गोड्डाः जिले में बड़ी संख्या में बाहर से लौटे श्रमिकों-किसानों को आय बढ़ा कर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक पहल की है. दरअसल, कृषि वैज्ञानिक प्रवासी श्रमिकों को खाद्य प्रसंस्करण के टिप्स दिया जा रहा है, जिसकी मदद से वह अपनी खेती किसानी से बेहतर आय प्राप्त कर सकेंगे.
केंद्र श्रमिकों को खाद्य प्रसंस्कारण के लिए प्रशिक्षण
जिले में कृषि उत्पाद का प्रसंस्करण नहीं होने से श्रमिकों को उनके फसल की सहीं कीमत नहीं मिल पाती है. मजबूरन उन्हें औने-पौने दाम में अपनी फसल को बेचना पड़ता है. जिले के कृषि उत्पाद को और अधिक कीमत मिले, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र श्रमिकों को खाद्य प्रसंस्कारण के लिए प्रशिक्षण दे रहा है, जिसके तहत टोमेटो सॉस, जैली, फल और सब्जियों का प्रससंस्करण, चिली सॉस, ओल से अचार और नमकीन का निर्माण, चिप्स बनाना आदि शामिल है. श्रमिकों को खेती के साथ-साथ उत्पाद का प्रसंस्करण कर कैसे अधिक आय कमाई जाए इसकी तरकीब बताई गई.
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'प्रधानमंत्री गरीब रोजगार अभियान' के साथ आत्मनिर्भर
कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रगतिका ने बताया कि केंद्र सरकार के 'प्रधानमंत्री गरीब रोजगार अभियान' के साथ आत्मनिर्भर भारत के तहत गोड्डा जिला का चयन किया हो, इसके लिए जामुन, महुआ, बरबट्टी, करेली, ब्रोकली के अधिक उत्पाद के मद्देनजर प्रसंस्करण पर केंद्रित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
फूड प्रोसेसिंग केंद्र और शीत गृह की मांग
वहीं, श्रमिक भी अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद जता रहे है, लेकिन जिले में फूड प्रोसेसिंग केंद्र और शीत गृह की मांग काफी दिनों से की जा रही है, लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं हुई है. हलांकि केंद्र की पिछली यूपीए सरकार में झारखंड से सुबोधकांत सहाय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री भी रहे, उस वक्त भी उम्मीद जगी थी, लेकिन बात आई गई होकर रह गई.