ETV Bharat / state

पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का हेमंत सरकार पर वार, खतियान आधारित नीति लाने का झूठ बोलने का लगाया आरोप

आदिवासी नेता सालखन मुर्मू ने हेमंत सोरेन सरकार पर खतियान पर आधारित नीति लाने का झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बल्कि भाषा और संस्कृति आधारित नीति की जरूरत है.

Former MP Salkhan Murmu attacks Hemant Sarkar
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का हेमंत सरकार पर वार
author img

By

Published : Apr 15, 2022, 10:54 PM IST

गोड्डा: गोड्डा में पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने खतियान आधारित नियोजन नीति पर बयान दिया है. उन्होंने वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर लोगों से 1932 के खतियान पर आधारित नीति लाने का झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बल्कि भाषा और संस्कृति आधारित नीति की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-Sohrai Art Gallery: हजारीबाग का स्विमिंग पूल बना सोहराय आर्ट गैलरी


पूर्व भाजपा सांसद रहे और आदिवासी हितों की लगातार वकालत करने वाले सालखन मुर्मू ने कहा कि खतियान पर आधारित नीति संभव नहीं है. इसके लिए भाषा व संस्कृति आधारित नीति बनानी होगी. साथ ही नौकरी का 90 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र और 10 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के बीच बंटवारा होना चाहिए. उन्होंने मांग की कि इसके लिए प्रखंड स्तर पर कोटा निर्धारित हो.

देखें पूरी खबर


साथ सालखन मुर्मू ने कहा कि वे इसके लिए झारखंड के अलावा बिहार, प. बंगाल, ओडिशा, नेपाल, भूटान, बांग्ला देश आदि जगह के आदिवासियों का महजुटान करेंगे. इसके लिए 30 अप्रैल को रांची चलो और 30 जून को सरना धर्म को मान्यता दिलाने के दिल्ली चलो का कार्यक्रम निर्धारित है. जहां आदिवासी हितों पर चर्चा की जाएगी. इसके लिए वे राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की योजना को लेकर काम कर रहे है.

गोड्डा: गोड्डा में पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने खतियान आधारित नियोजन नीति पर बयान दिया है. उन्होंने वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर लोगों से 1932 के खतियान पर आधारित नीति लाने का झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बल्कि भाषा और संस्कृति आधारित नीति की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-Sohrai Art Gallery: हजारीबाग का स्विमिंग पूल बना सोहराय आर्ट गैलरी


पूर्व भाजपा सांसद रहे और आदिवासी हितों की लगातार वकालत करने वाले सालखन मुर्मू ने कहा कि खतियान पर आधारित नीति संभव नहीं है. इसके लिए भाषा व संस्कृति आधारित नीति बनानी होगी. साथ ही नौकरी का 90 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र और 10 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के बीच बंटवारा होना चाहिए. उन्होंने मांग की कि इसके लिए प्रखंड स्तर पर कोटा निर्धारित हो.

देखें पूरी खबर


साथ सालखन मुर्मू ने कहा कि वे इसके लिए झारखंड के अलावा बिहार, प. बंगाल, ओडिशा, नेपाल, भूटान, बांग्ला देश आदि जगह के आदिवासियों का महजुटान करेंगे. इसके लिए 30 अप्रैल को रांची चलो और 30 जून को सरना धर्म को मान्यता दिलाने के दिल्ली चलो का कार्यक्रम निर्धारित है. जहां आदिवासी हितों पर चर्चा की जाएगी. इसके लिए वे राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की योजना को लेकर काम कर रहे है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.