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ये महिला की मौत नहीं, दम तोड़ता सिस्टम है, खाट पर लादकर गर्भवती को अस्पताल लाया, गेट पर ही हो गई मौत

गिरिडीह के गावां प्रखंड की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई. गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं तो परिजनों ने महिला को खाट पर लादा और अस्पताल लेकर चल दिया. रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया. अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही महिला ने दम तोड़ दिया.

relatives brought pregnant to hospital on cot
खाट पर गर्भवती को अस्पताल ले जाते लोग.
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Published : Feb 26, 2021, 7:57 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 11:04 PM IST

गिरिडीह: गिरिडीह की एक तस्वीर साफ बयां करती है कि ये एक महिला की मौत नहीं बल्कि दम तोड़ता सिस्टम है. लाचारी और बेबसी की ऐसी तस्वीर देखकर कोई भी कांप जाए. लेकिन, क्या करें सच तो यही है कि एक महिला की मौत ने झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की योजना विफल, सालों से स्वास्थ्य केंद्र अधूरा

दरअसल, गिरिडीह के गावां प्रखंड की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई. गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं तो परिजनों ने महिला को खाट पर लादा और अस्पताल लेकर चल दिया. रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया. अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही महिला ने दम तोड़ दिया. मृतका तिसरी प्रखंड के लक्ष्मीबथान गांव की सुनील मरांडी की पत्नी सूरजी मरांडी थी.

गांव में आवागमन का नहीं है साधन

महिला के परिजनों ने बताया कि गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं है. एंबुलेंस को फोन करने से क्या फायदा. इसी वजह से महिला को खाट पर लादकर अस्पताल लाए. अब महिला तो चली गई लेकिन उसकी मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर जो सवाल छोड़ा है उसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है.

गिरिडीह: गिरिडीह की एक तस्वीर साफ बयां करती है कि ये एक महिला की मौत नहीं बल्कि दम तोड़ता सिस्टम है. लाचारी और बेबसी की ऐसी तस्वीर देखकर कोई भी कांप जाए. लेकिन, क्या करें सच तो यही है कि एक महिला की मौत ने झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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दरअसल, गिरिडीह के गावां प्रखंड की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई. गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं तो परिजनों ने महिला को खाट पर लादा और अस्पताल लेकर चल दिया. रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया. अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही महिला ने दम तोड़ दिया. मृतका तिसरी प्रखंड के लक्ष्मीबथान गांव की सुनील मरांडी की पत्नी सूरजी मरांडी थी.

गांव में आवागमन का नहीं है साधन

महिला के परिजनों ने बताया कि गांव में आवागमन का कोई साधन नहीं है. एंबुलेंस को फोन करने से क्या फायदा. इसी वजह से महिला को खाट पर लादकर अस्पताल लाए. अब महिला तो चली गई लेकिन उसकी मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर जो सवाल छोड़ा है उसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है.

Last Updated : Feb 26, 2021, 11:04 PM IST

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