गोड्डा: नववर्ष को लेकर गोड्डा जिला के पर्यटन केंद्र सज-धज कर तैयार है. जिसमें मुख्य रुप से सुंदर जलाशय के अलावा सुंदरपहाड़ी स्थित पहाड़ है. जहां प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा लोगों को अपनी ओर अकर्षित करता है. पूजा अर्चना के साथ नए साल की शुरुआत करने वालों के लिए मां योगिनी मंदिर (Crowd of devotees in Mata Yogini temple) पहली पसंद है. यहां पर लोग पूजा अर्चना के साथ ही पिकनिक का भी आनंद लेते हैं.
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मां योगिनी स्थान को 52वां गुप्त शक्तिपीठ कहा गया है. लोगों की यहां सालो भर आस्था देखी जाती है. लेकिन लोग ये भी मानते है कि नए साल की शरुआत योगिनी स्थान से करने से पूरे साल शुभ होगा. ऐसा करने से न केवल उनकी मनोकामना पूर्ण होगी बल्कि उनके अपने और अपनों के जीवन में शांति, समृद्धि व खुशहाली होगी. इस तरह झारखंड एक खुशहाल राज्य बनेगा.
माता योगिनी का स्थान गोड्डा जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर बरकोप राजवाड़ा (प्राचीनतम) के अंतर्गत आता है. जिसकी देख-रेख खेतोरी जमींदार परिवार के जिम्मे है और यहां के प्रधान पुजारी प्रो आशुतोष सिंह इसी परिवार के ताल्लुकात रखते हैं. योगिनी स्थान की अपनी खासियत भी यहां पर श्रद्धालु को खींच लाती है.
एक तो ये कि माता योगिनी का गर्भगृह लगभग 1000 मीटर पहाड़ी की ऊंचाई पर स्थित है. जिसकी मनोरम छटा के साथ प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को खूब लुभाता है. लोग पूजा अर्चना के बाद उन नयनाभिराम नजारों के बीच तस्वीरों को खिंचवाना नहीं भूलते. हर तरफ पहाड़ की ऊंची चोटी और उसके शिखर पर एक तरफ मां योगिनी का गर्भ गृह तो ठीक उनके समानांतर स्थित पहाड़ पर भगवान भोलेनाथ का मंदिर. सचमुच लोगों को लाजवाब कर देता है. ये संयोजन एक संदेश भी देता है कि गोड्डा आये और योगिनी स्थान नहीं आये तो मानो कुछ छूट गया.