बगोदर, गिरिडीह: बगोदर में मानवता की मिसाल देखी गई. एक अनाथ युवक की मौत होने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उसके शव का अंतिम संस्कार कराया. अंतिम संस्कार के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के आपसी सहयोग से लकड़ी आदि की व्यवस्था की गई. नाई और ब्राह्मण की मौजूदगी में हिन्दू रीति- रिवाज के तहत बगोदर के जमुनिया नदी तट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया.
बता दें कि शुक्रवार को बगोदर के हरिहरधाम के बीच स्थित नेढ़ी पुल के नीचे बेलवा नदी में युवक का शव पड़ा मिला था. शव की पहचान दुखन सिंह उर्फ कोका के रूप में की गई थी. मौत कैसे हुई इसका पता नहीं चल सका है. बगोदर पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम कराया तब समाजिक कार्यकर्ताओं ने शव की अंत्येष्टि का बीड़ा उठाया. भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष उदय प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि समाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से युवक की अंत्येष्टि के लिए लकड़ी की व्यवस्था की गई और फिर नाई, ब्राह्मण आदि की उपस्थिति में हिन्दू रीति- रिवाज के तहत उसकी अंत्येष्टि की गई.
भाजयुमो मंडल अध्यक्ष विश्वनाथ साहू ने बताया कि युवक बगोदर में संजय साव के होटल में पहले काम करता था तथा वर्तमान में राजेश साव के यहां काम करता था. युवक के अंत्येष्टि में वे दोनों भी आगे आए थे. युवक के अंत्येष्टि में समाजिक कार्यकर्ताओं में राजू साव, रिंकू कुमार, विकास कुमार, विनोद कुमार, पिंकू शाह, विक्की कुमार, गुड्डू कुमार, अमित कुमार, राजेश कुमार, संजय साव आदि का सहयोग रहा.
बता दें दुखन सिंह उर्फ कोका बचपन से बगोदर में रह रहा था. वह यहां कैसे आया था और कहां का रहने वाला था इसकी जानकारी किसी को नही है. वह मूकबधिर था, इसके कारण लोग उसे कोका कहकर पुकारते थे. वह बचपन से ही बगोदर के दुकानों में काम करता था. वह फुटबॉल भी अच्छा खेलता था.