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बिजली गुल होने पर नहीं चला जनरेटर, 15 मिनट तक ऑक्सीजन के लिए छटपटाता रहा मरीज, मौत

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Published : Oct 29, 2022, 3:21 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 4:32 PM IST

गिरिडीह में सरकारी अस्पताल का जेनरेटर नहीं चलने से ऑक्सीजन लगे एक व्यक्ति की मौत हो गई (Patient died in referral hospital dumri). यह मामला सूबे के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का है. इस घटना के बाद काफी हाय तौबा भी मचा हुआ है.

Patient died in Referral hospital dumri
Patient died in Referral hospital dumri

गिरिडीह: जिला के डुमरी रेफरल अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है (Patient died in referral hospital dumri). मरीज की मौत के लिए उनके परिजन अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेवार बता रहे हैं. परिजनों का कहना है कि बिजली गुल होने के बाद जनरेटर स्टार्ट नहीं किया गया. कहा गया कि जनरेटर में तेल नहीं है और इस वजह से मरीज की जान चली गई. परिजनों ने इसके लिए अस्पताल में तैनात चिकित्सकों को जिम्मेवार बताया है (Doctors accused of negligence).

ये भी पढ़ें: पतरातू ब्लॉक परिसर में बैनर लगा रहे चार मजदूर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आए, झुलसे एक श्रमिक की मौत

क्या है पूरा मामला: दरअसल, जामताड़ा पंचायत के पीडीटांड़ के रहने वाले दौलत महतो के बेटे टुकावन महतो को सांस लेने में परेशानी थी. उसके शरीर में लगातार कंपन भी हो था. ऐसे में परिजनों ने उसे डुमरी रेफरल अस्पताल में भर्ती करवाया. परिजनों के मुताबिक अस्पताल में भर्ती करने के 15 मिनट के बाद डॉक्टर जीतेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और टुकावन का इलाज शुरू किया. इस दौरान सांस लेने की शिकायत होने पर तुरंत उसे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के जरीये कृत्रिम ऑक्सीजन देना शुरू किया. लेकिन, इसके तुरंत बाद अस्पताल में बिजली गुल हो गयी और मरीज को ऑक्सीजन मिलना बंद हो गया. ऑक्सीजन के बंद हो जाने के कारण मरीज टुकावन करीब 20 मिनट तक ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा लेकिन, जेनरेटर चालू नहीं होने के कारण अंत में उसकी मौत हो गयी.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

मृतक के बेटे ने दी जानकारी: मृतक टुकावन के बेटे टेकलाल महतो ने कहना है कि गुरूवार की रात को उनके पिता की तबियत अचानक खराब हो गयी. जिसके बाद वे लोग उन्हें इलाज के लिए लेकर रेफरल अस्पताल पहुंचे. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद मौके पर कोई डॉक्टर नहीं था. करीब 15 मिनट के बाद एक डॉक्टर पहुंचे और उनका इलाज शुरू किया. इसके बाद उनके पिता को सांस लेने में दिक्कत, हार्ट बीट कम होने और पल्स रेट कम होने की बात कहते हुए तुरंत बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी गयी और उन्हें रेफर कर दिया गया. लेकिन कुछ देर तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंचा. जिसके बाद उनके पिता को ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के जरीये कृत्रिम ऑक्सीजन दिया जाने लगा. टेकलाल महतो ने बताया कि इससे उसकी हालत में कुछ सुधार होता दिखाई दिया. तभी बिजली गुल हो जाने से कंसेंट्रेटर बंद हो गया. अस्पताल का जेनरेटर चलाने को कहा तो उसमें डीजल नहीं रहने की बात कही गयी और कहा गया कि डीजल डालने और जेनरेटर चालू करने में कुछ समय लगेगा. इसके बाद जेनरेटर चालू करने में करीब 10 से 15 मिनट का समय लगा. जब तक जेनरेटर चलाकर ऑक्सीजन दिया गया तबत तक मरीज की मौत हो गई.


क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी: इस संबंध में रेफरल अस्पताल डुमरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजेश महतो ने बताया कि सिलेंडर में ऑक्सीजन रहता है. मरीजों का इलाज होते रहने से ऑक्सीजन सिलेंडर खाली हो जाता है. जिस समय यह घटना घटी उस समय भी सिलेंडर में कुछ ऑक्सीजन था लेकिन, कंसेंट्रेटर लगाना आसान होता है इसलिए उसे कंसेंट्रेटर से ऑक्सीजन दिया जा रहा था. जेनरेटर में डीजल नहीं होने के कारण हुई मौत के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डीजल स्टोर में रहता है. डीजल भरने और जेनरेटर चलाने में मुश्किल से दस मिनट लगा होगा. इसी दौरान मरीज की मौत हो गयी.


