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एनएचएआई के खिलाफ लोगों का फूटा गुस्सा, प्रशासन से की मुआवजा दिलाने की मांग - झारखंड न्यूज

गिरिडीह में सूचना दिए बगैर प्रशासन के आदेश पर कंपनी द्वारा रैयतों की जमीन लेने और घरों को तोड़े जाने का मामला सामने आया है. बिना सूचना के घर तोड़ देने से उन घर वालों के समक्ष सिर छिपाने की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिसको लेकर रैयतों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

एनएचएआई के खिलाफ लोगों का फूंटा गुस्सा
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Published : Jul 26, 2019, 8:49 AM IST

गिरिडीह/डुमरी: जीटी रोड सिक्स लेनिंग कार्य के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा और सूचना दिए बिना प्रशासन के आदेश पर कंपनी निर्माण कार्य करवा रही है. गुरुवार को इस मामले को लेकर कुलगो शिव मंदिर परिसर में प्रभावित रैयतों और ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के डुमरी प्रखंड उपाध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा ने की.

देखें पूरी खबर

इस बैठक में कंपनी और प्रशासन द्वारा बगैर किसी पूर्व सूचना के कुछ रैयतों के घरों को तोड़ने और इसका विरोध कर रहे रैयतों और ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया, साथ ही प्रशासन से जमीन की वर्तमान स्थिति के आधार पर मुआवजा देने और कंपनी द्वारा की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई में हुई नुकसान की क्षतिपूर्ति घर वालों को देने की मांग की गई.

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रोड निर्माण कार्य में लगी कंपनी पुलिस का भय दिखा कर बगैर मुआवजा दिये रैयतों की जमीन ले रही है और घरों को तोड़ रही है. बता दें कि जीटी रोड निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन का मुआवजा देने में जिला भू-अर्जन विभाग मनमानी कर रही है. कुलगों में इसके पूर्व आवासीय दर पर मुआवजा दिया जा रहा था, लेकिन विभाग अचानक अपने निर्णय को उलट कर कृषि दर पर मुआवजा देना शुरू कर दिया. इससे रैयतों में आक्रोश है.

वक्ताओं ने कहा कि बुधवार को रैयत अपना हक मांग रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने लाठी का भय दिखाकर मुंह बंद कर दिया. बुधवार को बिना सूचना के घर तोड़ देने से उन घर वालों के समक्ष सर छुपाने की समस्या उत्पन्न हो गई है, साथ ही घर में रखे सामान बर्बाद हो गये है. बैठक में उपस्थित गुलाम रसूल ने बताया कि इस तोड़फोड़ की वजह से लगभग 3 लाख की क्षति हुई है.

ये भी पढ़ें-मकान तोड़ने पर फूटा लोगों का गुस्सा, सड़क जाम करने पर पुलिस ने भांजी लाठियां

वहीं, इजहार अंसारी ने बताया कि सूचना दिये बगैर अचानक घर तोड़े जाने से उसके घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया. इस संबंध में अनुमंडल कार्यालय में आवेदन देकर क्षतिग्रस्त सामानों और मकान का मुआवजा देने की मांग की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि भू-अर्जन विभाग जमीन का आवासीय दर पर मुआवजा दिए बगैर जमीन को अधिग्रहित करने का प्रयास करती है तो वे फिर से आंदोलन के लिए बाध्य होगे.

गिरिडीह/डुमरी: जीटी रोड सिक्स लेनिंग कार्य के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा और सूचना दिए बिना प्रशासन के आदेश पर कंपनी निर्माण कार्य करवा रही है. गुरुवार को इस मामले को लेकर कुलगो शिव मंदिर परिसर में प्रभावित रैयतों और ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के डुमरी प्रखंड उपाध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा ने की.

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इस बैठक में कंपनी और प्रशासन द्वारा बगैर किसी पूर्व सूचना के कुछ रैयतों के घरों को तोड़ने और इसका विरोध कर रहे रैयतों और ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया, साथ ही प्रशासन से जमीन की वर्तमान स्थिति के आधार पर मुआवजा देने और कंपनी द्वारा की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई में हुई नुकसान की क्षतिपूर्ति घर वालों को देने की मांग की गई.

