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Giridih News: चर्चा के केंद्र में है डीआरडीए का कंप्यूटर सहायक, मनरेगा में खुलेआम मांग रहा है रिश्वत, शोकॉज कर भूल गया विभाग - झारखंड न्यूज

गिरिडीह का एक कंप्यूटर सहायक पूरे जिले में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. मामला मनरेगा में डराने, धमकाने व उगाही से जुड़ा है. कंप्यूटर सहायक का ऑडियो विभाग के आलाधिकारी तक भी पहुंच चुका है. इसके बाद विभाग द्वारा शोकॉज भी किया गया लेकिन इसके आगे कार्रवाई शून्य है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2023, 6:54 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 7:08 PM IST

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गिरिडीहः जिले के सदर प्रखंड द्वारा मनरेगा में मार्च लूट की गई. आदेश के विपरीत जाकर सदर प्रखंड के कई पंचायत ने करोड़ों की निकासी कर ली. मजदूरों के भुगतान को दरकिनार कर मेटेरियल सप्लायर को भुगतान किया. ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस घोटाले की खबर को सामने लाया. मामले को जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने न सिर्फ गंभीरता से लिया बल्कि त्वरित रूप से अलग-अलग जांच टीम का गठन करते हुए जांच करवायी.

ये भी पढ़ेंः MGNREGA Scam: नियम विरुद्ध 7.88 करोड़ की निकासी में कार्रवाई शुरू, बीडीओ से लेकर मुखिया तक को किया गया दंडित

जांच के बाद डीसी ने कार्रवाई भी की इसके साथ ही एक मैसेज भी दिया कि गड़बड़ी करने पर लोग बख्शे नहीं जाएंगे. इस बीच इसी मनरेगा घोटाला से जुड़ा एक ऑडियो चर्चा का केंद्र बन गया है. ऑडियो जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कंप्यूटर ऑपरेटर सौरव कुमार रवानी से जुड़ा है. इस तरह का एक नहीं दो -दो ऑडियो वायरल हो चुका है.

क्या है ऑडियो मेंः ऑडियो में सौरभ इसी मनरेगा घोटाले के मामले को दबाने के लिए पैसे की डील कर रहा है. ऑडियो में पांडेयडीह-मंगरोडीह पंचायत में मनरेगा योजना के नाम पर हुई निकासी के मामले की डील की जा रही है. बताया जाता है कि एक तरफ से एजेंट बोल रहा है तो दूसरी तरफ की आवाज सौरव की है. कहा जा रहा है कि पंचायत से नगर निगम में जो क्षेत्र चला गया, वहां पर मनरेगा की योजना कैसे संचालित हुई, कैसे डोंगल बना और कैसे राशि की निकासी हुई. इन बातों की चर्चा के बाद दो से ढाई लाख रुपया का डिमांड भी किया जाता है. डीआरडीए निदेशक से लेकर मनरेगा लोकपाल का जिक्र कर पैसा मांगा जाता है. इतना ही नहीं सदर प्रखंड के मनरेगा घोटाला के बाद जिन बीपीओ का ट्रांसफर हो गया है उसके ट्रांसफर का भी जिक्र है.

विभाग ने माना, आदतन ऐसी हरकत करता है सौरवः इधर उगाही का यह मामला जिला ग्रामीण विकास अभिकरण भी पहुंच चुका है. विभाग के निदेशक से लेकर एक-एक कर्मी को इसकी जानकारी है. इसी वजह से उप विकास आयुक्त कार्यालय ( जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ) ने सौरव से स्पष्टीकरण भी पूछा है. शोकॉज के इस पत्र में निदेशक ने जिन बातों का जिक्र किया वह बताता है कि इस तरह की हरकत सौरव पहले भी करता रहा है. दिनांक 02 अगस्त 2023, ज्ञापांक 1589 में इन बातों का जिक्र है. कहा गया है कि

