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लौह फैक्ट्री के प्रदूषण का असरः बच्ची का चेहरा हुआ विकृत, बीमार हो रहे हैं लोग - Jharkhand news

गिरिडीह में लौह फैक्ट्री से रोजगार मिल रहा है तो लोगों को प्रदूषण भी झेलना पड़ रहा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुआं व अवशिष्ट के कारण लोग परेशान हैं. प्रदूषण से लोग बीमार पड़ रहे हैं.

People getting sick due to pollution of iron factory in Giridih
गिरिडीह
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Published : Jul 24, 2022, 1:39 PM IST

गिरिडीहः जिला का औद्योगिक इलाका वर्षों से प्रदूषण की मार झेल रहा है. यहां प्रदूषण के कारण जमीन बंजर हो रही है तो लोग बीमार हो रहे हैं. यह सब इस इलाके में अवस्थित लौह फैक्ट्री से निकलने वाले धुआं व जहां तहां फैक्ट्री के कचरा को डंप किए जाने के कारण हो रहा है. लौह फैक्ट्री के प्रदूषण की चपेट में कई लोग आते रहे हैं. प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में नई फैक्ट्री खोलने का विरोध, ग्रामीणों ने कहा- प्रदूषण फैलाएगा फेरो प्लांट

गिरिडीह में लौह फैक्ट्री के प्रदूषण की मार एक परिवार पर पड़ी है. यहां एक बच्ची का चेहरा विकृत हो चुका है. जिस बच्ची का चेहरा विकृत हुआ है वह सदर प्रखंड अंतर्गत गादी श्रीरामपुर पंचायत के कल्हामांझो निवासी चौआ महतो की पुत्री खुशबू कुमारी है. खुशबू का चेहरा बिगड़ गया है जबकि चौआ खुद ही बीमार हो चुका है. इसके अलावा परिवार के और सदस्य भी इस वजह के काफी बीमार हैं.

देखें पूरी खबर

6 माह में बिगड़ा चेहराः वैसे पांच-छह माह पूर्व खुशबू सामान्य थी. हर रोज स्कूल जाती, खेलती थी लेकिन एक दिन सिर दर्द व आंख में दर्द शुरू हुआ और धीरे धीरे उसका चेहरा विकृत हो गया. इस संदर्भ में खुशबू की मां रेखा कुमारी ने बताया कि एक दिन उसकी बेटी की आंख में और सिर में दर्द शुरू हुआ. ऐसा लग रहा कि कुछ गर्दा (डस्ट) पड़ने से दिक्कत हुआ होगा. बाद में डॉक्टर को दिखाए तो कहा गया कि बच्ची की आंख में दिक्कत नहीं है बल्कि गाल में परेशानी है. खुशबू की मां बताती हैं कि पति की तबीयत भी लगातार खराब रह रही है.

बच्ची के चाचा कहते हैं कि एक दिन खुशबू स्कूल से आयी तो कहने लगी उसके आंख में कचरा पड़ गया है. इसके बाद स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ने लगी. कोलकाता तक बच्ची को दिखाया लेकिन कुछ भी सुधार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह सब फैक्ट्री का कचरा के कारण हुआ है. जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष प्रधान मुर्मू का कहना है कि प्रदूषण के कारण यहां दिव्यांग बच्चा भी पैदा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- प्रदूषण की जद में स्वर्णरेखा नदी, स्वच्छता के प्रति लोग और प्रशासन उदासीन


इस मामले की शिकायत ट्विटर पर सीएम से भी की गई है. रुपेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति सीएम को ट्वीट किया है और पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. अपने ट्वीट में रुपेश ने कहा है कि इस बच्ची की सूरत प्रदूषण के कारण बिगड़ी है. इन्हें उचित इलाज की जरूरत है. यह भी कहा है की ये गरीब परिवार से हैं और खुशबू के पापा चौआ महतो और दादा लक्ष्मण महतो भी सख्त बीमार हैं. इनके गांव के पास में बालमुकुंद स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड और अतिबीर स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड का कचड़ा डंपिंग यार्ड है, जिससे हमेशा राख उड़ते रहता है. इससे इसके आसपास के कई गांव के लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है. इस इलाके के 5 पंचायत के लोग गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं.

