गोड्डा: पूरी दुनिया कोरोना की त्रासदी झेल रहा है. झारखंड में भी कोरोना का भारी खौफ है. सरकार इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठा रही है. प्रदेश में लॉकडाउन लागू है. दूसरी ओर सामानों की आवक कम होने के कारण व्यापारी मुनाफाखोरी में जुटे हुए हैं. वे दैनिक वस्तुओं को मनमाने दामों में बेच रहे हैं.
इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य के अनेक हिस्सों में कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं. हालांकि प्रशासन इस संबंध में लगातार कार्रवाई कर रहा है. गोड्डा जिले में भी कालाबाजारी की वजह से सब्जी की कीमतों में डेढ़ से दोगुना वृद्धि से आम लोग परेशान हो रहे हैं.
कोरोना की त्रासदी से पूरी दुनिया त्रस्त है लेकिन कई लोग इसे भी कमाई का जरिया बना कर कालाबाजारी से पैसे बनाने में लगें हुए हैं.
गोड्डा में कालाबाजारी का असर सब्जी मंडी में खास तौर पर देखा जा सकता है. सरकार द्वारा लॉकडाउन व पूरे जिले में निषेधाज्ञा व सरकारी आदेश के बाद लोग घरों में रह रहे हैं.
लेकिन जरूरी सामान के लिए मंडी जाने पर खास तौर पर सब्जी की बढ़ी कीमत उनके होश उड़े रहे हैं. जो आलू दो से तीन पूर्व तक 15 से 20 रुपया प्रतिकिलो मिल रहा था, वो अब सीधे 30 रुपया पहुंच गया है. जाहिर है कीमत की उछाल डेढ़ गुना से दो गुना तक है.
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कमोबेश यही हाल प्याज का भी है. लॉकडाउन होने के कारण हरी सब्जी बाजार में आमद नहीं है. ऐसे में लोगो के लिए आलू प्याज ही विकल्प बचता है.
इस बावत स्टॉकिस्ट का कहना है कि उनके स्तर से कीमत में इजाफा मामूली है तो इतनी कीमत किसके स्तर से बढ़ती है. वहीं ग्राहकों की मानें तो वे कहते है कि उनकी मजबूरी है लोग इस त्रासदी का भी अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं.
जबकि जिला प्रशासन का दावा है कि बाजार में कीमत नियंत्रण में है और अगर कोई शिकायत कीमत वृद्धि की शिकायत मिलती है तो कार्रवाई होगी. यही कारण है कि दुकानदर कैमरे पर कीमत बताने से भी गुरेज करते हैं. ऐसे में इस त्रासदी में भी आम आदमी मंहगाई की मार झेल रहा है और कालाबाजारी करने वालों की चांदी हो रही है.