गिरिडीह: जिले में संयुक्त ट्रेड यूनियन ने बनियाडीह में कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और कोयला सेक्टर को निजी हाथों में सौंपने का विरोध किया गया. श्रमिक नेताओं ने कहा कि 9 अगस्त 1942 के दिन ही 'भारत छोड़ो आंदोलन' का आह्वान कर ब्रिटिश हुकूमत को हिंदुस्तान की सरजमीं से भगाने की शुरुआत की गई थी, लेकिन मौजूदा केंद्र की बीजेपी सरकार ने एक बार फिर से इस देश को एक तरह से गुलामी की दिशा में धकेल दिया है. देश के सारे सार्वजनिक संस्थान व संपत्तियां एक-एक कर बेची जा रही हैं.
श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कोयला सेक्टर को निजी हाथों में धकेल रही है, जो देश के मजदूरों और जनता के घोर खिलाफ है, इसलिए डटकर सरकार के जन विरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध करना होगा. उन्होंने 18 अगस्त को कोल सेक्टर में आहूत एक दिन के हड़ताल को सफल करने की भी अपील की.
वहीं, प्रतिवाद कार्यक्रम के साथ-साथ संयुक्त मोर्चा की एक बैठक भी बनियाडीह में हुई, जिसमें 18 अगस्त के हड़ताल की सफलता को लेकर व्यापक कार्यक्रम तय किए गए. 11 से लेकर 14 अगस्त तक सीसीएल गिरिडीह के विभिन्न खदानों और श्रमिकों के कार्य स्थलों पर जाकर उनके साथ विस्तारित मीटिंग की जाएगी. बैठक में 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के बाद 16 अगस्त को भी मजदूरों के बीच संपर्क अभियान चलाने और 17 अगस्त को बनियाडीह में कोयला मजदूरों की एक मीटिंग के अलावा संध्या में मशाल जुलूस आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया. वहीं 18 अगस्त हड़ताल के दिन सभी माइंसों एवं महत्वपूर्ण जगहों पर टीम बनाकर हड़ताल की सफलता की गारंटी की जाएगी. मीटिंग की अध्यक्षता गोपाल राम और संचालन अमित यादव ने किया. बैठक में शिवाजी सिंह, राजेश कुमार, देव शंकर मिश्र, राजेश सिन्हा, नारायण दास, दिलीप कुमार मंडल, तेज लाल मंडल, प्रमोद सिंह, अशोक मंडल, ऋषिकेश मिश्रा, मिथिलेश कुमार यादव, एस. अन्थोनी, शाहनवाज खान पप्पू, संजय कुमार यादव, कन्हैया सिंह, नौशाद अहमद चांद, दिलीप पासवान आदि मौजूद रहे.
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दूसरी ओर भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए भाकपा माले ने मजदूर-किसानों के 'देश बचाओ अभियान' में मदद देने का आह्वान किया है. पपरवाटांड़ स्थित भाकपा माले कार्यालय में प्रतिवाद आयोजित कर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया गया. इस मौके पर अपने संबोधन में पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव और गिरिडीह विधानसभा माले प्रभारी राजेश सिन्हा ने कहा कि केंद्र की मोदी-शाह की सरकार ने एक सोची-समझी साजिश के तहत कोरोना और लॉकडाउन जैसे अभूतपूर्व संकटकाल में ही देश की बड़ी-बड़ी सार्वजनिक कम्पनियों और संपत्तियों को निजी कंपनियों के हाथों नीलाम करना शुरू किया है, ताकि लोग इसके विरोध में सड़कों पर नहीं उतर सके.