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रिटायरमेंट के बाद चुनावी दंगल में उतरी महिला, 28 सालों तक रही शिक्षक

झारखंड पंचायत चुनाव को लेकर लोग उत्साहित हैं. हर तबके के लोग इसमें अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. किसी ने चुनाव में उतरने के लिए नौकरी से रिजाइन कर दी तो कोई रिटायरमेंट के बाद चुनाव में खड़ा हो रहा है. गिरिडीह में 28 सालों तक बतौर शिक्षक काम करने वाली एक महिला मुखिया पद के लिए नामांकन करवा चुकी हैं.

contesting panchayat elections after retirement
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Published : May 9, 2022, 2:11 PM IST

गिरिडीह: पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Election 2022) का जुनून लोगों के सिर पर सवार है. हर तबका और निर्धारित उम्र के हर लोगों में इसका जुनून है. कोई नौकरी को रिजाइन देकर तो कोई रिटायरमेंट के बाद चुनावी दंगल में कूद पड़ा है. सहायक अध्यापक के पद से रिजाइन देकर एक शख्स चुनाव लड़ रहा है. ईटीवी भारत ने उस शख्स से आपको रूबरू कराया था. अब एक ऐसी महिला सामने आई है जो रिटायरमेंट के बाद चुनाव में खड़ी हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें: किसी प्रलोभन में आकर नहीं, योग्य प्रत्याशी को अपना कीमती वोट देंगे दुमका के मतदाता

महिला का नाम सुशीला कुमारी है, वह गिरिडीह जिला के बगोदर की रहने वाली है. शिक्षा विभाग में वह बतौर शिक्षक थी. बगोदर स्थित उत्क्रमित मध्य विधालय से वह 2013 में रिटायर हुईं थीं. 28 सालों तक एक शिक्षक के रूप में काम करने के बाद वह अब पंचायत चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतर रही हैं. एक प्रत्याशी के तौर पर उनका दावा है कि जनता ने अगर मौका दिया, तब वह पंचायत में बचे शेष विकास कार्यों को धरातल पर उतारेंगी.

महिला प्रत्याशी सुशीला कुमारी
पति राजहंस और बेटा डॉ. शशि भूषण रह चुके हैं मुखिया: सुशीला कुमारी मुखिया पद के लिए नामांकन करा चुकी है. वह बगोदर पूर्वी पंचायत से चुनाव लड़ रही हैं. सुशीला कुमारी के पति राजहंस राही लंबे समय तक एकीकृत बगोदर के मुखिया थे. एकीकृत बिहार के समय जब पंचायत चुनाव हुआ था. उस समय वे मुखिया चुने गए थे. झारखंड में जब 2010 में पहली बार चुनाव हुआ तब राजहंस राही चुनाव लड़े थे, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2015 में जब दूसरी बार चुनाव हुआ तब रूपवंती देवी के बड़े पुत्र डॉ. शशि भूषण मुखिया चुनाव में उतरे और जीत हासिल की. तीसरी बार पंचायत चुनाव हो रहा है. बगोदर पूर्वी पंचायत के सीट में फेरबदल हो गया है. यह सीट महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में डॉ. शशि भूषण को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. तब बेटा के जगह में मां चुनावी मैदान में उतर गई है.

गिरिडीह: पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Election 2022) का जुनून लोगों के सिर पर सवार है. हर तबका और निर्धारित उम्र के हर लोगों में इसका जुनून है. कोई नौकरी को रिजाइन देकर तो कोई रिटायरमेंट के बाद चुनावी दंगल में कूद पड़ा है. सहायक अध्यापक के पद से रिजाइन देकर एक शख्स चुनाव लड़ रहा है. ईटीवी भारत ने उस शख्स से आपको रूबरू कराया था. अब एक ऐसी महिला सामने आई है जो रिटायरमेंट के बाद चुनाव में खड़ी हो रही हैं.

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महिला का नाम सुशीला कुमारी है, वह गिरिडीह जिला के बगोदर की रहने वाली है. शिक्षा विभाग में वह बतौर शिक्षक थी. बगोदर स्थित उत्क्रमित मध्य विधालय से वह 2013 में रिटायर हुईं थीं. 28 सालों तक एक शिक्षक के रूप में काम करने के बाद वह अब पंचायत चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतर रही हैं. एक प्रत्याशी के तौर पर उनका दावा है कि जनता ने अगर मौका दिया, तब वह पंचायत में बचे शेष विकास कार्यों को धरातल पर उतारेंगी.

महिला प्रत्याशी सुशीला कुमारी
पति राजहंस और बेटा डॉ. शशि भूषण रह चुके हैं मुखिया: सुशीला कुमारी मुखिया पद के लिए नामांकन करा चुकी है. वह बगोदर पूर्वी पंचायत से चुनाव लड़ रही हैं. सुशीला कुमारी के पति राजहंस राही लंबे समय तक एकीकृत बगोदर के मुखिया थे. एकीकृत बिहार के समय जब पंचायत चुनाव हुआ था. उस समय वे मुखिया चुने गए थे. झारखंड में जब 2010 में पहली बार चुनाव हुआ तब राजहंस राही चुनाव लड़े थे, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2015 में जब दूसरी बार चुनाव हुआ तब रूपवंती देवी के बड़े पुत्र डॉ. शशि भूषण मुखिया चुनाव में उतरे और जीत हासिल की. तीसरी बार पंचायत चुनाव हो रहा है. बगोदर पूर्वी पंचायत के सीट में फेरबदल हो गया है. यह सीट महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में डॉ. शशि भूषण को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. तब बेटा के जगह में मां चुनावी मैदान में उतर गई है.
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