गोड्डाः शहर के बीचोबीच जिला का सबसे पुराना हाई स्कूल है, जहां करीब तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन स्कूल के हालात ऐसे हैं कि बच्चे स्कूल आने से डरते हैं, कहते हैं कि क्या पता कब कोई बड़ा हादसा हो जाए. 118 साल पुराना इस जिला मुख्यालय के स्कूल की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
118 साल पुराना है स्कूल
गोड्डा जिला मुख्यालय स्थित सबसे पुराने स्कूल भवन की स्थिति इतनी जर्जर हो गई है कि क्लास में बच्चे भय के माहौल में रहते है. इसको लेकर जिला के आलाधिकारी को सूचना दे दी गई है, बावजूद इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. गोड्डा शहर का जिला हाई स्कूल जिसकी स्थापना वर्ष 1903 में हुई थी. यहां फिलहाल 3000 के आसपास बच्चे हैं. इस विद्यालय में 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है. इसके अलावा और भी कई संस्थान मॉडल हाई स्कूल और जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय भी इसी विद्यालय के विभिन्न कमरों में चलता है. लेकिन विद्यालय का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, आए दिन छत से बड़े-बड़े टुकड़े नीचे गिरते हैं.
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डर में छात्र-छात्राएं
डर में जी रहे छात्रों का कहना है कि यहां कभी-भी बड़ी घटना हो सकती है, वो हमेशा भय के वातावरण में पढ़ने आते हैं. शिक्षकों का कहना है कि ऊपर का दो मंजिला इमारत की हालत ऐसी है कि वो कभी-भी दब सकती है. इन सबके बीच विद्यालय के प्रिंसिपल कहते हैं कि उनकी ओर से कई बार इसकी सूचना जिला के पदाधिकारी को दी गई, फिर भी कोई करवाई नहीं हुई. जो कमरे अच्छी हालत में है कोशिश की जाती है कि उनमें पढ़ाई हो बावजूद छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन जर्जर कमरों का इस्तेमाल भी मजबूरी हो जाती है.