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खुले में शौच मुक्त भारत की खुली पोल, योजना आधी-अधूरी और निकासी पूरी - Open defecation

गोड्डा को ओडीएफ घोषित तो कर दिया गया लेकिन यहां कि कहानी कुछ और ही बयां करती है. सरकार द्वारा बानए गए शौचालय अबतक अधूरी है.

खुले में शौच मुक्त भारत का खुला पोल
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Published : Jun 12, 2019, 2:52 AM IST

Updated : Jun 12, 2019, 1:32 PM IST

गोड्डा: जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के कठोंन में सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. शौचालय निर्माण की स्थिति कागज पर कुछ तो धरातल पर कुछ और ही कहानी बयां करती है. जहां सरकारी आंकड़ों को देखें तो पूरे प्रखंड को ओडीएफ अर्थात खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन वास्तविकता का इससे दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.

देखें पूरी खबर

इसका नजारा कठोंन में देखने को मिला जहां शौचालय के भवन का रंग रोगन तो बड़े ही करीने से किया गया है, लेकिन शायद ही शौचालय का इस्तेमाल होता है. बताया मामले में जब लोगों से इस बावत जानकारी लेनी चाही तो वहां की हकीकत कुछ और ही थी. दरअसल, शौचालय का भवन तो बना दिया गया था, लेकिन सोक पिट बने ही नहीं थे, और जो बने भी थे वह आधे अधूरे थे. जिसमें कई के तो दीवार थे, तो कई में ढक्कन ही नहीं लगे थे.

ऐसे में भला लोग इस तरह के इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल करें तो कैसे करें. आम लोगों का कहना है कि स्थानीय स्वयं सहायता समूह द्वारा आधा अधूरा निर्माण कर महज खानापूर्ती के लिए कर दिया गया है. मामले में स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक सनाउल हक ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी तथा जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

गोड्डा: जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के कठोंन में सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. शौचालय निर्माण की स्थिति कागज पर कुछ तो धरातल पर कुछ और ही कहानी बयां करती है. जहां सरकारी आंकड़ों को देखें तो पूरे प्रखंड को ओडीएफ अर्थात खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन वास्तविकता का इससे दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.

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इसका नजारा कठोंन में देखने को मिला जहां शौचालय के भवन का रंग रोगन तो बड़े ही करीने से किया गया है, लेकिन शायद ही शौचालय का इस्तेमाल होता है. बताया मामले में जब लोगों से इस बावत जानकारी लेनी चाही तो वहां की हकीकत कुछ और ही थी. दरअसल, शौचालय का भवन तो बना दिया गया था, लेकिन सोक पिट बने ही नहीं थे, और जो बने भी थे वह आधे अधूरे थे. जिसमें कई के तो दीवार थे, तो कई में ढक्कन ही नहीं लगे थे.

ऐसे में भला लोग इस तरह के इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल करें तो कैसे करें. आम लोगों का कहना है कि स्थानीय स्वयं सहायता समूह द्वारा आधा अधूरा निर्माण कर महज खानापूर्ती के लिए कर दिया गया है. मामले में स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक सनाउल हक ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी तथा जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

Intro:शौच मुक्त भारत का पोड़ैयाहाट में खुलता पोल, योजना आधी अधूरी निकासी पूरी।


Body:गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट प्रखंड के कठोंन में सरकार के दुवारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की स्थिति कागज पर कुछ और तथा धरातल पर कुछ और ही कहानी बयां करती है। जहां सरकारी आंकड़ों को देखें तो पूरे प्रखंड को ओडीएफ अर्थात खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है,लेकिन वास्तविकता का इससे दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।इसका नजारा आप कठोंन में देख सकते हैं,जहां की शौचालय के भवन का रंग रोगन तो बड़े ही करीने से किया गया है, लेकिन शायद ही शौचालय का इस्तेमाल होता है, जब लोगों से इस बावत जानकारी लेनी चाही तो वहाँ की हकीकत कुछ और ही थी शौचालय का भवन तो बना दिया गया था,लेकिन शौक पिट बने ही नहीं थे,और जो बने भी थे वह आधे अधूरे थे कई के तो दीवाल थे, तो कई में ढक्कन ही नहीं लगे थे ऐसे में भला लोग इस तरह के इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल करें तो कैसे करें, आम लोगों का कहना है कि स्थानीय स्वयं सहायता समूह द्वारा आधा अधूरा निर्माण कर महज खानापूरी के लिए कर दिया गया है, और इसका नतीजा साफ-साफ देखा जा सकता है कि इन शौचालय भवनों में जलावन व गोबर के गोयठे आदि रखे गए थे, इस बावत स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक सनाउल हक ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी तथा जांच उपरांत यथोचित कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:na

Last Updated : Jun 12, 2019, 1:32 PM IST
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