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गोड्डा: सुंदरपहाड़ी में आदिम जनजाति के 24 घर जलकर खाक, 1 मासूम झुलसा

पहाड़िया परिवार आम तौर पर पहाड़ी चोटियों पर जंगलों के बीच रहते हैं. इस कारण इनके घर तक दमकल को पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही प्रशासनिक मदद भी काफी देर से पहुंच पाती है. गर्मी के समय यहां के लोगों को आग की घटनाओं से दूसरे गांव की तुलना में ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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Published : Mar 26, 2019, 10:07 AM IST

Updated : Mar 26, 2019, 11:32 AM IST

मौके का मुआयना करते जिप सदस्य

गोड्डा: जिले के सुदूरवर्ती सुंदरपहाड़ी प्रखंड के तमलिगोड़ा गांव में पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार के 24 घर जलकर खाक हो गए. हालांकि आग लगने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है. इस घटना में करीब 24 परिवार प्रभावित हुए हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

पहाड़िया परिवार आम तौर पर पहाड़ी चोटियों पर जंगलों के बीच रहते हैं. इस कारण इनके घर तक दमकल को पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही प्रशासनिक मदद भी काफी देर से पहुंच पाती है. गर्मी के समय यहां के लोगों को आग की घटनाओं से दूसरे गांव की तुलना में ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

माना जा रहा है कि जंगली आग की वजह से ये हादसा हुआ है. गर्मी के दिनों में खुद ही जंगल में आग लग जाती है. वहीं, कई दफा महुआ चुनने के लिए जो आग लगाई जाती है, वो पूरे जंगलों में फैल जाती है. इनके आस-पास पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं होती है. परिणाम स्वरूप आग पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाता है.

बताया जा रहा है कि घटना में एक बच्चा झुलस गया है. वहीं, कई मवेशी और घरों में रखा अनाज भी जलकर खाक हो गया है. ये पाकुड़ और दुमका जिले की सीमा से सटा पहाड़ी इलाका है. इस बाबत जिला परिषद सदस्य शिव चरण माल्टो और पूर्व जीप सदस्य बैजनाथ महतो ने गांव जाकर लोगों मौके का जायजा लिया.

गोड्डा: जिले के सुदूरवर्ती सुंदरपहाड़ी प्रखंड के तमलिगोड़ा गांव में पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार के 24 घर जलकर खाक हो गए. हालांकि आग लगने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है. इस घटना में करीब 24 परिवार प्रभावित हुए हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

पहाड़िया परिवार आम तौर पर पहाड़ी चोटियों पर जंगलों के बीच रहते हैं. इस कारण इनके घर तक दमकल को पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही प्रशासनिक मदद भी काफी देर से पहुंच पाती है. गर्मी के समय यहां के लोगों को आग की घटनाओं से दूसरे गांव की तुलना में ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

माना जा रहा है कि जंगली आग की वजह से ये हादसा हुआ है. गर्मी के दिनों में खुद ही जंगल में आग लग जाती है. वहीं, कई दफा महुआ चुनने के लिए जो आग लगाई जाती है, वो पूरे जंगलों में फैल जाती है. इनके आस-पास पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं होती है. परिणाम स्वरूप आग पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाता है.

बताया जा रहा है कि घटना में एक बच्चा झुलस गया है. वहीं, कई मवेशी और घरों में रखा अनाज भी जलकर खाक हो गया है. ये पाकुड़ और दुमका जिले की सीमा से सटा पहाड़ी इलाका है. इस बाबत जिला परिषद सदस्य शिव चरण माल्टो और पूर्व जीप सदस्य बैजनाथ महतो ने गांव जाकर लोगों मौके का जायजा लिया.

Intro:सुंदरपहाड़ी में आदिम जनजाति के 24 घर जल कर राख,जंगल की घर तक पहुची और स्वाहा हुए घर


Body:गोड्डा जिले के सुदूरवर्ती सुंदरपहाड़ी प्रखंड के तमलिगोड़ा गांव में पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार के 24 घर जलकर राख हो गए।इस कारण दो दर्ज़न परिवार खिले आसमान के नीचे आ गए है।
दर असल या पहाड़िया परिवार आम तौर पर पहाड़ी चोटियो पर जंगलो के बीच रहते है।इस कारण इनके घर तक अग्निशमन वहां जैसी वहां की सुविधा भी मुश्किल होती है।वही प्रशासनिक मदद भी काफी देर से पहुँच पाती है।
गर्मी के मौसम में इन्हें आगलगी की घटना से आम गांव की तुलना में ज्यादा हमवार होना होता है।इसकी वजह जंगली आग होती है।इस घटना में भी जंगली आग को ही वजह माना जा रहा है।गरमी के दिन में स्वतः जंगल मे आग लग जाती है तो कई दफा महुआ चुनने के लिए जो आग लगाई जाए है वह पूरे जंगलो में फैल जाते है।इनके आस पास पानी के भी समुचित प्रबंध नही होते है परिणाम स्वरूप आग पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाता है।
घटना में एक बच्चे भी जलकर घायल हुए है वही,के मवेशी व घर मे रखे अनाज आदि भी जलकर राख हो गए है।
ये इलाका पाकुड़ व दुमका जिले की सीमा सटा पहाड़ी इलाका है।इस बावत जिला परिषद सदस्य शिव चरण माल्टो व पूर्व जीप सदस्य बैजनाथ महतो ने गांव जाकर कर लोगो समस्या का जायजा लिया जिला प्रशासन से अहईग की अपील की।
bt-शिव चरण माल्टो-जीप सदस्य
bt-पीड़ित ग्रामीण


Conclusion:na
Last Updated : Mar 26, 2019, 11:32 AM IST
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