गिरिडीह: टेरर फंडिंग मामले को लेकर एनआईए की सख्ती बढ़ती जा रही है. अब एनआईए ने कुख्यात नक्सली सुनील मांझी को अपने गिरफ्त में ले लिया है. सुनील को चार दिनों के लिए रिमांड पर भी लिया गया है.
सुनील को एनआईए की विशेष अदालत में किया गया प्रस्तुत
टेरर फंडिंग (लेवी) को लेकर नेशनल इंवेस्टिंग एजेंसी (एनआईए) की सख्ती बढ़ती जा रही है. अब एनआईए की टीम ने इस मामले को लेकर कुख्यात नक्सली सुनील मांझी उर्फ सुनील मुर्मू उर्फ सुनील सोरेन उर्फ चोपो सोरेन को अपने गिरफ्त में ले लिया है. सुनील को एनआईए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे चार दिनों के रिमांड पर लिया गया है. सुनील को डुमरी थाना कांड संख्या 06/2018 दिनांक 22 जनवरी 2018 के मामले में रिमांड पर लिया गया है.
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विकास योजना से की गयी थी राशि की उगाही
दरअसल, 22 जनवरी 2018 को मनोज कुमार नाम के व्यक्ति को 6 लाख रुपए लेवी की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया था. मनोज को डुमरी के अकबकीटांड से पकड़ा गया था. इस मामले की चार्जशीट गिरिडीह पुलिस ने 17 जुलाई 2018 को समर्पित की थी. इसके बाद इसी दिन इस केस को एनआईए को सौंप दिया गया था. तब से एनआईए इस मामले की जांच कर रही थी. जांच में यह साफ हो गया कि लेवी की इस राशि की उगाही विकास योजना से की गयी थी और यह रकम सुनील को ही मिलना था.
15 नक्सलियों के साथ सुनील मांझी हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि गिरिडीह के मधुबन थाना इलाका अंतर्गत लाहरबेड़ा का रहनेवाला सुनील कुख्यात नक्सली है. सुनील मांझी भाकपा माओवादी झारखंड बिहार स्पेशल एरिया कमिटी का सदस्य है और पारसनाथ के इलाके में काफी सक्रिय रहा था. मार्च 2018 में जब तत्कालीन एसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में गिरिडीह पुलिस ने डुमरी थाना इलाके के अकबकीटांड में छापेमारी की थी तो 15 नक्सलियों के साथ सुनील मांझी भी गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद सुनील को हजारीबाग जेल भेज दिया गया था. अब एनआईए की टीम ने सुनील को गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए की पूछताछ में टेरर फंडिंग को लेकर काफी महत्वपूर्ण जानकारी भी मिल सकती है.