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गिरिडीह में संगठित गिरोह कर रहा नकली शराब का कारोबार, झारखंड से बिहार तक फैला है नेटवर्क

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Published : Jul 1, 2023, 10:51 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 11:07 AM IST

गिरिडीह में नकली शराब बनाने और उसे कार से बिहार तक सप्लाई करने का काम अरसे से चल रहा है. पूरे काम को संगठित गिरोह अंजाम दे रहा है.

Organized gang doing spurious liquor business
Organized gang doing spurious liquor business
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गिरिडीह: जिले में नकली शराब बनाने और उसे बिहार में खपाने का काम संगठित गिरोह कर रहा है. इस गिरोह के द्वारा बनाई गई नकली शराब कार के जरिए बिहार के विभिन्न इलाके में खपाई जा रही है. इस गिरोह का नेटवर्क झारखंड से लेकर बिहार तक फैला हुआ है. गिरोह में दोनों राज्य के तस्कर शामिल हैं. ऐसे ही एक इंटर स्टेट तस्करों को मुफस्सिल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तस्करों में गिरिडीह नगर थाना इलाके के मोहलीचुवां निवासी सीताराम साव, रुपेश कुमार, बलराम दास और बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी सुबोध कुमार शामिल हैं. इन चारों से सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने लम्बी पूछताछ की. पूछताछ में चारों ने शराब बनाने से लेकर इसे खपाने के नेटवर्क का खुलासा किया.

ये भी पढ़ें: दवा दुकान में बिक रही थी नकली शराब, आबकारी-पुलिस ने बिगाड़ दिया खेल

जब्त मोबाइल में मिला नेटवर्क का सबूत: मुफ्फसिल पुलिस ने इन तस्करों के पास से नकली शराब, 8 हजार पीस विदेशी शराब की नामी कंपनी के 8 हजार स्टीकर और तीन हजार कैप बरामद किए. वहीं एक होंडा सिटी और एक इंडिगो सीएस वाहन भी जब्त किया. इनके पास से दो मोबाइल भी बरामद किए गए. जब इनके मोबाइल को खंगाला गया तो कइयों के नाम, पैसे के लेनदेन के साक्ष्य मिले. यह भी पता चला है कि ये लोग किस तरह से नकली शराब को बनाने और फिर उसे खपाने का काम करते हैं. कैसे गिरिडीह में ही महंगी गाड़ियों पर शराब लादकर बिहार पहुंचाया जाता है. यह भी जानकारी मिली कि शराब को बिहार के अलावा दूसरे राज्य में भी शराब पहुंचाने का काम इनके द्वारा किया जाता है.

शातिर है सीताराम, कई बार जा चुका है जेल: इस मामले के जिस सीताराम साव को गिरफ्तार किया गया है वह शराब माफिया है. पिछले एक दशक से इस अवैध कारोबार में वह शामिल रहा है. इससे पहले भी वह जेल जा चुका है. पिछली बार एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह की टीम ने बेंगाबाद से सीताराम को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. इससे पहले जब आईपीएस कुमार गौरव गिरिडीह में थे तो उन्होंने सीताराम को जेल भेजा था.

रुपेश शराब तो पिता नकली गुटखा बनाने का करता है काम: इस मामले में गिरफ्तार रुपेश कुमार का नाम पहले भी शराब तस्करी में आ चुका है. रुपेश के साथ दिलचस्प बात यह है कि रुपेश के पिता भी अवैध काम करते हैं. रुपेश के पिता सुरेश साव नकली गुटखा बनाने और उसे बेचने का काम करता है. दो दिनों पूर्व सुरेश की गिरफ्तारी भी इस मामले में हुई थी. इसी दिन शराब के इस अवैध कारोबार का भी महत्वपूर्ण सुराग पुलिस को लगा था, जिसके बाद एसडीपीओ के निर्देश पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने त्वरित कार्यवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और गिरोह का भंडाफोड़ हो गया.

