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Ruckus in Giridih: नेताओं पर मुकदमे से भाकपा माले सरगर्म, प्रतिवाद मार्च निकालकर कहा- हमारे खिलाफ साजिश

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Published : Jan 12, 2022, 9:56 AM IST

गिरिडीह में राइस मिल के मजदूर की मौत के बाद हुए हंगामे और पुलिस पर पथराव के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है. अब एफआईआर पर राजनीति शुरू हो गई है. इसकी एफआईआर में भाकपा माले के दो नेताओं का नाम आने पर खफा पार्टी ने प्रतिवाद मार्च निकाला और घटना को नेताओं के खिलाफ साजिश करार दिया. इसको लेकर भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक बगोदर महेंद्र सिंह स्मृति भवन में हुई. इसमें आंदोलन का निर्णय लिया गया.

Ruckus in Giridih CPI-ML takes out protest prativad march in Giridih
नेताओं पर मुकदमे से भाकपा माले सरगर्म, प्रतिवाद मार्च निकालकर कहा- हमारे खिलाफ साजिश

गिरिडीहः राइस मिल के मजदूर की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर हुए सड़क जाम और पुलिस पर पथराव के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है. इसमें भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव और पार्टी के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा समेत 26 लोगों को नामजद किया गया है. इस मामले में सोमवार को ही 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब भाकपा माले इस मुकदमे को लेकर आक्रामक हो गई है. पार्टी का कहना है कि उसके नेताओं के खिलाफ साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और माले ने इसके खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें-Ruckus in giridih: समझाते रहे SDM आक्रोशित लोगों ने शुरू कर दिया पथराव, रातभर पुलिस ने चलाया अभियान

भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक बगोदर महेंद्र सिंह स्मृति भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव पूरण महतो ने की, जबकि मुख्य अतिथि पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त थे. बैठक में पार्टी विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, वरिष्ठ नेता सीताराम सिंह समेत अन्य ने जोरदार तरीके से इस मामले पर राय रखी और पार्टी नेताओं पर झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया. साथ ही घटना की तीव्र निंदा की. पार्टी नेताओं का कहना है कि माले नेता लंबे समय से गिरिडीह के फैक्ट्री इलाके में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ तथा उनकी मौत के मामले में अधिकार और मुआवजे की लड़ाई लड़ते रहे हैं, इसलिए पूंजीपतियों के साथ सफेदपोश नेताओं की सांठगांठ के बल पर जिला पुलिस प्रशासन ने यह कार्यवाई की है.

भाकपा माले नेताओं ने कहा कि राइस मिल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर मोहम्मद सद्दाम की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों के आग्रह पर माले नेता राजेश यादव तथा राजेश सिन्हा ने वहां जाकर मुआवजे के लिए राइस मिल के समक्ष शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया. कुछ दिन पूर्व इसी फैक्ट्री में हुए आंदोलन के बल पर एक मृतक मजदूर के परिजनों को ₹20,70,000/- मुआवजा दिलवाया गया था. उन्होंने कहा कि सद्दाम की उम्र के हिसाब से मुआवजा ₹16,00,000/- से भी अधिक बनता है. लेकिन राइस मिल मालिक तथा उनके साथ सांठगांठ करने वालों की साजिश के कारण मुआवजा मात्र ₹11,25,000/- ही मिला. मुआवजे के नाम पर मृतक के परिजनों को बरगलाने का यह मुद्दा भी अहम है.

