गिरीडीहः जिले का मशहूर पर्यटन स्थल खंडोली सैलानियों से गुलजार होने लगा है. प्रकृति की सुंदर वादियों के बीच बसे खंडोली का मनभावन दृश्य सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है और लोग बरबस यहां खिंचे चले आते हैं. शरद ऋतु के शुरू होते ही यहां बाहरी पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है और लोग यहां की मनोरम छटाओं का भरपूर लुत्फ उठाते हैं. यूं तो सालों भर खंडोली में सैलानियों का आना जाना लगा रहता है, मगर ठंड के मौसम में यहां आस पास के जिलों के अलावे बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र एवं अन्य बाहर के प्रदेशों से पर्यटक पहुंचते हैं. दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां बाहरी पर्यटक पहुंचते हैं और तफरीह, पिकनिक के साथ साथ खंडोली जलाशय में नौका विहार का आनंद उठाते हैं. पहाड़ों के बीच स्थित खंडोली डैम यहां की खूबसूरती को और बढ़ाती है.
मेहमान परिंदे बढ़ाते हैं डैम की खूबसूरतीः खंडोली के आकर्षण का दूसरा कारण हजारों मील की दूरी तय कर आने वाले मेहमान परिंदे हैं. शरद ऋतु में खंडोली जलाशय प्रवासी पक्षियों से गुलजार रहता(Siberian birds start coming to Khandoli ) है. ठंड के पूरे मौसम ये प्रवासी पक्षी यहां अपना आशियाना बनाते हैं और जलाशय में अटखेलियां करते रहते हैं. इन मेहमान परिंदों की अटखेलियां लोगों को खूब लुभाती है. जानकर बताते हैं कि खंडोली जलाशय में आने वाले प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन डक और उनकी अलग अलग प्रजातियां शामिल होती हैं. जो अत्यधिक ठंड पड़ने वाले साइबेरियन देशों से हजारों मील का सफर तय कर भारत के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचते हैं. शरद ऋतु के निकल जाने बाद ये मेहमान परिंदे वापस अपने वतन को लौट जाते हैं. दिसंबर से फरवरी माह तक इन परिंदों की किलकारियां खंडोली जलाशय में गूंजती रहती है.
विदेशी मेहमानों से गुलजार हुआ खंडोली, साइबेरियन पक्षियों की अटखेलियों का आनंद ले रहे पर्यटक
गिरिडीह का पर्यटन स्थल खंडोली(Khandoli tourist destination in Giridih) ठंड के दिनों में और भी खूबसूरत हो जाता है. साइबेरियन पक्षी ठंड के मौसम में यहां प्रवास करते हैं. जिन्हें देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं.
गिरीडीहः जिले का मशहूर पर्यटन स्थल खंडोली सैलानियों से गुलजार होने लगा है. प्रकृति की सुंदर वादियों के बीच बसे खंडोली का मनभावन दृश्य सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है और लोग बरबस यहां खिंचे चले आते हैं. शरद ऋतु के शुरू होते ही यहां बाहरी पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है और लोग यहां की मनोरम छटाओं का भरपूर लुत्फ उठाते हैं. यूं तो सालों भर खंडोली में सैलानियों का आना जाना लगा रहता है, मगर ठंड के मौसम में यहां आस पास के जिलों के अलावे बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र एवं अन्य बाहर के प्रदेशों से पर्यटक पहुंचते हैं. दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां बाहरी पर्यटक पहुंचते हैं और तफरीह, पिकनिक के साथ साथ खंडोली जलाशय में नौका विहार का आनंद उठाते हैं. पहाड़ों के बीच स्थित खंडोली डैम यहां की खूबसूरती को और बढ़ाती है.
मेहमान परिंदे बढ़ाते हैं डैम की खूबसूरतीः खंडोली के आकर्षण का दूसरा कारण हजारों मील की दूरी तय कर आने वाले मेहमान परिंदे हैं. शरद ऋतु में खंडोली जलाशय प्रवासी पक्षियों से गुलजार रहता(Siberian birds start coming to Khandoli ) है. ठंड के पूरे मौसम ये प्रवासी पक्षी यहां अपना आशियाना बनाते हैं और जलाशय में अटखेलियां करते रहते हैं. इन मेहमान परिंदों की अटखेलियां लोगों को खूब लुभाती है. जानकर बताते हैं कि खंडोली जलाशय में आने वाले प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन डक और उनकी अलग अलग प्रजातियां शामिल होती हैं. जो अत्यधिक ठंड पड़ने वाले साइबेरियन देशों से हजारों मील का सफर तय कर भारत के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचते हैं. शरद ऋतु के निकल जाने बाद ये मेहमान परिंदे वापस अपने वतन को लौट जाते हैं. दिसंबर से फरवरी माह तक इन परिंदों की किलकारियां खंडोली जलाशय में गूंजती रहती है.