गिरिडीहः राइस मिल के मजदूर की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर हुए सड़क जाम और पुलिस पर पथराव के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है. इसमें भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव और पार्टी के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा समेत 26 लोगों को नामजद किया गया है. इस मामले में सोमवार को ही 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब भाकपा माले इस मुकदमे को लेकर आक्रामक हो गई है. पार्टी का कहना है कि उसके नेताओं के खिलाफ साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और माले ने इसके खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया है.
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भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक बगोदर महेंद्र सिंह स्मृति भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव पूरण महतो ने की, जबकि मुख्य अतिथि पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त थे. बैठक में पार्टी विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, वरिष्ठ नेता सीताराम सिंह समेत अन्य ने जोरदार तरीके से इस मामले पर राय रखी और पार्टी नेताओं पर झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया. साथ ही घटना की तीव्र निंदा की. पार्टी नेताओं का कहना है कि माले नेता लंबे समय से गिरिडीह के फैक्ट्री इलाके में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ तथा उनकी मौत के मामले में अधिकार और मुआवजे की लड़ाई लड़ते रहे हैं, इसलिए पूंजीपतियों के साथ सफेदपोश नेताओं की सांठगांठ के बल पर जिला पुलिस प्रशासन ने यह कार्यवाई की है.
भाकपा माले नेताओं ने कहा कि राइस मिल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर मोहम्मद सद्दाम की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों के आग्रह पर माले नेता राजेश यादव तथा राजेश सिन्हा ने वहां जाकर मुआवजे के लिए राइस मिल के समक्ष शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया. कुछ दिन पूर्व इसी फैक्ट्री में हुए आंदोलन के बल पर एक मृतक मजदूर के परिजनों को ₹20,70,000/- मुआवजा दिलवाया गया था. उन्होंने कहा कि सद्दाम की उम्र के हिसाब से मुआवजा ₹16,00,000/- से भी अधिक बनता है. लेकिन राइस मिल मालिक तथा उनके साथ सांठगांठ करने वालों की साजिश के कारण मुआवजा मात्र ₹11,25,000/- ही मिला. मुआवजे के नाम पर मृतक के परिजनों को बरगलाने का यह मुद्दा भी अहम है.