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मधुबन विस्फोट मामले में नया मोड़, पूछताछ के लिए थाना लाए गए युवक ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप

गिरिडीह स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल मधुबन में दो दिन पहले हुए विस्फोट मामले में नया मोड़ सामने आया है. मामले की पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिए गए सौरभांचल संस्था के कर्मी ने मधुबन पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने पीड़ित से मुलाकात की और आरोपी पुलिस के खिलाफ सीएम से शिकायक करने की बात कही है.

New revelation in Maghuban blast case in giridih
थाना पहुंचे विधायक
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Published : Feb 24, 2020, 10:31 PM IST

गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में बीते शनिवार की रात हुवे विस्फोट मामले की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. रविवार तक पुलिस इस घटना में नक्सलियों की संलिप्तता से इंकार कर रही थी. वहीं सोमवार को घटनास्थल पर पोस्टर और तार मिलने से मामले में नया मोड़ आ गया है. जिसके बाद इस घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ होने की बात सामने आ रही है. हालांकि घटनास्थल से मिला पोस्टर भाकपा माओवादी का है या किसी और संगठन का इसकी जानकारी पुलिस नहीं कर पाई है.

देखें पूरी खबर

इधर इस घटना के बाद पूछताछ के लिए जिस कामेश्वर महतो नामक युवक को मधुबन थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था. उस युवक ने पुलिस पर बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जानकारी गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को भी दी गई है. जानकारी के बाद विधायक सुदिव्य सोमवार दोपहर में मधुबन पहुंचे. जहां वे सीधे पीड़ित युवक के घर पहुंचे और पीड़ित युवक ने पूरी आपबीती सुनी.

पीड़ित ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप

घटना के बाद पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया कामेश्वर महतो ने विधायक को बताया कि वह सौरभांचल संस्था में काम करता है. उसने कहा कि शनिवार रात को मधुबन में ही था. इस बीच संस्था के ट्रस्टी मनीष जैन का फोन आया. जिसके बाद उन्होंने कामेश्वर से बोला कि संस्था परिसर में विस्फोट होने की सूचना है जाकर देख लो. उसके बाद कामेश्वर अपने साथ सौरभांचल में पुजारी मोनू जैन के साथ सौरभांचल संस्था परिसर पहुंचा. जहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी. संस्था का गेट खोलकर वह पुलिस के साथ अंदर गया. पुलिस ने जांच के दौरान तार और पोस्टर पाया. जिसके बाद कामेश्वर के साथ जमकर मारपीट की गई. बाद में मुझे थाना ले आया गया, जहां दिनभर रखने के बाद रात 8 बजे के करीब छोड़ा गया. उसने बताया कि सहायक अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे और वर्तमान में लाइन हाजिर ओमप्रकाश पांडेय ने कामेश्वर के साथ मारपीट की है. जिससे मेरे शरीर में गंभीर चोटें आई हैं. इस दौरान कामेश्वर ने शरीर के जख्मों को भी विधायक को दिखाया.

मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे विधायक

पूरा मामला समझने के बाद विधायक ने पीड़ित को आवेदन देने को कहा है. विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि लोकतंत्र में किसी के साथ बर्बरता से पिटाई करने का कोई अधिकार नहीं है. विधायक ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. दोषी पुलिस पदाधिकारी पर नियम संगत कार्रवाई होगी.

थाना पहुंचकर ली जानकारी
पीड़ित युवक के गांव सिंहपुर से निकलने के बाद विधायक मधुबन थाना पहुंचे. जहां वर्तमान थाना प्रभारी राऊतु होनहागा और प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. विधायक ने इस दौरान युवक के साथ मारपीट की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि बिना सत्यता जाने उसी संस्था में कार्यरत कर्मी, जिसको ट्रस्टी ने फोन कर जाने को कहा, उसकी बेरहमी से पिटाई करना गलत है. विधायक ने कहा कि जब ओपी पांडेय लाइन हाजिर हैं तो उन्होंने घटना की सत्यता की जांच कैसे की. किसी को बिना सत्यता की जांच किये क्यों पीटा गया.

और पढ़ें- एक पुल बनने से 30 हजार लोगों को होगा फायदा, लेकिन सरकार है कि समझती नहीं!