1. आपके द्वारा निदेशक, लेखा प्रशासन व स्वनियोजना, गिरिडीह तथा लोकपाल, गिरिडीह के नाम पर भेंडरों / ग्राम रोजगार सेवक / पंचायत सचिव / मुखिया / प्रखण्ड विकास कार्यक्रम पदाधिकारी का भयादोहन कर कभी अधिक निकासी के नाम पर, कभी अधिक संख्या में विभिन्न पंचायतों में मनरेगा योजना के नाम पर, कभी फर्जी भुगतान के नाम पर, कभी सामग्री भुगतान के नाम पर इत्यादि ऑनलाइन देखकर अनाधिकृत राशि / पैसे की मांग उत्कोच रिश्वत या घूस के रूप में उनका नाम बेचकर / धमका कर / डराकर / थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के नाम पर समझाया जा रहा है, जो कि आपके द्वारा एक गैर-जिम्मेदराना हरकत, अनुशासहीनता, कार्यालय की छवि धूमिल करना, लापरवाही, अकर्ममण्यता, अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करना तथा दयनीय कार्यशैली को दर्शाता है. यह आपके द्वारा किया गया एक गंभीर प्रकृति का कृत्य है.

2. इसके पूर्व में भी आपके विरूद्ध गंभीर शिकायतें मिलने पर गिरिडीह से राजधनवार स्थानांतरण किया गया था. वहां भी काफी शिकायतें मिलने पर पुनः आपको जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय, गिरिडीह बुलाया गया. इन सबके बावजूद आपकी कार्यशैली एवं आदत में अपेक्षित सुधार नहीं है. पूर्व के उप विकास आयुक्त मुकुंद दास द्वारा भी आपके विरूद्ध शिकायतों के देखते हुए कठोर कार्रवाई की जानी थी, लेकिन आपके द्वारा क्षमा मांगने पर मामले को शिथिल किया गया था. आपके द्वारा पदाधिकारी बदलने पर पुनः उन्हीं गलत आचरण एवं कार्यों की पुनरावृति हो रही है, जो कि निंदनीय है.

3. क्यूं नहीं आपके पूरे कृत्यों तथा प्रकरण को उच्च पदाधिकारियों को सूचित करते हुए, आपको कार्य मुक्त करने की अनुशंसा की जाए? आप अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अधोहस्ताक्षरी को समर्पित करें, ताकि अग्रतर कार्रवाई सुनिश्चित किया जा सके.

आरोपी सौरव ने कहा, दोस्ती में कर रहा था बातः इस विषय पर सौरव कुमार रवानी का पक्ष लेने का प्रयास किया गया. मोबाइल पर उन्होंने बात की. कहा कि उसने किन्ही के नाम पर रिश्वत नहीं मांगी है. कहा कि दोस्त से वह मजाक में बात कर रहा था, उसी बात को रिकॉर्ड कर किसी ने वायरल कर दिया. उनका कहना है उससे विभाग ने स्पष्टीकरण भी पूछा था जिसका जवाब वह दे चुके हैं.

सख्त कार्रवाईः गिरिडीह की मनरेगा लोकपाल तमन्ना परवीन से मामले पर प्रतिक्रिया ली गई. इनका कहना है कि सौरव कुमार रवानी डीआरडीए का कंप्यूटर सहायक है. उसका ऑडियो उन्होंने ने भी सुना है. ऑडियो में उनके नाम पर भी रिश्वत की मांग की गई है. इसकी शिकायत उन्होंने उच्चधिकारियों से की है. इस तरह की हरकत कर लोगों से रिश्वत की मांग करने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी.

चेतावनी देने की हो रही है बातः इधर इस पूरे विषय पर डीआरडीए डायरेक्टर आलोक कुमार का बयान लिया गया. इनका कहना है कि सौरव धनवार में पोस्टेड रहा है और वहां पर भी इस तरह की हरकत वह करता रहा है. इन्हीं हरकतों की वजह से सौरव को धनवार से हटा कर डीआरडीए भेजा गया लेकिन यहां भी इसी तरह की हरकत करने लगा है. आलोक कुमार बताते हैं कि सौरव का दो ऑडियो मिल चुका है जिसमें वह रिश्वत की मांग कर रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उससे स्पष्टीकरण पूछा गया जिसका जवाब उसने सटीक नहीं दिया है. वैसे अभी उसे चेतावनी दी गई है.