सभी को किया जा रहा है चिन्हित: सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिन चार लोगों को जेल भेजा गया है वे सभी इंटर स्टेट शराब तस्कर हैं. इनके द्वारा नकली शराब न सिर्फ बनायी जाती है बल्कि खपाई भी जाती है. इनके अन्य सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है.

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गिरिडीह: जिले में नकली शराब बनाने और उसे बिहार में खपाने का काम संगठित गिरोह कर रहा है. इस गिरोह के द्वारा बनाई गई नकली शराब कार के जरिए बिहार के विभिन्न इलाके में खपाई जा रही है. इस गिरोह का नेटवर्क झारखंड से लेकर बिहार तक फैला हुआ है. गिरोह में दोनों राज्य के तस्कर शामिल हैं. ऐसे ही एक इंटर स्टेट तस्करों को मुफस्सिल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तस्करों में गिरिडीह नगर थाना इलाके के मोहलीचुवां निवासी सीताराम साव, रुपेश कुमार, बलराम दास और बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी सुबोध कुमार शामिल हैं. इन चारों से सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने लम्बी पूछताछ की. पूछताछ में चारों ने शराब बनाने से लेकर इसे खपाने के नेटवर्क का खुलासा किया.

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जब्त मोबाइल में मिला नेटवर्क का सबूत: मुफ्फसिल पुलिस ने इन तस्करों के पास से नकली शराब, 8 हजार पीस विदेशी शराब की नामी कंपनी के 8 हजार स्टीकर और तीन हजार कैप बरामद किए. वहीं एक होंडा सिटी और एक इंडिगो सीएस वाहन भी जब्त किया. इनके पास से दो मोबाइल भी बरामद किए गए. जब इनके मोबाइल को खंगाला गया तो कइयों के नाम, पैसे के लेनदेन के साक्ष्य मिले. यह भी पता चला है कि ये लोग किस तरह से नकली शराब को बनाने और फिर उसे खपाने का काम करते हैं. कैसे गिरिडीह में ही महंगी गाड़ियों पर शराब लादकर बिहार पहुंचाया जाता है. यह भी जानकारी मिली कि शराब को बिहार के अलावा दूसरे राज्य में भी शराब पहुंचाने का काम इनके द्वारा किया जाता है.

शातिर है सीताराम, कई बार जा चुका है जेल: इस मामले के जिस सीताराम साव को गिरफ्तार किया गया है वह शराब माफिया है. पिछले एक दशक से इस अवैध कारोबार में वह शामिल रहा है. इससे पहले भी वह जेल जा चुका है. पिछली बार एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह की टीम ने बेंगाबाद से सीताराम को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. इससे पहले जब आईपीएस कुमार गौरव गिरिडीह में थे तो उन्होंने सीताराम को जेल भेजा था.

रुपेश शराब तो पिता नकली गुटखा बनाने का करता है काम: इस मामले में गिरफ्तार रुपेश कुमार का नाम पहले भी शराब तस्करी में आ चुका है. रुपेश के साथ दिलचस्प बात यह है कि रुपेश के पिता भी अवैध काम करते हैं. रुपेश के पिता सुरेश साव नकली गुटखा बनाने और उसे बेचने का काम करता है. दो दिनों पूर्व सुरेश की गिरफ्तारी भी इस मामले में हुई थी. इसी दिन शराब के इस अवैध कारोबार का भी महत्वपूर्ण सुराग पुलिस को लगा था, जिसके बाद एसडीपीओ के निर्देश पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने त्वरित कार्यवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और गिरोह का भंडाफोड़ हो गया.

सभी को किया जा रहा है चिन्हित: सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिन चार लोगों को जेल भेजा गया है वे सभी इंटर स्टेट शराब तस्कर हैं. इनके द्वारा नकली शराब न सिर्फ बनायी जाती है बल्कि खपाई भी जाती है. इनके अन्य सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है.

Last Updated : Jul 1, 2023, 11:07 AM IST
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