थाना प्रभारी ने मारपीट से किया इनकार

इस संबंध में प्रभार में रहे थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि उनके सामने कामेश्वर महतो के साथ मारपीट नहीं हुई है और न ही मुझे मारपीट के बारे में कोई जानकारी है. थाना लाए जाने के बाद भी कामेश्वर महतो के साथ मारपीट नहीं की गई है. इस तरह का आरोप का निराधार है.

गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में बीते शनिवार की रात हुवे विस्फोट मामले की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. रविवार तक पुलिस इस घटना में नक्सलियों की संलिप्तता से इंकार कर रही थी. वहीं सोमवार को घटनास्थल पर पोस्टर और तार मिलने से मामले में नया मोड़ आ गया है. जिसके बाद इस घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ होने की बात सामने आ रही है. हालांकि घटनास्थल से मिला पोस्टर भाकपा माओवादी का है या किसी और संगठन का इसकी जानकारी पुलिस नहीं कर पाई है.

देखें पूरी खबर

इधर इस घटना के बाद पूछताछ के लिए जिस कामेश्वर महतो नामक युवक को मधुबन थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था. उस युवक ने पुलिस पर बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जानकारी गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को भी दी गई है. जानकारी के बाद विधायक सुदिव्य सोमवार दोपहर में मधुबन पहुंचे. जहां वे सीधे पीड़ित युवक के घर पहुंचे और पीड़ित युवक ने पूरी आपबीती सुनी.

पीड़ित ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप

घटना के बाद पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया कामेश्वर महतो ने विधायक को बताया कि वह सौरभांचल संस्था में काम करता है. उसने कहा कि शनिवार रात को मधुबन में ही था. इस बीच संस्था के ट्रस्टी मनीष जैन का फोन आया. जिसके बाद उन्होंने कामेश्वर से बोला कि संस्था परिसर में विस्फोट होने की सूचना है जाकर देख लो. उसके बाद कामेश्वर अपने साथ सौरभांचल में पुजारी मोनू जैन के साथ सौरभांचल संस्था परिसर पहुंचा. जहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी. संस्था का गेट खोलकर वह पुलिस के साथ अंदर गया. पुलिस ने जांच के दौरान तार और पोस्टर पाया. जिसके बाद कामेश्वर के साथ जमकर मारपीट की गई. बाद में मुझे थाना ले आया गया, जहां दिनभर रखने के बाद रात 8 बजे के करीब छोड़ा गया. उसने बताया कि सहायक अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे और वर्तमान में लाइन हाजिर ओमप्रकाश पांडेय ने कामेश्वर के साथ मारपीट की है. जिससे मेरे शरीर में गंभीर चोटें आई हैं. इस दौरान कामेश्वर ने शरीर के जख्मों को भी विधायक को दिखाया.

मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे विधायक

पूरा मामला समझने के बाद विधायक ने पीड़ित को आवेदन देने को कहा है. विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि लोकतंत्र में किसी के साथ बर्बरता से पिटाई करने का कोई अधिकार नहीं है. विधायक ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. दोषी पुलिस पदाधिकारी पर नियम संगत कार्रवाई होगी.

थाना पहुंचकर ली जानकारी
पीड़ित युवक के गांव सिंहपुर से निकलने के बाद विधायक मधुबन थाना पहुंचे. जहां वर्तमान थाना प्रभारी राऊतु होनहागा और प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. विधायक ने इस दौरान युवक के साथ मारपीट की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि बिना सत्यता जाने उसी संस्था में कार्यरत कर्मी, जिसको ट्रस्टी ने फोन कर जाने को कहा, उसकी बेरहमी से पिटाई करना गलत है. विधायक ने कहा कि जब ओपी पांडेय लाइन हाजिर हैं तो उन्होंने घटना की सत्यता की जांच कैसे की. किसी को बिना सत्यता की जांच किये क्यों पीटा गया.

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थाना प्रभारी ने मारपीट से किया इनकार

इस संबंध में प्रभार में रहे थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि उनके सामने कामेश्वर महतो के साथ मारपीट नहीं हुई है और न ही मुझे मारपीट के बारे में कोई जानकारी है. थाना लाए जाने के बाद भी कामेश्वर महतो के साथ मारपीट नहीं की गई है. इस तरह का आरोप का निराधार है.

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