ग्रामीणों ने दिया धरना: दूसरी तरफ चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधक पर लापरवाही का आरोप लगाकर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि और मृतक के परिजनों ने धरना भी दिया. धरना में बैठे लोगों ने मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की. इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर डुमरी बीडीओ सोमनाथ बंकिरा, सीओ धनंजय कुमार गुप्ता सहित जिला कुष्ट पदाधिकारी कालीदास मुर्मू अस्पताल पहुंचे और धरना में बैठे लोगों, मृतक के परिजनों और घटना के वक्त ड्यूटी कर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों से मामले की जानकारी ली. इस बाबत बीडीओ सोमनाथ बंकिरा ने कहा कि वरीय पदाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जायेगा.

गिरिडीह: जिला के डुमरी रेफरल अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है (Patient died in referral hospital dumri). मरीज की मौत के लिए उनके परिजन अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेवार बता रहे हैं. परिजनों का कहना है कि बिजली गुल होने के बाद जनरेटर स्टार्ट नहीं किया गया. कहा गया कि जनरेटर में तेल नहीं है और इस वजह से मरीज की जान चली गई. परिजनों ने इसके लिए अस्पताल में तैनात चिकित्सकों को जिम्मेवार बताया है (Doctors accused of negligence).

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क्या है पूरा मामला: दरअसल, जामताड़ा पंचायत के पीडीटांड़ के रहने वाले दौलत महतो के बेटे टुकावन महतो को सांस लेने में परेशानी थी. उसके शरीर में लगातार कंपन भी हो था. ऐसे में परिजनों ने उसे डुमरी रेफरल अस्पताल में भर्ती करवाया. परिजनों के मुताबिक अस्पताल में भर्ती करने के 15 मिनट के बाद डॉक्टर जीतेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और टुकावन का इलाज शुरू किया. इस दौरान सांस लेने की शिकायत होने पर तुरंत उसे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के जरीये कृत्रिम ऑक्सीजन देना शुरू किया. लेकिन, इसके तुरंत बाद अस्पताल में बिजली गुल हो गयी और मरीज को ऑक्सीजन मिलना बंद हो गया. ऑक्सीजन के बंद हो जाने के कारण मरीज टुकावन करीब 20 मिनट तक ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा लेकिन, जेनरेटर चालू नहीं होने के कारण अंत में उसकी मौत हो गयी.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

मृतक के बेटे ने दी जानकारी: मृतक टुकावन के बेटे टेकलाल महतो ने कहना है कि गुरूवार की रात को उनके पिता की तबियत अचानक खराब हो गयी. जिसके बाद वे लोग उन्हें इलाज के लिए लेकर रेफरल अस्पताल पहुंचे. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद मौके पर कोई डॉक्टर नहीं था. करीब 15 मिनट के बाद एक डॉक्टर पहुंचे और उनका इलाज शुरू किया. इसके बाद उनके पिता को सांस लेने में दिक्कत, हार्ट बीट कम होने और पल्स रेट कम होने की बात कहते हुए तुरंत बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी गयी और उन्हें रेफर कर दिया गया. लेकिन कुछ देर तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंचा. जिसके बाद उनके पिता को ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के जरीये कृत्रिम ऑक्सीजन दिया जाने लगा. टेकलाल महतो ने बताया कि इससे उसकी हालत में कुछ सुधार होता दिखाई दिया. तभी बिजली गुल हो जाने से कंसेंट्रेटर बंद हो गया. अस्पताल का जेनरेटर चलाने को कहा तो उसमें डीजल नहीं रहने की बात कही गयी और कहा गया कि डीजल डालने और जेनरेटर चालू करने में कुछ समय लगेगा. इसके बाद जेनरेटर चालू करने में करीब 10 से 15 मिनट का समय लगा. जब तक जेनरेटर चलाकर ऑक्सीजन दिया गया तबत तक मरीज की मौत हो गई.


क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी: इस संबंध में रेफरल अस्पताल डुमरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजेश महतो ने बताया कि सिलेंडर में ऑक्सीजन रहता है. मरीजों का इलाज होते रहने से ऑक्सीजन सिलेंडर खाली हो जाता है. जिस समय यह घटना घटी उस समय भी सिलेंडर में कुछ ऑक्सीजन था लेकिन, कंसेंट्रेटर लगाना आसान होता है इसलिए उसे कंसेंट्रेटर से ऑक्सीजन दिया जा रहा था. जेनरेटर में डीजल नहीं होने के कारण हुई मौत के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डीजल स्टोर में रहता है. डीजल भरने और जेनरेटर चलाने में मुश्किल से दस मिनट लगा होगा. इसी दौरान मरीज की मौत हो गयी.


ग्रामीणों ने दिया धरना: दूसरी तरफ चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधक पर लापरवाही का आरोप लगाकर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि और मृतक के परिजनों ने धरना भी दिया. धरना में बैठे लोगों ने मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की. इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर डुमरी बीडीओ सोमनाथ बंकिरा, सीओ धनंजय कुमार गुप्ता सहित जिला कुष्ट पदाधिकारी कालीदास मुर्मू अस्पताल पहुंचे और धरना में बैठे लोगों, मृतक के परिजनों और घटना के वक्त ड्यूटी कर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों से मामले की जानकारी ली. इस बाबत बीडीओ सोमनाथ बंकिरा ने कहा कि वरीय पदाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जायेगा.

Last Updated : Oct 29, 2022, 4:32 PM IST
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