गिरिडीह: सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा बंद हो चुकी है. ऐसे में डायलिसिस के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीमार व जिंदगी की जंग से जूझ रहे मरीज डायलिसिस करवाने के लिए जब ज्यादा परेशान हो रहे हैं तो इन्हें सड़क पर उतरना पड़ रहा है.
गुरुवार को भी ऐसा हुआ शहर में सदर अस्पताल के सामने मरीजों को जाम करना पड़ा. जाम से ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ायी तो पुलिस हरकत में आ गयी. नगर थाना प्रभारी राम नारायण चौधरी पहुंचे. मरीजों को समझाया गया, सिविल सर्जन से बात की. पुलिस अधिकारी ने काफी मशक्कत के बाद मरीजों का डायलिसिस शुरू कराया. हालांकि इस पूरे प्रक्रिया के दौरान मरीज हताश व परेशान रहें.
सिविल सर्जन का पल्ला झाड़ने जैसा बयान: इस विषय और सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा से पत्रकारों ने बात की. पूछा गया कि ऐसी कुव्यवस्था कैसे. इस सवाल पर सिविल सर्जन ने पल्ला झाड़ने वाला बयान दिया. कहा कि डायलिसिस करवाने का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दी गई है. अब उसने काम बंद कर दिया तो वे कुछ खास नहीं कर सकते. कहा कि वे अब आउटसोर्सिंग कम्पनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे.
लापरवाह हैं स्वास्थ्य महकमा: इधर, लोगों की इस परेशानी की जानकारी मिलने के बाद जिला अधिवक्ता संघ के सचिव सह भाजपा नेता चुन्नूकांत मौके पर पहुंचे. चुन्नूकांत ने कहा कि डायलिसिस मरीज पिछले डेढ़-दो माह से परेशान हैं. पिछली दफा भी मरीजों को इलाज के लिए सड़क पर उतरना पड़ा था. उस वक्त यह कहा गया कि एजेंसी बिल का बहाना बनाकर काम नहीं कर रही है. इस दिन भी प्रशासन के सहयोग से डायलिसिस हुआ लेकिन इसके बाद इस समस्या का हल निकालने का प्रयास नहीं किया गया और स्थिति जस की इस बनी हुई है. अधिवक्ता निरंजन कुमार ने इसे लापरवाही बताया.
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