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रोड निर्माण कार्य में लगी कंपनी पुलिस का भय दिखा कर बगैर मुआवजा दिये रैयतों की जमीन ले रही है और घरों को तोड़ रही है. बता दें कि जीटी रोड निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन का मुआवजा देने में जिला भू-अर्जन विभाग मनमानी कर रही है. कुलगों में इसके पूर्व आवासीय दर पर मुआवजा दिया जा रहा था, लेकिन विभाग अचानक अपने निर्णय को उलट कर कृषि दर पर मुआवजा देना शुरू कर दिया. इससे रैयतों में आक्रोश है.

वक्ताओं ने कहा कि बुधवार को रैयत अपना हक मांग रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने लाठी का भय दिखाकर मुंह बंद कर दिया. बुधवार को बिना सूचना के घर तोड़ देने से उन घर वालों के समक्ष सर छुपाने की समस्या उत्पन्न हो गई है, साथ ही घर में रखे सामान बर्बाद हो गये है. बैठक में उपस्थित गुलाम रसूल ने बताया कि इस तोड़फोड़ की वजह से लगभग 3 लाख की क्षति हुई है.

ये भी पढ़ें-मकान तोड़ने पर फूटा लोगों का गुस्सा, सड़क जाम करने पर पुलिस ने भांजी लाठियां

वहीं, इजहार अंसारी ने बताया कि सूचना दिये बगैर अचानक घर तोड़े जाने से उसके घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया. इस संबंध में अनुमंडल कार्यालय में आवेदन देकर क्षतिग्रस्त सामानों और मकान का मुआवजा देने की मांग की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि भू-अर्जन विभाग जमीन का आवासीय दर पर मुआवजा दिए बगैर जमीन को अधिग्रहित करने का प्रयास करती है तो वे फिर से आंदोलन के लिए बाध्य होगे.

Intro:डुमरी। जीटी रोड सिक्स लेनिंग कार्य के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा और सूचना दिए बिना प्रशासन के सह पर निर्माण कार्य करवा रही कंपनी द्वारा रैयतों की जमीन लेने व घरों को तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। गुरूवार को इस मामले को लेकर कुलगो शिव मंदिर परिसर में प्रभावित रैयतों और ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के डुमरी प्रखंड उपाध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा ने की।
बाइट 1: कृष्णकांत शर्मा
बाइट 2: भुक्तभोगीBody:बैठक में बुधवार को कंपनी और प्रशासन द्वारा बगैर किसी पूर्व सूचना के कुछ रैयतों के घरों को तोड़ने और इसका विरोध कर रहे रैयतों और ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया साथ ही प्रशासन से जमीन की वर्तमान स्थिति के आधार पर मुआवजा देने और कंपनी द्वारा बुधवार को की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई में हुई नुकसान की क्षतिपूर्ति घर वालों को देने की मांग की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रोड निर्माण कार्य में लगी कंपनी पुलिस और प्रशासन का भय दिखा कर बगैर मुआवजा दिये रैयतों की जमीन ले रही और घरों को तोड़ रही है। जीटी रोड निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन का मुआवजा देने में जिला भू-अर्जन विभाग मनमानी कर रही है। कुलगों में इसके पूर्व आवासीय दर पर मुआवजा दिया जा रहा था। लेकिन विभाग अचानक अपने निर्णय को उलट कर कृषि दर पर मुआवजा देना शुरू कर दिया। इससे रैयतों में आक्रोश होना स्वाभाविक है। कहा कि बुधवार को रैयत अपना हक मांग रहे थे परंतु प्रशासन ने लाठी का भय दिखाकर मुंह बंद कर दिया। बुधवार को बिना सूचना के घर तोड़ देने से उन घर वालों के समक्ष सर छुपाने की समस्या उत्पन्न हो गई है। साथ ही घर में रखे सामान बर्बाद हो गये। बैठक में आये गुलाम रसूल ने बताया कि कल की हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई में घर में रखा सामान, अनाज, करीब 50 किलो मुर्गा सहित लगभग तीन लाख की क्षति हुई है। इजहार अंसारी ने बताया कि सूचना दिये बगैर अचानक घर तोड़े जाने से उसके घर में रखा दो साइकिल, बर्तन, अनाज, बक्सा, उसमें रखा कपड़ा, आलमीरा और खटिया बर्बाद हो गया। Conclusion:उसने इस संबंध में अनुमंडल कार्यालय में आवेदन देकर क्षतिग्रस्त सामानों और मकान का मुआवजा देने की मांग की है। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर कहा गया है कि यदि भू-अर्जन विभाग जमीन का आवासीय दर पर मुआवजा दिए बगैर जमीन को अधिग्रहित करने का प्रयास करेती है तो वे फिर से सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रशासन की जिमेवारी होगी
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