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गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया का प्रकोप, 15 चिकित्सीय दल गांव में कर रहा कैंप - गोड्डा सिविल सर्जन

Medical teams camp in village regarding malaria in Sunderpahadi. गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया के प्रकोप को लेकर 15 चिकित्सीय दल गांव में कैंप कर रहा है. पहाड़िया गांव में मलेरिया से कई लोगों के बीमार खबर पर डीसी और कमिश्नर ने गांव का दौरा किया.

Medical teams camp in village regarding malaria in Sunderpahadi of Godda
गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया को लेकर चिकित्सीय दल गांव में कैंप कर रहे
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 7:55 PM IST

गोड्डाः जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड अंतर्गत सूदूरवर्ती पहाड़ी पर पहाड़िया गांव में मलेरिया से कई लोगों के बीमार होने की खबर के बाद जिला स्वास्थ विभाग हरकत के आया है. इसको लेकर 15 चिकित्सीय दल यहां कैंप कर रहा है. इसके साथ ही डीसी और कमिश्नर द्वारा गांव का दौरा भी किया गया.

इसे लेकर संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त लालचंद्र डाडेल में सुंदरपहाड़ी के मलेरिया प्रभावित बड़ा सिंदरी पंचायत के तिलयापडा समेत आस पास के गांव का भ्रमण कर जायजा लिया. इस दौरान गोड्डा से गयी चिकित्सको की टीम भी साथ में थी. गोड्डा डीसी जीशान कमर के निर्देश पर सिविल सर्जन भी स्पेशल टीम भेजी गयी जिसने मलेरिया प्रभावित गांव के पीड़ित मरीजों का सैंपल कलेक्ट किया.

इस दौरान ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए. जिनमें मेडिकेटेड मच्छरदानी और मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल की सलाह दी गयी. साथ क्षेत्र में मलेरिया रोधी उपाय को तेज करने के निर्देश दिया गया. साथ ही बताया गया कि कैसे पास में जलजमाव नहीं होने दें, मलेरिया परजीवी वाली मच्छर ताजा पानी में भी फैलता है. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिला में इस वर्ष मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में सुंदरपहाड़ी के जिस इलाके में इस तरह की बात आई है, स्वास्थ्य विभाग इसे त्तपरता से देख रहा है. गांव में मेडिकल कैंप लगा दिया गया है, साथ ही दवाइयों का वितरण भी किया जा रहा है.

सुंदरपहाड़ी चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. जिसमे संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया बीमारी फैलती है पहले लक्षण हल्के हो सकते हैं. ज्वार संबंधी बीमारियी के समान और मलेरिया के रूप पहचानना मुश्किल होता है. ऐसे में तुरंत मलेरिया जांच करवाएं. इसमें विलंब से मरीज की जान भी जा सकती है. मलेरिया के लक्षण में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और थकान और सांस लेने में कठिनाई मुख्य है. इसके लिए मच्छर से बचाव जरूरी है. सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त जांच व इलाज उपलब्ध है.

प्रभावित गांव काफी सुदूरवर्ती है दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है जो सुंदरपहाड़ी प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूर पहाड़ पर स्थित है. जहां आसपास स्वास्थ सुविधा केंद्र उपलब्ध नहीं है. नतीजन लोग झाड़ फूंक व ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे रहते हैं. मलेरिया प्रभावित गांवों में तिलियापड़ा, जोलो बेरगो, सारमी, सिदलर में स्वास्थ्य कैंप लगा दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मरीजों की संख्या लगभग 100 के करीब है. जिनमें सारमी गांव में सर्वाधिक 29 ब्रेन मलेरिया के मरीज मिले हैं.

गुरुवार को उपायुक्त जीशान कमर ने भी गांव का दौरा कर जायजा लिया. गांव में 15 टीम लगातार कैंप कर रही है. गोड्डा सिविल सर्जन डॉ अनंत झा ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है वे पिछले 4 दिनों से छुट्टी पर हैं. डॉ खालिद अंजुम के नेतृत्व में चिकित्सीय दल कैंप कर रही है और जरूरी दवा व चिकित्सा उपलब्ध किया जा रहा है. मरीजों की मौत के बारे में कहा कि उनके पास इसकी कोई स्पष्ट जानकारी फिलहाल नहीं है.

