गिरिडीहः मुफस्सिल थाना इलाके के बरवाडीह के समीप पुलिस पर हुए पथराव में कई जवान चोटिल हुए हैं. कई अधिकारियों को भी पत्थर लग हैं. इस घटना के बाद डीसी राहुल कुमार सिन्हा और एसपी अमित रेणू भी रविवार की रात ही घटनास्थल पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी भी ली. दोनों अधिकारी उन गलियों में भी गए जिस तरफ से प्रदर्शनकारी आए थे और पथराव करते हुए भागे. इस दौरान जिला दंडाधिकारी सह डीसी ने एसपी को साफ कहा कि उपद्रव में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दरकार है. एसपी ने भी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
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रातभर तलाशी में जुटी रही पुलिस
एसपी के सख्त निर्देश के बाद एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में मुफस्सिल थाना प्रभारी विनय राम, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, पचंबा थाना प्रभारी नीतीश कुमार, साइबर थाना प्रभारी सुरेश मंडल के साथ कई अधिकारी और जवान बरवाडीह से लेकर सिमरियाधौड़ा तक पहुंचे. इस दौरान ज्यादातर लोग फरार ही मिले. इस मामले में सोमवार की सुबह तक 3 लोगों को पकड़ा गया था. जबकि छापेमारी जारी थी.
ऐसे आक्रोशित हुए लोग
बताया जाता है कि राइस मिल मालिक से मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर शाम लगभग 8 बजे से सद्दाम के परिजनों के साथ गांव-मोहल्ले वालों का जुटना शुरू हो गया था. भीड़ बढ़ी तो लोगों ने गिरिडीह-टुंडी पथ पर बरवाडीह के चौराहे पर ही टायर जला दी. इस दौरान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी गई. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हंगामा बढ़ता जा रहा था तो पुलिस के अधिकारी पहुंचे और काफी देर तक समझाने का प्रयास किया लोग नहीं माने.
थोड़ी देर बात एसडीएम विशालदीप खलखो मौके पर पहुंचे. एसडीएम ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए एक जगह पर भीड़ लगाना, धरना-प्रदर्शन करना गलत है. एसडीएम ने यह भी कहा कि जो भी समस्या है उसका हल निकाला जाएगा सभी घर जाए. इतने पर भी लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. इसके बाद लाठी लिए जवानों ने लोगों को हटने को कहा. लाठी देखकर प्रदर्शनकारी और भी आक्रोशित हो गए. इसके बाद प्रदर्शनकारियों में से कई लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. एक के बाद एक पत्थर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी की तरफ गिरता रहा. अचानक पथराव से कई जवान चोटिल हो गए. ऐसे में पुलिस की तरफ से जवाबी पथराव किया गया.
मुद्रा राइस मिल के अड़ियल रवैये ने लोगों को भड़काया
इस मामले में एक बात साफ हुई कि राइस मिल के मजदूर सद्दाम की मौत के बाद रविवार को परिजन, गांव-मोहल्ला के लोग और भाकपा माले नेता मुआवजा मांगने ही मिल गए थे. यहां शाम सात बजे तक मिल के मालिक और प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की. मिल प्रबंधन के इसी गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और मृतक के परिजनों के प्रति असंवेदनशील होना लोगों को पसंद नहीं पड़ा और लोग सड़क पर उतर आए. ऐसे में मिल मालिक पर भी कार्रवाई की मांग उठने लगी है.