गोड्डा: जिले के सुदूरवर्ती सुंदरपहाड़ी प्रखंड के तमलिगोड़ा गांव में पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार के 24 घर जलकर खाक हो गए. हालांकि आग लगने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है. इस घटना में करीब 24 परिवार प्रभावित हुए हैं.
पहाड़िया परिवार आम तौर पर पहाड़ी चोटियों पर जंगलों के बीच रहते हैं. इस कारण इनके घर तक दमकल को पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही प्रशासनिक मदद भी काफी देर से पहुंच पाती है. गर्मी के समय यहां के लोगों को आग की घटनाओं से दूसरे गांव की तुलना में ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
माना जा रहा है कि जंगली आग की वजह से ये हादसा हुआ है. गर्मी के दिनों में खुद ही जंगल में आग लग जाती है. वहीं, कई दफा महुआ चुनने के लिए जो आग लगाई जाती है, वो पूरे जंगलों में फैल जाती है. इनके आस-पास पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं होती है. परिणाम स्वरूप आग पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाता है.
बताया जा रहा है कि घटना में एक बच्चा झुलस गया है. वहीं, कई मवेशी और घरों में रखा अनाज भी जलकर खाक हो गया है. ये पाकुड़ और दुमका जिले की सीमा से सटा पहाड़ी इलाका है. इस बाबत जिला परिषद सदस्य शिव चरण माल्टो और पूर्व जीप सदस्य बैजनाथ महतो ने गांव जाकर लोगों मौके का जायजा लिया.