उठ रहे हैं कई सवालः बहरहाल यह तो साफ हो चुका है कि ऑडियो सौरव की है. अब सौरव अपने बचाव में तरह तरह का तर्क दे रहा है. लेकिन अधिकारियों के नाम पर यदि कोई अदना सा कर्मी उगाही करने की हिम्मत रखे और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चेतावनी और जांच की बात कही जाए तो विभाग पर सवाल उठना लाजमी है.

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गिरिडीहः जिले के सदर प्रखंड द्वारा मनरेगा में मार्च लूट की गई. आदेश के विपरीत जाकर सदर प्रखंड के कई पंचायत ने करोड़ों की निकासी कर ली. मजदूरों के भुगतान को दरकिनार कर मेटेरियल सप्लायर को भुगतान किया. ईटीवी भारत ने सबसे पहले इस घोटाले की खबर को सामने लाया. मामले को जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने न सिर्फ गंभीरता से लिया बल्कि त्वरित रूप से अलग-अलग जांच टीम का गठन करते हुए जांच करवायी.

ये भी पढ़ेंः MGNREGA Scam: नियम विरुद्ध 7.88 करोड़ की निकासी में कार्रवाई शुरू, बीडीओ से लेकर मुखिया तक को किया गया दंडित

जांच के बाद डीसी ने कार्रवाई भी की इसके साथ ही एक मैसेज भी दिया कि गड़बड़ी करने पर लोग बख्शे नहीं जाएंगे. इस बीच इसी मनरेगा घोटाला से जुड़ा एक ऑडियो चर्चा का केंद्र बन गया है. ऑडियो जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कंप्यूटर ऑपरेटर सौरव कुमार रवानी से जुड़ा है. इस तरह का एक नहीं दो -दो ऑडियो वायरल हो चुका है.

क्या है ऑडियो मेंः ऑडियो में सौरभ इसी मनरेगा घोटाले के मामले को दबाने के लिए पैसे की डील कर रहा है. ऑडियो में पांडेयडीह-मंगरोडीह पंचायत में मनरेगा योजना के नाम पर हुई निकासी के मामले की डील की जा रही है. बताया जाता है कि एक तरफ से एजेंट बोल रहा है तो दूसरी तरफ की आवाज सौरव की है. कहा जा रहा है कि पंचायत से नगर निगम में जो क्षेत्र चला गया, वहां पर मनरेगा की योजना कैसे संचालित हुई, कैसे डोंगल बना और कैसे राशि की निकासी हुई. इन बातों की चर्चा के बाद दो से ढाई लाख रुपया का डिमांड भी किया जाता है. डीआरडीए निदेशक से लेकर मनरेगा लोकपाल का जिक्र कर पैसा मांगा जाता है. इतना ही नहीं सदर प्रखंड के मनरेगा घोटाला के बाद जिन बीपीओ का ट्रांसफर हो गया है उसके ट्रांसफर का भी जिक्र है.

विभाग ने माना, आदतन ऐसी हरकत करता है सौरवः इधर उगाही का यह मामला जिला ग्रामीण विकास अभिकरण भी पहुंच चुका है. विभाग के निदेशक से लेकर एक-एक कर्मी को इसकी जानकारी है. इसी वजह से उप विकास आयुक्त कार्यालय ( जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ) ने सौरव से स्पष्टीकरण भी पूछा है. शोकॉज के इस पत्र में निदेशक ने जिन बातों का जिक्र किया वह बताता है कि इस तरह की हरकत सौरव पहले भी करता रहा है. दिनांक 02 अगस्त 2023, ज्ञापांक 1589 में इन बातों का जिक्र है. कहा गया है कि

1. आपके द्वारा निदेशक, लेखा प्रशासन व स्वनियोजना, गिरिडीह तथा लोकपाल, गिरिडीह के नाम पर भेंडरों / ग्राम रोजगार सेवक / पंचायत सचिव / मुखिया / प्रखण्ड विकास कार्यक्रम पदाधिकारी का भयादोहन कर कभी अधिक निकासी के नाम पर, कभी अधिक संख्या में विभिन्न पंचायतों में मनरेगा योजना के नाम पर, कभी फर्जी भुगतान के नाम पर, कभी सामग्री भुगतान के नाम पर इत्यादि ऑनलाइन देखकर अनाधिकृत राशि / पैसे की मांग उत्कोच रिश्वत या घूस के रूप में उनका नाम बेचकर / धमका कर / डराकर / थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के नाम पर समझाया जा रहा है, जो कि आपके द्वारा एक गैर-जिम्मेदराना हरकत, अनुशासहीनता, कार्यालय की छवि धूमिल करना, लापरवाही, अकर्ममण्यता, अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करना तथा दयनीय कार्यशैली को दर्शाता है. यह आपके द्वारा किया गया एक गंभीर प्रकृति का कृत्य है.

