गिरिडीहः सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने की मांग लगातार उठती रही है. अब किसान मंच ने भी निजी प्रैक्टिस बंद करने की मांग उठाई है. इसको लेकर किसान मंच के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी सदर अस्पताल में धरना (Protest in Giridih Sadar Hospital) पर बैठ गए, जहां लोगों ने हाथ में तख्ती लिए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसान मंच के अजीत सिन्हा ने कहा कि सदर अस्पताल और चैताडीह स्थित मातृत्व एवं शिशु इकाई में मरीज रजिस्ट्रेशन करवा कर ओपीडी में जाते है तो वहां डॉक्टर नहीं मिलते हैं. उन्होंने कहा कि इस शिकायत को लेकर पिछले दिनों सिविल सर्जन से भी मुलाकात की. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
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सदर अस्पताल परिसर में निजी प्रैक्टिस पर रोक की मांग को लेकर किसान मंच प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी ओर चैताडीह मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी में डॉक्टर के गायब रहने पर लोगों ने जमकर हंगामा किया. बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में महिलाएं इलाज कराने पहुंची थी. लेकिन महिला चिकित्सक नहीं थी. इस स्थिति में मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. महिलाओं ने बताया कि 25 दिसंबर से ही अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं. डॉक्टर के नहीं रहने की वजह से समय की बर्बादी के साथ साथ आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है. मरीजों और परिजनों के हंगामा की सूचना मिलते ही भाकपा माले के उज्ज्वल साव, फूल देवी, सरफराज सहित कई लोग पहुंचे. इन लोगों ने अस्पताल के मरीजों से बात की. उज्जवल साव ने कहा कि जिला मुख्यालय से 60-70 किलोमीटर दूर से आये मरीज भर्ती हैं. लेकिन इन मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था शीघ्र दुरुस्त नहीं हुआ, तो आंदोलन तेज होगा.
समय से पहुंचें डॉक्टर: डीएस
चैताडीह मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के गायब रहने और हंगामे की सूचना मिलते ही गिरिडीह सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. उपेंद्र दास पहुंचे और तत्काल लोगों को शांत कराने के साथ साथ वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डॉक्टर प्रतिनियुक्त किए गए. डॉ. उपेंद्र दास ने कहा कि चैताडीह मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त डॉक्टर की तबीयत खराब है. इसलिए वह दो दिनों से नहीं आ रहे हैं. उन्होंने किसान मंच की मांग को उचित बताते हुए कहा कि चिकित्सकों को ड्यूटी के समय अस्प्ताल में ही रहना चाहिए.