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अडाणी पावर प्लांट के विरोध में उतरे समर्थन कर रहे किसान, वादाखिलाफी का लगाया आरोप - Adani power plant

गोड्डा के मोतिया में अडाणी पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है, जहां 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है. ये बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाएगी. इसे लेकर पहले भी जबर्दस्त विरोध की स्थिति बनी थी. प्लांट के विरोध को लेकर जेवीएम विधायक प्रदीप यादव को करीब 5 महीने जेल में बिताने पड़े. हालांकि उस दौरान प्लांट समर्थक किसानों का कहना था कि हम अपनी जमीन देकर उस प्लांट को स्थापित कराएंगे.

अडाणी पावर प्लांट के विरोध में उतरे समर्थन कर रहे किसान
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Published : Aug 26, 2019, 5:32 PM IST

गोड्डा: जिले के बहुचर्चित अडाणी पावर प्लांट के लिए जिन किसानों ने जमीन दी थी, वही अब विरोध में उतर आए हैं. किसानों का कहना है कि अडाणी पावर प्लांट के प्रबंधक अपने किए गए वादों से मुकर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि अडाणी कंपनी ने उन्हें सुनहरे सपने दिखाकर ठग लिया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, गोड्डा के मोतिया में अडाणी पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है, जहां 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है. ये बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाएगी. इसे लेकर पहले भी जबर्दस्त विरोध की स्थिति बनी थी. प्लांट के विरोध को लेकर जेवीएम विधायक प्रदीप यादव को करीब 5 महीने जेल में बिताने पड़े. हालांकि उस दौरान प्लांट समर्थक किसानों का कहना था कि हम अपनी जमीन देकर उस प्लांट को स्थापित कराएंगे.

ये भी पढ़ें- शैक्षणिक भ्रमण पर गए बच्चों ने देखा दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला, 25 अगस्त को लौटेंगे झारखंड

फिलहाल अब वही किसान प्लांट का विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना कि आरएनआर पॉलिसी के तहत जमीन मालिक के साथ ही उन आश्रित बटाईदार और मजदूर जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे उनको 5 लाख रुपये मुआवजा देना तय हुआ. आज तक ये रकम अडाणी प्रबंधन की ओर से नहीं दी गई है. बच्चों के लिए सीबीएसई स्कूल, हॉस्पिटल, तकनीकी संस्थान की बात कही गई. इनमें से कोई भी वादे प्रबंधन ने पूरे नहीं किए हैं.

गोड्डा: जिले के बहुचर्चित अडाणी पावर प्लांट के लिए जिन किसानों ने जमीन दी थी, वही अब विरोध में उतर आए हैं. किसानों का कहना है कि अडाणी पावर प्लांट के प्रबंधक अपने किए गए वादों से मुकर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि अडाणी कंपनी ने उन्हें सुनहरे सपने दिखाकर ठग लिया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, गोड्डा के मोतिया में अडाणी पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है, जहां 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है. ये बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाएगी. इसे लेकर पहले भी जबर्दस्त विरोध की स्थिति बनी थी. प्लांट के विरोध को लेकर जेवीएम विधायक प्रदीप यादव को करीब 5 महीने जेल में बिताने पड़े. हालांकि उस दौरान प्लांट समर्थक किसानों का कहना था कि हम अपनी जमीन देकर उस प्लांट को स्थापित कराएंगे.

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फिलहाल अब वही किसान प्लांट का विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना कि आरएनआर पॉलिसी के तहत जमीन मालिक के साथ ही उन आश्रित बटाईदार और मजदूर जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे उनको 5 लाख रुपये मुआवजा देना तय हुआ. आज तक ये रकम अडाणी प्रबंधन की ओर से नहीं दी गई है. बच्चों के लिए सीबीएसई स्कूल, हॉस्पिटल, तकनीकी संस्थान की बात कही गई. इनमें से कोई भी वादे प्रबंधन ने पूरे नहीं किए हैं.

Intro:गोड्डा के बहुचर्चित अडाणी पावर प्लांट के बिरोध उनके अपने समर्थक किसान ही गोलबंद होकर सामने आ गए है,और कह रहे है कि जो वादे अडाणी पावर प्लांट ने किए थे,उससे व्व वादा खिलाफी कर रही है।अडाणी कंपनी ने उन्हें सब्जबाग दिखाकर ठगने का काम किया है।


Body:गोड्डा के मोतिया में अडाणी पावर प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है।जहा 1600मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है।ये बिजली बंगला देह को आपूर्ति किया जाना है।इसे लेकर पूर्व में जबरदस्त बोरोध के9 स्थिति बनी थी।जहाँ एक बिरोध का नेतृत्व जेवीएम विधायस्क प्रदीप यादव कर रहे थे उन्हें इस कारण पांच माह जेल में भी रहना पड़ा था। वही दूसरी ओर इस दौरान बड़ी संख्या में किसान अडाणी के समर्थन में खड़े होकर ये कहते रहे कि जान देंगे और जमीन देंगे लेकिन अडाणी पावर प्लांट को स्थापित कराएंगे।
लेकिन वही किसान जो पावर प्लांट का समर्थन कर रहे थे वे अब खुद को ठगे महशुस कर रहे है।ऐसे भू विस्थापित किसान का कहना कि आर एन आर पालिसी के तहत जमीन मालिक के साथ ही उन आश्रित बटाईदार व मजदूर जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे उन 5-5 लाख मुआवजा देना तय हुआ था ,लेकिन आज वो बात ठंडे बस्ते में चलो गयी है।इसके बच्चों के लिए cbse स्कूल,हॉस्पिटल,तकनीकी संस्थान की बात कही गयी थी।वही पर्यावरण संरक्षण को लेकर पेड़ लगाना कोई काम नही हो रहा।रोजगार भी सब के सब गार्ड से लेकर मजदुर व ऑफिस स्टाफ सभी बाहरी रखे जा रहे है
भू विस्थापित कहते हमने प्लांट के लिए क्या नही क्या आज कंपनी हमे कैंपस के अंदर जाने के लिए रोकती है और हर बात में रूल का हवाला देती है।
bt-प्रेमनन्दन मंडल-ग्रामीण संघर्ष मोर्च,अध्यक्ष
bt-तेज नारायण साह-भू बिस्थापित श्रमिक सहयोग समिति
bt-नरायन मंडल-भू विस्थापित मोर्चा,अध्यक्ष



Conclusion:अडाणी के समर्थक आज खुद को ठगा महशुस कर रहे है।उन्हें लगता है कंपनी पहले उन्हें सब्जबाग दिखा कर धोखा दे गई।आज उन सभी किसानों का मोह भंग हो गया है।सवाल अगर इतनी जल्दी मोह भंग हो गया तो पहले बिरोध करने आवाज कैसे गलत ये सवाल सबके जेहन में कौंधने लगे है।
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