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Millets Dishes Competition: मोटे अनाज को बढ़ावा देने की पहल, महिला के बीच व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन

गोड्डा की महिलाओं को मोटे अनाज से व्यंजन तैयार करना सिखाया जा रहा है. इसके लिए एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं द्वारा मोटे अनाज से तैयार व्यंजनों का मुल्यांकन किया गया.

grain dishes competition program in Godda
grain dishes competition program in Godda
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 10, 2023, 5:45 PM IST

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गोड्डा: देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित G20 समिट में आए विदेशी मेहमानों को मोटे अनाजों से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिल रहा है. गोड्डा का कृषि विज्ञान केंद्र इन मोटे अनाजों को महिलाओं तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सुदूरवर्ती गांव में मोटे अनाज से संबंधित ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है. इससे गांव की महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि वे देश की मुख्य धारा में भी शामिल होंगी. इसी के तहत एक मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: मानसून ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी, मोटे अनाज की खेती से जगी आस

गोड्डा जैसे साधारण जिले के सुदूर गांव में महिलाओं को मोटे अनाज से संबंधित उत्पादन, व्यंजन बनाने और उसके द्वारा स्वास्थ्य और आर्थिक उन्नति करने के गुढ़ बताए जा रहे हैं. ताकि मोटे अनाजों को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाने का देश का सपना पूरा हो सके.

प्रतियोगिता का हुआ आयोजन: अंतरराष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष (IYoM) के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा द्वारा मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सुदूर डांगा गांव में मोटे अनाज की एक रेसिपी पारंपरिक खाद्य प्रतियोगिता आयोजित की गई. यह कार्यक्रम मोटे अनाज आधारित खाद्य उत्पादों के महत्व, इसके मूल्यवर्धन, दायरे और उद्यमिता विकास पर ज्ञान फैलाने में मदद करेगा. डांगा ग्राम में मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं ने मडुआ के आटे से तैयार होने वाले विभिन्न व्यंजन जैसे- मड़ुए की रोटी, पूड़ी, लड्डू, केक, समोसा, नमकीन, पीठा, दूध पीठा, ठेकुआ, दाल पीठा, चूरमा तैयार किया. इन सभी व्यंजनों का मूल्यांकन किया गया.

मूल्यांकन कमेटी के सदस्यों में गांव के मुखिया, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, प्रदान के सदस्य, वरीय वैज्ञानिक-सह प्रधान और गृह वैज्ञानिक ने सभी प्रकार के व्यंजनों को चख कर मूल्यांकन किया. मूल्यांकन के बाद गांव के मुखिया ने कहा कि मोटे अनाज से तैयार होने वाले विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिता ग्रामीण महिलाओं में उत्साह वर्द्धन करने वाली प्रतियोगिता है. इससे मोटे अनाजों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा.

इससे बढ़ेगी महिलाओं की आमदनी: वैज्ञानिक डॉ रवि शंकर ने कहा कि मोटे अनाज से तैयार होने वाले व्यंजनों को बाजार में पहुंचाने से ग्रामीण महिलाओं की आमदनी निश्चित रूप से बढ़ेगी. गृह वैज्ञानिक डॉ प्रगतिका मिश्रा ने बताया कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सुनीता किस्कू, द्वितीय पुरस्कार किरण हेम्ब्रम, तृतीय पुरस्कार टुम्पा देवी, सांत्वना प्रथम पुरस्कार लुखी किस्कू और सांत्वना द्वितीय पुरस्कार सरोजिनी देवी को दिया गया.

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गोड्डा: देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित G20 समिट में आए विदेशी मेहमानों को मोटे अनाजों से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिल रहा है. गोड्डा का कृषि विज्ञान केंद्र इन मोटे अनाजों को महिलाओं तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सुदूरवर्ती गांव में मोटे अनाज से संबंधित ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है. इससे गांव की महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि वे देश की मुख्य धारा में भी शामिल होंगी. इसी के तहत एक मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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गोड्डा जैसे साधारण जिले के सुदूर गांव में महिलाओं को मोटे अनाज से संबंधित उत्पादन, व्यंजन बनाने और उसके द्वारा स्वास्थ्य और आर्थिक उन्नति करने के गुढ़ बताए जा रहे हैं. ताकि मोटे अनाजों को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाने का देश का सपना पूरा हो सके.

प्रतियोगिता का हुआ आयोजन: अंतरराष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष (IYoM) के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा द्वारा मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सुदूर डांगा गांव में मोटे अनाज की एक रेसिपी पारंपरिक खाद्य प्रतियोगिता आयोजित की गई. यह कार्यक्रम मोटे अनाज आधारित खाद्य उत्पादों के महत्व, इसके मूल्यवर्धन, दायरे और उद्यमिता विकास पर ज्ञान फैलाने में मदद करेगा. डांगा ग्राम में मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं ने मडुआ के आटे से तैयार होने वाले विभिन्न व्यंजन जैसे- मड़ुए की रोटी, पूड़ी, लड्डू, केक, समोसा, नमकीन, पीठा, दूध पीठा, ठेकुआ, दाल पीठा, चूरमा तैयार किया. इन सभी व्यंजनों का मूल्यांकन किया गया.

मूल्यांकन कमेटी के सदस्यों में गांव के मुखिया, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, प्रदान के सदस्य, वरीय वैज्ञानिक-सह प्रधान और गृह वैज्ञानिक ने सभी प्रकार के व्यंजनों को चख कर मूल्यांकन किया. मूल्यांकन के बाद गांव के मुखिया ने कहा कि मोटे अनाज से तैयार होने वाले विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिता ग्रामीण महिलाओं में उत्साह वर्द्धन करने वाली प्रतियोगिता है. इससे मोटे अनाजों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा.

इससे बढ़ेगी महिलाओं की आमदनी: वैज्ञानिक डॉ रवि शंकर ने कहा कि मोटे अनाज से तैयार होने वाले व्यंजनों को बाजार में पहुंचाने से ग्रामीण महिलाओं की आमदनी निश्चित रूप से बढ़ेगी. गृह वैज्ञानिक डॉ प्रगतिका मिश्रा ने बताया कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. मोटे अनाज के व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सुनीता किस्कू, द्वितीय पुरस्कार किरण हेम्ब्रम, तृतीय पुरस्कार टुम्पा देवी, सांत्वना प्रथम पुरस्कार लुखी किस्कू और सांत्वना द्वितीय पुरस्कार सरोजिनी देवी को दिया गया.

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