकारी के अनुसार, मेहरमा के धमडी गांव के पास 7 नवंबर 2017 को तत्कालीन लघु और मंझोले उद्योग राज्य मंत्री भारत सरकार ने इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ. बता दें कि देश के एक मात्र इत्र उत्पादन संस्थान कन्नौज में है. ऐसे में गोड्डा में देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ. इसके उद्घाटन के मौके पर कृषि मंत्री के अलावा, स्थानीय सांसद और विधायक भी मौजूद थे.

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वहीं, किसानों को उम्मीद जगी की उन्हें बेहतर खेती का विकल्प मिलेगा, अब वे फूल उगाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर सुगंधित इत्र का उत्पादन होगा और उनकी आय में भारी इजाफा होगा. किसानों को उम्मीद थी कि इस उद्योग में लोगों को बड़ी मात्रा में रोजगार भी मिलेगा लेकिन खेतों के बीच खड़ा शिलापट्ट लोगों को चिढ़ा रहा है. कहां लोग खुशबू की उम्मीद संजोए बैठे थे और शिलापट्ट से बात आगे बढ़ने का नाम ही नहीं ले रहा है.

Intro:गोड्डा के महगामा विधान सभा के मेहरमा के किसानों को दो पहले सपने दिखाए गए कि उन्हें फूलों की खेती कराई जाएगी।जिससे उनकी आय के गुना बढ़ जाएगी लोगो को रोजगार मिलेगा।लेकिन बात शिलापट्ट से आगे नही बढ़ नही हैBody:गोड्डा के महगामा विधान सभा क्षेत्र कर मेहरमा में दो साल पहले बड़े ही ताम झाम के साथ देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास किया गया।दावा किया गया गया कि क्षेत्र की किसानों को फूल के खेती से बड़ी आमदनी होगी ,बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा।
गोड्डा के मेहरमा के धमडी गांव के पास 7 नवंबर2017 को तत्कालीन लघु व मंझोले उद्योग राज्य मंत्री भारत सरकार द्वारा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ।विदित हो कि देश के एक मात्र इत्र उत्पादन संस्थान कन्नौज में है ।ऐसे में गोड्डा में देश का दूसरा इत्र प्रसार केंद्र का शिलान्यास हुआ।तब उद्घाटन के मौके पर कृषि मंत्री झारखंड सरकार के अलावा स्थानीय सांसद व विधायक सभी मौजूद रहे।आस पास के किसानों को उम्मीद जगी की उसे एक बेहतर खेती का विकल्प मिलेगा।अब वे फूल उगाएंगे।जिससे स्थानीय स्तर पर सुगंधित इतर का उत्पादन होगा और उनकी आय में भारी इजाफा होगा।वही सपने बांटे गए कि स्थानीय स्तर पर इस उद्योग में लोगो को बड़ी मात्रा में रोज़गार भी मिलेगा।लेकिन खेतो के बीच खड़ा शिलापट्ट लोगो को चिढ़ा रहा है।कहा तो खुशबू की उम्मीद लोग संजोए बैठे थे और शिलापट्ट से बात आगे बढ़ने का नाम ही नही ले रहा है।सवाल की आखिर ऐसे सपने दिखाए ही क्यों जाते है जिसके पूरा होने में पीढियां गुजर जाए।
Bt-शत्रुघन सिंह-स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताConclusion:Na
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