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गिरिडीहः आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों ने किया प्रदर्शन, 7 दिनों के अंदर भुगतान की मांग - Outsourcing is the center of corruption

गिरिडीह में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों ने बकाया मानदेय के भुगतान और ठेकेदार के खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग है. इसे लेकर प्रदर्शन भी किया गया है. बाद में डीसी को ज्ञापन भी सौंपा गया.

Outsourcing health workers performed in giridih
आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 24, 2021, 4:46 PM IST

गिरिडीह: जिले में बकाया मानदेय की मांग को लेकर बुधवार को शहर में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदर्शन किया. झारखंड प्रदेश असंगठित मजदूर कांग्रेस के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन की अगुवाई श्रमिक नेता अशोक सिंह ने की. प्रदर्शन के बाद डीसी को एक मांगपत्र भी सौंपा गया.

ये भी पढ़ें- महंगाई की वजह है केंद्र सरकार, हर तबका है त्रस्त, कहां जा रही है तेल की कमाई: सीएम हेमंत

भ्रष्टाचार का अड्डा है आउटसोर्सिंग
इस संदर्भ में श्रमिक नेता अशोक सिंह ने कहा कि आउटसोर्सिंग सबसे बड़ा भरष्टाचार का अड्डा है. चिकित्सा विभाग में कर्मियों की कमी है. सभी आउटसोर्सिंग पर हैं. इनका कहना है कि आउटसोर्सिंग ठेकेदार कम कर्मियों को रखकर अधिक लोगों का पैसा उठा रहे हैं. इसके अलावा जो अन्य कर्मी हैं उनका पैसा 2 से 7 महीना तक बाकी रख लिया गया है. महिला कर्मचारियों का साल भर का पैसा नहीं मिल रहा है.

7 दिनों के अंदर भुगतान न होने पर एफआईआर

इस मामले को लेकर डीसी से भेंट की गई और ठेकेदार पर गबन की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि एक तो पैसा कम मिल रहा है, उस पर बाकी रखा गया है. कहा कि 7 दिनों के अंदर या तो कर्मियों का भुगतान हो या फिर ठेकेदार पर एफआईआर हो. ऐसा नहीं होने पर आगे आंदोलन को तेज किया जाएगा.

गिरिडीह: जिले में बकाया मानदेय की मांग को लेकर बुधवार को शहर में आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदर्शन किया. झारखंड प्रदेश असंगठित मजदूर कांग्रेस के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन की अगुवाई श्रमिक नेता अशोक सिंह ने की. प्रदर्शन के बाद डीसी को एक मांगपत्र भी सौंपा गया.

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भ्रष्टाचार का अड्डा है आउटसोर्सिंग
इस संदर्भ में श्रमिक नेता अशोक सिंह ने कहा कि आउटसोर्सिंग सबसे बड़ा भरष्टाचार का अड्डा है. चिकित्सा विभाग में कर्मियों की कमी है. सभी आउटसोर्सिंग पर हैं. इनका कहना है कि आउटसोर्सिंग ठेकेदार कम कर्मियों को रखकर अधिक लोगों का पैसा उठा रहे हैं. इसके अलावा जो अन्य कर्मी हैं उनका पैसा 2 से 7 महीना तक बाकी रख लिया गया है. महिला कर्मचारियों का साल भर का पैसा नहीं मिल रहा है.

7 दिनों के अंदर भुगतान न होने पर एफआईआर

इस मामले को लेकर डीसी से भेंट की गई और ठेकेदार पर गबन की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि एक तो पैसा कम मिल रहा है, उस पर बाकी रखा गया है. कहा कि 7 दिनों के अंदर या तो कर्मियों का भुगतान हो या फिर ठेकेदार पर एफआईआर हो. ऐसा नहीं होने पर आगे आंदोलन को तेज किया जाएगा.

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