2. इसके पूर्व में भी आपके विरूद्ध गंभीर शिकायतें मिलने पर गिरिडीह से राजधनवार स्थानांतरण किया गया था. वहां भी काफी शिकायतें मिलने पर पुनः आपको जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय, गिरिडीह बुलाया गया. इन सबके बावजूद आपकी कार्यशैली एवं आदत में अपेक्षित सुधार नहीं है. पूर्व के उप विकास आयुक्त मुकुंद दास द्वारा भी आपके विरूद्ध शिकायतों के देखते हुए कठोर कार्रवाई की जानी थी, लेकिन आपके द्वारा क्षमा मांगने पर मामले को शिथिल किया गया था. आपके द्वारा पदाधिकारी बदलने पर पुनः उन्हीं गलत आचरण एवं कार्यों की पुनरावृति हो रही है, जो कि निंदनीय है.

3. क्यूं नहीं आपके पूरे कृत्यों तथा प्रकरण को उच्च पदाधिकारियों को सूचित करते हुए, आपको कार्य मुक्त करने की अनुशंसा की जाए? आप अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अधोहस्ताक्षरी को समर्पित करें, ताकि अग्रतर कार्रवाई सुनिश्चित किया जा सके.

आरोपी सौरव ने कहा, दोस्ती में कर रहा था बातः इस विषय पर सौरव कुमार रवानी का पक्ष लेने का प्रयास किया गया. मोबाइल पर उन्होंने बात की. कहा कि उसने किन्ही के नाम पर रिश्वत नहीं मांगी है. कहा कि दोस्त से वह मजाक में बात कर रहा था, उसी बात को रिकॉर्ड कर किसी ने वायरल कर दिया. उनका कहना है उससे विभाग ने स्पष्टीकरण भी पूछा था जिसका जवाब वह दे चुके हैं.

सख्त कार्रवाईः गिरिडीह की मनरेगा लोकपाल तमन्ना परवीन से मामले पर प्रतिक्रिया ली गई. इनका कहना है कि सौरव कुमार रवानी डीआरडीए का कंप्यूटर सहायक है. उसका ऑडियो उन्होंने ने भी सुना है. ऑडियो में उनके नाम पर भी रिश्वत की मांग की गई है. इसकी शिकायत उन्होंने उच्चधिकारियों से की है. इस तरह की हरकत कर लोगों से रिश्वत की मांग करने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी.

चेतावनी देने की हो रही है बातः इधर इस पूरे विषय पर डीआरडीए डायरेक्टर आलोक कुमार का बयान लिया गया. इनका कहना है कि सौरव धनवार में पोस्टेड रहा है और वहां पर भी इस तरह की हरकत वह करता रहा है. इन्हीं हरकतों की वजह से सौरव को धनवार से हटा कर डीआरडीए भेजा गया लेकिन यहां भी इसी तरह की हरकत करने लगा है. आलोक कुमार बताते हैं कि सौरव का दो ऑडियो मिल चुका है जिसमें वह रिश्वत की मांग कर रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उससे स्पष्टीकरण पूछा गया जिसका जवाब उसने सटीक नहीं दिया है. वैसे अभी उसे चेतावनी दी गई है.

उठ रहे हैं कई सवालः बहरहाल यह तो साफ हो चुका है कि ऑडियो सौरव की है. अब सौरव अपने बचाव में तरह तरह का तर्क दे रहा है. लेकिन अधिकारियों के नाम पर यदि कोई अदना सा कर्मी उगाही करने की हिम्मत रखे और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चेतावनी और जांच की बात कही जाए तो विभाग पर सवाल उठना लाजमी है.

Last Updated : Aug 24, 2023, 7:08 PM IST
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