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गिरिडीह में मजदूरों को दिया गया राशन किट, तालाब गहरीकरण में किया था श्रमदान - Deepening of pond in Giridih

गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव गडैया में तालाब का गहरीकरण ग्रामीणों ने श्रमदान कर किया. शुक्रवार को श्रमदान करने वाले मजदूरों के बीच राशन किट का वितरण किया गया. बुढ़ाथान तालाब गहरीकरण के लिए जन संगठन एकता परिषद के ओर से पांच दिवसीय श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया था.

राशन किट
राशन किट का वितरण
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Published : Apr 3, 2021, 1:04 AM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव गडैया में तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान करने वाले मजदूरों के बीच शुक्रवार को राशन किट का वितरण किया गया. श्रमदान के एवज में राशन किट मिलने से मजदूरों में उत्साह है. गडैया गांव स्थित बुढ़ाथान तालाब गहरीकरण के लिए जन संगठन एकता परिषद के ओर से पांच दिवसीय श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें गांव के 50 आदिवासी महिला और पुरुषों ने श्रमदान किया था.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें: गिरिडीह: जल संचय के लिए श्रमदान कर हो रहा तालाब का गहरीकरण, किसानों को होगा फायदा

तालाब गहरीकरण में श्रमदान करने वाले मजदूर महादेव माझी ने बताया कि श्रमदान से जिस तालाब का गहरीकरण किया गया, वह तालाब गर्मी शुरू होते ही सूख जाता था, जिससे मवेशियों को पानी पीने के लिए भटकना पड़ता था. वहीं जन संगठन एकता परिषद के राज्य संरक्षक रामस्वरूप ने बताया कि जल संरक्षण और भूमि सुधार के उद्देश्य से श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण किया गया, गहरीकरण से तालाब में न सिर्फ पानी आने की संभावना है, बल्कि कोविड-19 के कारण घर में बैठे लोगों को श्रमदान के एवज में राशन भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए तालाब का गहरीकरण किया गया, छत्तीसगढ़ के प्रयोग संस्था के सहयोग से श्रमदान करने वाले मजदूरों के बीच राशन किट का वितरण किया गया.

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव गडैया में तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान करने वाले मजदूरों के बीच शुक्रवार को राशन किट का वितरण किया गया. श्रमदान के एवज में राशन किट मिलने से मजदूरों में उत्साह है. गडैया गांव स्थित बुढ़ाथान तालाब गहरीकरण के लिए जन संगठन एकता परिषद के ओर से पांच दिवसीय श्रमदान शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें गांव के 50 आदिवासी महिला और पुरुषों ने श्रमदान किया था.

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तालाब गहरीकरण में श्रमदान करने वाले मजदूर महादेव माझी ने बताया कि श्रमदान से जिस तालाब का गहरीकरण किया गया, वह तालाब गर्मी शुरू होते ही सूख जाता था, जिससे मवेशियों को पानी पीने के लिए भटकना पड़ता था. वहीं जन संगठन एकता परिषद के राज्य संरक्षक रामस्वरूप ने बताया कि जल संरक्षण और भूमि सुधार के उद्देश्य से श्रमदान कर तालाब का गहरीकरण किया गया, गहरीकरण से तालाब में न सिर्फ पानी आने की संभावना है, बल्कि कोविड-19 के कारण घर में बैठे लोगों को श्रमदान के एवज में राशन भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए तालाब का गहरीकरण किया गया, छत्तीसगढ़ के प्रयोग संस्था के सहयोग से श्रमदान करने वाले मजदूरों के बीच राशन किट का वितरण किया गया.

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