देखें पूरी खबर
जिला कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया कि, इस मामले में मृतक मजदूर सद्दाम के परिवार जनों के साथ पार्टी की जिला स्तरीय टीम एक मुलाकात करेगी, जिसमें पार्टी विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल होंगे. परिजनों से मिलने के अलावा पार्टी की टीम जिले के आला अधिकारियों को भी मुलाकात कर मामले की सच्चाई से अवगत कराएगी. इधर, इस मामले में पार्टी नेता राजेश यादव राजेश सिन्हा ने कहा कि इस तरह के झूठे केस मुकदमों से वे डरने वाले नहीं हैं.जिले भर में कई जगह किए गए प्रतिवाद कार्यक्रमः इस मामले को लेकर जगह-जगह प्रतिवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. पार्टी के कार्यकर्ता सलमान, सुभान, उज्ज्वल, मिन्टू मलीक, ताज़ हसन आदि की अगुवाई में श्रीरामपुर में निकाले गए प्रतिवाद मार्च में माले के लोगों ने इस एफआईआर को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि माले गरीबों के साथ खड़ी होती है, इसीलिए उसे रोकने के लिए साजिश के तहत नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

गिरिडीहः राइस मिल के मजदूर की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर हुए सड़क जाम और पुलिस पर पथराव के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है. इसमें भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव और पार्टी के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा समेत 26 लोगों को नामजद किया गया है. इस मामले में सोमवार को ही 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब भाकपा माले इस मुकदमे को लेकर आक्रामक हो गई है. पार्टी का कहना है कि उसके नेताओं के खिलाफ साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और माले ने इसके खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया है.

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भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक बगोदर महेंद्र सिंह स्मृति भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव पूरण महतो ने की, जबकि मुख्य अतिथि पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त थे. बैठक में पार्टी विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, वरिष्ठ नेता सीताराम सिंह समेत अन्य ने जोरदार तरीके से इस मामले पर राय रखी और पार्टी नेताओं पर झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया. साथ ही घटना की तीव्र निंदा की. पार्टी नेताओं का कहना है कि माले नेता लंबे समय से गिरिडीह के फैक्ट्री इलाके में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ तथा उनकी मौत के मामले में अधिकार और मुआवजे की लड़ाई लड़ते रहे हैं, इसलिए पूंजीपतियों के साथ सफेदपोश नेताओं की सांठगांठ के बल पर जिला पुलिस प्रशासन ने यह कार्यवाई की है.

भाकपा माले नेताओं ने कहा कि राइस मिल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर मोहम्मद सद्दाम की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों के आग्रह पर माले नेता राजेश यादव तथा राजेश सिन्हा ने वहां जाकर मुआवजे के लिए राइस मिल के समक्ष शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया. कुछ दिन पूर्व इसी फैक्ट्री में हुए आंदोलन के बल पर एक मृतक मजदूर के परिजनों को ₹20,70,000/- मुआवजा दिलवाया गया था. उन्होंने कहा कि सद्दाम की उम्र के हिसाब से मुआवजा ₹16,00,000/- से भी अधिक बनता है. लेकिन राइस मिल मालिक तथा उनके साथ सांठगांठ करने वालों की साजिश के कारण मुआवजा मात्र ₹11,25,000/- ही मिला. मुआवजे के नाम पर मृतक के परिजनों को बरगलाने का यह मुद्दा भी अहम है.

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जिला कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया कि, इस मामले में मृतक मजदूर सद्दाम के परिवार जनों के साथ पार्टी की जिला स्तरीय टीम एक मुलाकात करेगी, जिसमें पार्टी विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल होंगे. परिजनों से मिलने के अलावा पार्टी की टीम जिले के आला अधिकारियों को भी मुलाकात कर मामले की सच्चाई से अवगत कराएगी. इधर, इस मामले में पार्टी नेता राजेश यादव राजेश सिन्हा ने कहा कि इस तरह के झूठे केस मुकदमों से वे डरने वाले नहीं हैं.जिले भर में कई जगह किए गए प्रतिवाद कार्यक्रमः इस मामले को लेकर जगह-जगह प्रतिवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. पार्टी के कार्यकर्ता सलमान, सुभान, उज्ज्वल, मिन्टू मलीक, ताज़ हसन आदि की अगुवाई में श्रीरामपुर में निकाले गए प्रतिवाद मार्च में माले के लोगों ने इस एफआईआर को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि माले गरीबों के साथ खड़ी होती है, इसीलिए उसे रोकने के लिए साजिश के तहत नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
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