गिरिडीह: साइबर सुरक्षा, सड़क सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को लेकर गिरिडीह पुलिस द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया. नगर भवन में आयोजित इस समारोह में सिविल सोसायटी के लोग शामिल हुए. वहीं कई स्कूलों के बच्चों ने सेमिनार का लाभ लिया. एसपी दीपक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में यह सेमिनार आयोजित हुआ. एसपी दीपक शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया.
पापा ने नहीं पहना हेलमेट तो बोल दो नहीं जायेंगे संग- एसपी: इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एसपी दीपक शर्मा ने बताया कि जीवन कितना अनमोल है. उन्होंने बताया कि हमें सावधानी ही सुरक्षित रख सकता है चाहे वह सड़क दुर्घटना से सुरक्षा हो या साइबर अपराधियों से. मौके पर मौजूद बच्चों को एसपी ने सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की न सिर्फ जानकारी दी बल्कि यह भी बताया कि लाइसेंस, हेलमेट व जरुरी कागजातों के बगैर हमें वाहन चलाना नहीं है. वहीं अपने अभिभावक को भी इन नियमों के प्रति जागरूक करना है. जब कभी आपके पापा या अन्य अभिभावक बगैर हेलमेट के बाइक निकालें तो उन्हें समझाना है और यह कहना है कि हेलमेट पहनेंगे तभी हम संग चलेंगे. एसपी ने साइबर अपराधियों से भी सतर्क रहने को कहा. कहा कि इंटरनेट यूज करते वक्त अनचाहे पेज से बचना है, अनचाहे मैसेज से बचना और फोन अपने परिचित का ही उठाना है.
लालच ही साइबर क्रिमनल्स का हथियार- डीएसपी: साइबर डीएसपी संदीप सुमन ने मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि साइबर अपराधी हमारी कमजोरी का फायदा उठाते हैं. हमें लालच या भयभीत करके अपने झांसे में लेने का प्रयास करते हैं ऐसे में हमें सतर्क रहना है और किसी भी लालच में नहीं पड़ना है.
दुर्घटना से देरी भला- एसडीपीओ: इस दौरान मंच का संचालन कर रहे एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि एक वर्ष में 1.75 लाख से भी अधिक लोगों की जान सड़क हादसे में चली गई. ज्यादातर हादसा लापरवाही का परिणाम है. ऐसे में सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करें और खुद भी सुरक्षित रहते हुए दूसरों को भी सुरक्षित रखें.
अन्य वक्ताओं ने भी किया सम्बोधित: इस दौरान डीआरडीए के निदेशक आलोक कुमार ने साइबर अपराध के नए नए तरीकों पर प्रकाश डाला. बताया कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेन्स क्या है. यह किस तरह से काम करता है और इसके प्रभाव, कुप्रभाव क्या क्या हैं. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने सड़क दुर्घटना पर प्रकाश डाला. उपनगर आयुक्त स्मिता कुमारी, प्रशिक्षु डीएसपी नीलम कुजूर और इंस्पेक्टर ममता कुमारी ने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला. यह बताया कि डायन उत्पीड़न, दहेज प्रथा जैसी कुरीति किस तरह से महिलाओं को पीछे धकेलने का काम करती है. इन सबों से बचना कैसे है. यदि कोई छेड़खानी जैसी घटना का शिकार होती है तो उन्हें कैसे पुलिस की मदद मिल सकती है. इंस्पेक्टर ममता ने मुखिया पति, मुखिया प्रतिनिधि, वार्ड पार्षद पति पर रोक लगाते हुए महिला जनप्रतिनिधि को आगे आकर काम करने को कहा.
ये थे मौजूद: इस कार्यक्रम का मंच संचालन एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, प्रेस क्लब के अध्यक्ष राकेश सिन्हा, पत्रकार श्रीकांत ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान सरिया सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के महाप्रबंधक बासब चौधरी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा, एसडीपीओ नौशाद आलम, प्रशिक्षु डीएसपी कैलाश महतो, सीसीएल गिरिडीह के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह, गिरिडीह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अनुज, रेड क्रॉस के अध्यक्ष अरविन्द कुमार, चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के निर्मल झुनझुनवाला, अधिवक्ता अजय सिन्हा, मारवाड़ी युवा मंच के मुकेश जालान, उसरी बचाओ आंदोलन के राजेश सिन्हा, सर जेसी बोस उवि के प्रधानाध्यापक मुन्ना कुशवाहा, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, इंस्पेक्टर ज्ञान रंजन, पचम्बा थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह समेत कई शैक्षणिक संस्था के प्रमुख के अलावा विभिन्न संस्था, स्कूल से जुड़े लोग व बच्चे मौजूद थे.
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