इसे भी पढ़ें- मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों पर नहीं होता DDT का असर, झारखंड सरकार ने लिखा केंद्र को पत्र, दूसरे कीटनाशक की रखी गई मांग

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग की केंद्रीय जांच टीम पहुंची धनबाद, दिए गए कई अहम दिशा निर्देश

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गोड्डाः जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड अंतर्गत सूदूरवर्ती पहाड़ी पर पहाड़िया गांव में मलेरिया से कई लोगों के बीमार होने की खबर के बाद जिला स्वास्थ विभाग हरकत के आया है. इसको लेकर 15 चिकित्सीय दल यहां कैंप कर रहा है. इसके साथ ही डीसी और कमिश्नर द्वारा गांव का दौरा भी किया गया.

इसे लेकर संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त लालचंद्र डाडेल में सुंदरपहाड़ी के मलेरिया प्रभावित बड़ा सिंदरी पंचायत के तिलयापडा समेत आस पास के गांव का भ्रमण कर जायजा लिया. इस दौरान गोड्डा से गयी चिकित्सको की टीम भी साथ में थी. गोड्डा डीसी जीशान कमर के निर्देश पर सिविल सर्जन भी स्पेशल टीम भेजी गयी जिसने मलेरिया प्रभावित गांव के पीड़ित मरीजों का सैंपल कलेक्ट किया.

इस दौरान ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए. जिनमें मेडिकेटेड मच्छरदानी और मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल की सलाह दी गयी. साथ क्षेत्र में मलेरिया रोधी उपाय को तेज करने के निर्देश दिया गया. साथ ही बताया गया कि कैसे पास में जलजमाव नहीं होने दें, मलेरिया परजीवी वाली मच्छर ताजा पानी में भी फैलता है. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिला में इस वर्ष मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में सुंदरपहाड़ी के जिस इलाके में इस तरह की बात आई है, स्वास्थ्य विभाग इसे त्तपरता से देख रहा है. गांव में मेडिकल कैंप लगा दिया गया है, साथ ही दवाइयों का वितरण भी किया जा रहा है.

सुंदरपहाड़ी चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. जिसमे संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया बीमारी फैलती है पहले लक्षण हल्के हो सकते हैं. ज्वार संबंधी बीमारियी के समान और मलेरिया के रूप पहचानना मुश्किल होता है. ऐसे में तुरंत मलेरिया जांच करवाएं. इसमें विलंब से मरीज की जान भी जा सकती है. मलेरिया के लक्षण में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और थकान और सांस लेने में कठिनाई मुख्य है. इसके लिए मच्छर से बचाव जरूरी है. सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त जांच व इलाज उपलब्ध है.

प्रभावित गांव काफी सुदूरवर्ती है दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है जो सुंदरपहाड़ी प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूर पहाड़ पर स्थित है. जहां आसपास स्वास्थ सुविधा केंद्र उपलब्ध नहीं है. नतीजन लोग झाड़ फूंक व ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे रहते हैं. मलेरिया प्रभावित गांवों में तिलियापड़ा, जोलो बेरगो, सारमी, सिदलर में स्वास्थ्य कैंप लगा दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मरीजों की संख्या लगभग 100 के करीब है. जिनमें सारमी गांव में सर्वाधिक 29 ब्रेन मलेरिया के मरीज मिले हैं.

गुरुवार को उपायुक्त जीशान कमर ने भी गांव का दौरा कर जायजा लिया. गांव में 15 टीम लगातार कैंप कर रही है. गोड्डा सिविल सर्जन डॉ अनंत झा ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है वे पिछले 4 दिनों से छुट्टी पर हैं. डॉ खालिद अंजुम के नेतृत्व में चिकित्सीय दल कैंप कर रही है और जरूरी दवा व चिकित्सा उपलब्ध किया जा रहा है. मरीजों की मौत के बारे में कहा कि उनके पास इसकी कोई स्पष्ट जानकारी फिलहाल नहीं है.

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