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पुलिस को सफलता: शिकंजे में 11 साल से फरार नक्सली, कई कांड में था शामिल

गिरिडीह के मुफस्सिल थाना पुलिस ने पुलिस ने नक्सली कांड के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी अनुसार दोनों नक्सली पिछले 11 वर्षों से फरार थे और उन पर नक्सली पर्चा बांटने का आरोप है.

two naxalites arrested in giridih
two naxalites arrested in giridih
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Published : Nov 3, 2020, 12:18 AM IST

गिरिडीह: जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, पुलिस ने मटरूखा में नक्सली पर्चा बांटने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों का नाम जानकी कोल और फुलवा कोल है, जिनपर 09 जनवरी 2009 को मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया था.

लंबे समय से फरार

मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी थाना प्रभारी के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता पुअनि गुप्तेश्वर शर्मा की ओर से की गई है. थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों इस कांड के प्राथमिकी अभियुक्त हैं. इसकी संलिप्तता इस कांड में पाई गई है.

ये भी पढ़ें- दीपक प्रकाश पर देशद्रोह का मुकदमा हास्यास्पद, सत्ता में बैठे लोग कर रहे लोकतंत्र का दुरुपयोग: बाबूलाल मरांडी


भाषण से हुआ प्रभावित

पूछताछ में आरोपी जानकी कोल ने पुलिस को बताया कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के लोग कभी-कभी उसके गांव आते थे और उनके भाषण से प्रभावित होकर वह भी संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने लगा और नक्सली साहित्य और दस्तावेज का प्रचार-प्रसार करता और करवाता था. वह अपने साथी बीरबल दा की अगुवाई में भाकपा माओवादी के शस्त्र बल के दस्ता सस्य आशीष दा, सुरेंद्र दा, विश्वजीत दा, प्रभा दी, प्रमिला दी, पार्वती दी, जहल कोल, फुलवा कोल, यदु पंडित, मदन गोप, भूपिया उर्फ भुनेश्वर राय, त्रिवेणी यादव समेत पांच-सात अन्य संगठन के लोग मोहलीटांड मटरूखा के अपने साथी भूपिया उर्फ भुनेश्वर राय के घर आए थे, यह दो-तीन घंटा के बाद खाना खाकर भाकपा माओवादी से संबंधित छपा हुआ पर्चा ग्रामीणों के बीच बांटने के लिए ग्रामीणों को पर्चा देकर जंगल की ओर चले गए थे.

गिरिडीह: जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, पुलिस ने मटरूखा में नक्सली पर्चा बांटने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों का नाम जानकी कोल और फुलवा कोल है, जिनपर 09 जनवरी 2009 को मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया था.

लंबे समय से फरार

मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी थाना प्रभारी के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता पुअनि गुप्तेश्वर शर्मा की ओर से की गई है. थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों इस कांड के प्राथमिकी अभियुक्त हैं. इसकी संलिप्तता इस कांड में पाई गई है.

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भाषण से हुआ प्रभावित

पूछताछ में आरोपी जानकी कोल ने पुलिस को बताया कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के लोग कभी-कभी उसके गांव आते थे और उनके भाषण से प्रभावित होकर वह भी संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने लगा और नक्सली साहित्य और दस्तावेज का प्रचार-प्रसार करता और करवाता था. वह अपने साथी बीरबल दा की अगुवाई में भाकपा माओवादी के शस्त्र बल के दस्ता सस्य आशीष दा, सुरेंद्र दा, विश्वजीत दा, प्रभा दी, प्रमिला दी, पार्वती दी, जहल कोल, फुलवा कोल, यदु पंडित, मदन गोप, भूपिया उर्फ भुनेश्वर राय, त्रिवेणी यादव समेत पांच-सात अन्य संगठन के लोग मोहलीटांड मटरूखा के अपने साथी भूपिया उर्फ भुनेश्वर राय के घर आए थे, यह दो-तीन घंटा के बाद खाना खाकर भाकपा माओवादी से संबंधित छपा हुआ पर्चा ग्रामीणों के बीच बांटने के लिए ग्रामीणों को पर्चा देकर जंगल की ओर चले गए थे.

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