झामुमो आया आगेः इधर सीएम के ट्वीट व मामले से स्थानीय झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार को अवगत कराया गया. इसके बाद झामुमो की स्थानीय लोग यहां पहुंचे और बच्ची का इलाज करवाने का भरोसा दिया है. यहां बता दें कि इस औद्योगिक इलाके में प्रमोशन के खिलाफ लोग लगातार आवाज उठाते रहे हैं. लेकिन इस दिशा में प्रशासन या सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

गिरिडीहः जिला का औद्योगिक इलाका वर्षों से प्रदूषण की मार झेल रहा है. यहां प्रदूषण के कारण जमीन बंजर हो रही है तो लोग बीमार हो रहे हैं. यह सब इस इलाके में अवस्थित लौह फैक्ट्री से निकलने वाले धुआं व जहां तहां फैक्ट्री के कचरा को डंप किए जाने के कारण हो रहा है. लौह फैक्ट्री के प्रदूषण की चपेट में कई लोग आते रहे हैं. प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं

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गिरिडीह में लौह फैक्ट्री के प्रदूषण की मार एक परिवार पर पड़ी है. यहां एक बच्ची का चेहरा विकृत हो चुका है. जिस बच्ची का चेहरा विकृत हुआ है वह सदर प्रखंड अंतर्गत गादी श्रीरामपुर पंचायत के कल्हामांझो निवासी चौआ महतो की पुत्री खुशबू कुमारी है. खुशबू का चेहरा बिगड़ गया है जबकि चौआ खुद ही बीमार हो चुका है. इसके अलावा परिवार के और सदस्य भी इस वजह के काफी बीमार हैं.

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6 माह में बिगड़ा चेहराः वैसे पांच-छह माह पूर्व खुशबू सामान्य थी. हर रोज स्कूल जाती, खेलती थी लेकिन एक दिन सिर दर्द व आंख में दर्द शुरू हुआ और धीरे धीरे उसका चेहरा विकृत हो गया. इस संदर्भ में खुशबू की मां रेखा कुमारी ने बताया कि एक दिन उसकी बेटी की आंख में और सिर में दर्द शुरू हुआ. ऐसा लग रहा कि कुछ गर्दा (डस्ट) पड़ने से दिक्कत हुआ होगा. बाद में डॉक्टर को दिखाए तो कहा गया कि बच्ची की आंख में दिक्कत नहीं है बल्कि गाल में परेशानी है. खुशबू की मां बताती हैं कि पति की तबीयत भी लगातार खराब रह रही है.

बच्ची के चाचा कहते हैं कि एक दिन खुशबू स्कूल से आयी तो कहने लगी उसके आंख में कचरा पड़ गया है. इसके बाद स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ने लगी. कोलकाता तक बच्ची को दिखाया लेकिन कुछ भी सुधार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह सब फैक्ट्री का कचरा के कारण हुआ है. जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष प्रधान मुर्मू का कहना है कि प्रदूषण के कारण यहां दिव्यांग बच्चा भी पैदा हुआ है.

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इस मामले की शिकायत ट्विटर पर सीएम से भी की गई है. रुपेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति सीएम को ट्वीट किया है और पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. अपने ट्वीट में रुपेश ने कहा है कि इस बच्ची की सूरत प्रदूषण के कारण बिगड़ी है. इन्हें उचित इलाज की जरूरत है. यह भी कहा है की ये गरीब परिवार से हैं और खुशबू के पापा चौआ महतो और दादा लक्ष्मण महतो भी सख्त बीमार हैं. इनके गांव के पास में बालमुकुंद स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड और अतिबीर स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड का कचड़ा डंपिंग यार्ड है, जिससे हमेशा राख उड़ते रहता है. इससे इसके आसपास के कई गांव के लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है. इस इलाके के 5 पंचायत के लोग गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं.

झामुमो आया आगेः इधर सीएम के ट्वीट व मामले से स्थानीय झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार को अवगत कराया गया. इसके बाद झामुमो की स्थानीय लोग यहां पहुंचे और बच्ची का इलाज करवाने का भरोसा दिया है. यहां बता दें कि इस औद्योगिक इलाके में प्रमोशन के खिलाफ लोग लगातार आवाज उठाते रहे हैं. लेकिन इस दिशा में प्रशासन या सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

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