गोड्डा: जिले का पोड़ैयाहाट विधानसभा पर पूरे राज्य की नजर है, इसकी वजह है इस विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे प्रदीप यादव, जो सदन में अपने तीखे सवाल और मुखर अंदाज के कारण न केवल सबका ध्यान अपनी ओर खिंचते हैं बल्कि मीडिया के चहते भी बन जाते हैं.
72 साल बाद हुई रेल की शुरुआत
पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र गोड्डा और दुमका दोनों ही जिले में फैला है. गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड और दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड इसी विधानसभा क्षेत्र में है. गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट ही एक मात्र विधानसभा है. जहां आजादी के 72 साल बाद रेल की शुरुआत हुई है. जो फिलहाल हंसडीहा से पोड़ैयाहाट तक रेल लाइन बनकर तैयार हुई है. यहां केवल एक यात्री रेल पोड़ैयाहाट से दुमका चालू कर दी गई है.
अडाणी पावर प्लांट का निर्माण
वहीं, इस विधानसभा क्षेत्र में अडाणी पावर प्लांट का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है. जिससे 1600 मेगावाट की बिजली का उत्पादन होना है. इसके बिजली वितरण को लेकर भी विवाद रहा है, क्योंकि निर्मित विजली बांग्लादेश को बेचा जाना है. इसे लेकर वर्तमान विधायक प्रदीप यादव के विरोध के कारण उन्हें 5 माह तक जेल भी रहना पड़ा था.
पानी और बिजली की है समस्या
गोड्डा के पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र की शुरुआत जिला मुख्यालय से महज कुछ दूरी के बाद आरंभ हो जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में ही कृषि महाविद्यालय है. वहीं विश्वविद्यालय प्रस्तावित है. इसके अलावा शिक्षण संस्थान के रूप में आईटीआई के अलावा स्किल डेवेलपमेन्ट सेंटर खोले गए है. पोड़ैयाहाट विफहण सड़कों के क्षेत्र में बेहतर काम दिखता है. ज्यादातर गांव में सड़क सुविधा है, बिजली है, लेकिन बिजली की नियमित आपूर्ति एक बड़ी परेशानी है. पेय जल के समुचित प्रबंध क्षेत्र में है, लेकिन कई इलाके आज भी है जहां पानी की किल्लत है.
खेतो में पानी की एक बड़ी समस्या है. इस क्षेत्र में सुगबथान डैम को लेकर भी काफी विवाद रहा है. सांसद निशीकांत दुबे डैम निर्माण के पक्षधर है तो प्रदीप यादव चाहते है कि डैम निर्माण आमजन विश्वास में लेने के बाद ही किया जाय. इसे लेकर वे डैम निर्माण के विरोध में प्रदीप यादव मुखर रहे हैं.
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बीजेपी की टिकट से 2 बार बने विधायक
प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट विधानसभा से चार बार विधायक रहे हैं और एक बार उपचुनाव जीतकर गोड्डा लोकसभा के सांसद भी रहे हैं. प्रदीप यादव दो बार भाजपा से विधायक रहे हैं और सांसद का उपचुनाव भी भाजपा के टिकट पर ही जीता है. इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में मानव संसाधन मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. बाबूलाल मरांडी के करीबी होने की वजह से वे उनके साथ झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए और दो बार वे झाविमो के टिकट पर वे विधायक बने.
बेरोजगारी है बड़ी समस्या
हलांकि वे लगातार लोकसभा का चुनाव भी लड़ते रहे लेकिन उन्हें बाद में जीत हासिल नहीं हुई. इस बार भी वे लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरे स्थान पर रहे. हलांकि इस बार जो बड़ी बात रही की पहली बार पोड़ैयाहाट विधानसभा में भाजपा के मुकाबले में पोड़ैयाहाट विधानसभा में पिछड़ गए. जहां तक क्षेत्र की समस्या की बात करें तो बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है. आज भी बड़ी संख्या में लोग गुजरात, पंजाब और बंगाल रोजी रोटी के लिए जाते हैं.
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पहले जेएमएम का था गढ़
पोड़ैयाहाट विधानसभा प्रदीप यादव से पूर्व झामुमो का गढ़ हुआ करता था. जहां से पहले सूरज मंडल और उनके सांसद बनने के बाद प्रशांत मंडल तीन बार विधायक बने. वहीं प्रदीप यादव के भाजपा छोड़ने के बाद प्रशांत मंडल ने झामुमो को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. झाविमो से प्रदीप यादव उम्मीदवार होंगे, लेकिन भाजपा से अबतक किसी नाम पर अंतिम मोहर नहीं लगी है.