गिरिडीहः जिले में पोक्सो के विशेष न्यायालय के विशेष न्यायाधीश सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामबाबू गुप्ता की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में गुरूवार को दो दोषियों को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
अलग-अलग धारा में सजा
अदालत ने ताराटांड़ थाना क्षेत्र के बड़कीटांड़ टोला सोबेड़वा के सुखलाल हांसदा और सुनील हांसदा को यह सजा सुनाई है. अदालत ने भादवि की धारा 341/34 में एक महीने सश्रम कारावास और 500 रूपए फाइन की सजा सुनाई है. फाइन नहीं देने पर दो दिन साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा. इसके अलावा भादवि की धारा 448/34 में एक साल सश्रम कारावास और एक हजार रूपए फाइन की सजा सुनाई है. फाइन नहीं देने पर सात दिन साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. भादवि की धारा 354(बी)/34 में चार साल सश्रम कारावास और दो हजार रूपए फाइन किया गया है. फाइन नहीं देने पर 15 दिन साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. 8 पोक्सो एक्ट 2012 में पांच साल सश्रम कारावास एवं पांच हजार फाइन किया गया है. फाइन नहीं देने पर एक माह साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा. अदालत ने दोषियों से फाइन से प्राप्त शत प्रतिशत राशि पीड़िता को देने का निर्देश भी दिया है.
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यह मामला ताराटांड़ थाना क्षेत्र का है. 18 जून 2018 को दोनों आरोपियों ने एक नाबालिग को अकेला पाकर छेड़छाड़ किया था. इस घटना को लेकर नाबालिग पीड़िता की मां की शिकायत पर ताराटांड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने कहा था कि उनकी बेटी घर मे अकेली थी. इस बीच सुखलाल हांसदा एवं सुनील हांसदा उसके घर घुस गए और सुखलाल हांसदा गलत नियत से उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ करने लगा जबकि सुनील हांसदा आंगन में खड़ा होकर अन्य लोगों के आने-जाने को लेकर देखभाल कर रहा था. उनकी बेटी की ओर से विरोध किया गया और शोर मचाया जाने लगा तो सुखलाल हांसदा वहां से भाग गया. हो-हल्ला सुन जब वे लोग घर आए तो आंगन के अंदर सुनील हांसदा को ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ लिए. इसके बाद गांव में पंचायत हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसलिए 21 जून 2018 को थाना में लिखित शिकायत की.