गिरिडीहः ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिनों पूर्व लोकसभा में अपना बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि इस स्कीम को लागू करनेवाले राज्य बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. इस बयान पर गिरिडीह के पेंशनर्स ने नाराजगी जाहिर की है. रविवार को गिरिडीह में सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएसन गिरिडीह शाखा का 25वां वर्षगांठ मनाया गया. इस दौरान मौजूद पेंशनर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी.
प्रधानमंत्री के बयान पर पेंशनर्स ने जतायी आपत्तिः गिरिडीह के रेलवे मैदान स्थित रविंद्र इंस्टीट्यूट में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय संगठन सचिव अशोक कुमार सिंह मौजूद थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दी है वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. इससे साफ प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री कर्मचारियों को पेंशन देना नहीं चाहते हैं.
पहले सांसदों और विधायकों का बंद हो पेंशनः राष्ट्रीय संगठन सचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र तक सरकारी कर्मी कार्य करते हैं, तब जाकर उन्हें पेंशन मिलती है. पुरानी पेंशन योजना बंद हो जाने से काफी तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि कर्मी और अधिकारी अपनी पूरी जवानी सेवा में गुजार देते हैं, तब जाकर उन्हें पेंशन मिलती है जो बुढ़ापे में काफी काम आता है. इसके उलट एक बार ही सांसद या विधायक बनानेवालों को पेंशन शुरू हो जाती है. उन्होंने कहा कि पेंशन बंद करना है तो पहले सांसदों और विधायकों का बंद कराना चाहिए.
1998 में सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स की स्थापना हुई थीः इससे पूर्व कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष गौरी शंकर साहू ने की. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रामानंद प्रसाद सिंह, सेवानिवृत्त एसएम आरपीएम पूरी ने बताया कि आज ही के दिन 25 वर्ष पहले वर्ष 1998 में सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स की स्थापना हुई थी. मौके पर रघुनंदन प्रसाद विश्वकर्मा, जिला सचिव एसएल दास ललन, वित्त सचिव मंगल कुमार, भूतपूर्व सैनिक नवीन कांत सिंह, मंगल कुमार, दिलीप शर्मा, एमडी रशीद आदि मौजूद थे.